कलेक्टर ने जिले में विस्फोटक सामग्री बनाने वाले संस्थानों की जांच कर 24 घंटे में रिपोर्ट के निर्देश दिये

मंदसौर / हरदा के विस्फोटों के बाद प्रदेश सरकार समेत सभी जिलों में प्रशासन हरकत में आगया है । मंदसौर में भी कलेक्टर ने त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिये हैं ।

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कलेक्टर ने जिले में विस्फोटक सामग्री बनाने वाले संस्थानों की जांच कर 24 घंटे में रिपोर्ट के निर्देश दिये

मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने स्वयं इस हादसे पर संज्ञान लिया और स्पष्ट और सख्त कार्यवाही के निर्देश के साथ भरोसा दिलाया है उसी परिपेक्ष्य में मंदसौर जिले के कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्री दिलीप कुमार यादव ने जिले के चारों गरोठ , मल्हारगढ़ , सीतामऊ और मंदसौर एसडीएम को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि, जिले में जितने भी विस्फोटक सामग्री बनाने वाली फैक्ट्रियां, संस्थान एवं विस्फोटक सामग्री बेचने वाली दुकानों की जांच करें। जांच में यह देखे की, उक्त सभी संस्थाएं, दुकान शासकीय नियमानुसार संचालित हो रही है या नहीं। जमीनी स्तर पर जांच कर रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर प्रस्तुत करें।

अगर कोई फैक्ट्री या दुकान विस्फोटक सामग्री निर्माण करने के नियमों के अंतर्गत संचालित नहीं हो रही है, तो उसके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।

प्रशासन और सरकारी रवैये के चलते हर बार “सांप निकल जाने के बाद लकीर पीटने ” का आलम ही सामने आता है । विगत वर्षों की दुर्घटनाओं , हादसों से यही उजागर हुआ है । तथ्य है कि लोगों की जान चली जाती है और हादसों से सबक नहीं लिया जाता , फिर अगली दुर्घटनाओं और हादसों का इंतज़ार किया जाता है ?

मजेदार तथ्य यह भी है कि घटना दुर्घटना उपरांत बुलडोजर भी चलाया जारहा है तब प्रशासन और पुलिस कहते हैं अतिक्रमण तोड़ा गया है , आखिर यह अतिक्रमण वारदातों के बाद ही पता क्यों चलता है ? ऐसे मामले व्यवस्था पर प्रश्न तो खड़े कर ही रहे हैं और असंतोष को हवा देते हैं

ऐसे मामलों में ठंडे छींटे डाल जांच प्रशासनिक हो या मजिस्ट्रियल कराने का उपक्रम किये जाने का रिवाज होगया है ? भले ही उसकी रिपोर्ट नहीं मिले ?

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हरदा मामले में भी तीन सदस्यों की टीम गठित की गई है ।

ज्ञातव्य है कि मंदसौर में ही तीन दशकों पहले पुलिस जवान द्वारा अकारण गोली चालन से निरपराध लोगों की मौत होगई , वहीं बरखेड़ा पंथ पिपलिया में पुलिस की गोलियों से किसानों की जान चली गई पर जांच आयोग की रिपोर्ट पब्लिक नहीं हुई है । लोगों को आशंका है कि हरदा विस्फोटों के बाद के मामले में भी यही होगा क्या ?

बहरहाल हादसे में मृत और घायलों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उम्मीद की जारही है कि प्रशासन निश्चित ही सख्ती से कार्यवाही को अंजाम देगा ।
क्योंकि राजनीति पक्ष और विपक्ष की शुरू होगई है , आरोप प्रत्यारोपण जारी है ऐसे में तत्काल और प्रभावी कार्यवाही की आशा की जारही है ।