मुख्यमंत्री का सपना साकार करने में कलेक्टर ने दिन रात किए एक
(उज्जैन से सुदर्शन सोनी की रिपोर्ट)
उज्जैन । “प्राहोमेशोलभ्या श्री: कर्तु: प्रारब्धात” अर्थात सफलता उसे ही प्राप्त होती है, जो प्रयास करता हैं ।
इसी श्लोक को मूल मंत्र मान उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने विश्वप्रसिद्ध बाबा महाकाल के आंगन की छवि को विश्वपटल पर उकेरने के कार्यों मे अहम भूमिका निभाई । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की मंशा अनुसार उज्जैन को तीनों लोकों से प्यारी नगरी बनाने के लिए सदैव तत्पर रहकर उज्जैन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत चल रहे बाबा महाकाल मंदिर के विस्तार संबंधित कार्यो को प्रथमिकता प्रदान की । उन्होंने प्रतिदिन होने वाले कार्यों की न केवल बारीकी से मॉनिटरिंग की वरन कार्यों की गुणवत्ता के साथ धार्मिक पहलुओं को भी ध्यान में रखकर कार्यो को गति प्रदान करते रहे । बाबा महाकाल के मंदिर में शिवनावरात्री उत्सव के दौरान “शिवज्योति अर्पणम” शिव दीपावली के माध्यम से रिकॉर्ड 11,71,078 दीपक जला कर विश्वकीर्तिमान स्थापित करने के विशेष कार्य को जन सामान्य से जोडा । जनसमर्थन के कारण लक्ष्य अधिक प्राप्त करने का श्रेय कलेक्टर श्री आशीष सिंह की कार्यक्षमता को ही जाता है । यही नही अपनी प्रशासनिक दक्षता के चलते बाहुबली अतिक्रामको से अरबों रुपये मूल्य की शासकीय जमीनों को मुक्त कराने एवं तत्काल ही उन जमीनों को शासकीय योजनाओं जैसे सीएम राइज स्कूल, खेल संस्थाओं आदि को शासन की स्वीकृति से प्रदान करने के कार्य में भी कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने अपनी कर्त्तव्य परायणता सिद्ध की है । अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग कलेक्टर आशीष सिंह नवनिर्मित प्रशासनिक संकुल भवन के तीसरे माले पर स्थित अपने कार्यालय में आने जाने के लिये कभी लिफ्ट का इस्तेमाल नही करते, जबकि उन्हें अपने ऑफ़िस कई बार आना-जाना होता है, मगर हमेशा उन्हें सीढ़ियो से ही आते-जाते देखा गया है, कार्यालय में भी उन्हें बैठकर कार्य करते कम ही देखने को मिलता है। उन्हें ऑफिस में अक्सर खड़े रहकर ही विभिन्न प्रकरणों की फाइलों पर गौर करते एवं हस्ताक्षर करते देखा गया है । इस कार्य के दौरान भी वे कार्यालय में विभिन्न समस्याऐं लेकर आने वाले समस्त आगन्तुक जनसमान्य से बड़े इत्मिनान से चर्चा कर उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं । लोकार्पण दिवस की अंतिम बेला पर “महाकाल लोक” के कार्यों को करने जूनून कलेक्टर आशीष सिंह की आखों में अलग ही नजर आता है, प्रधानमंत्री के उज्जैन प्रवास एवं महाकाल लोक के लोकार्पण की तारीख तय होते ही वे तैयारियों के लिए रोजाना लगभग 20 घंटे वर्किंग में लगे है, कार्यक्रम को लेकर नई ऊर्जा से लबरेज कलेक्टर श्री सिंह के लगातार बैठके कर, महाकाल मंदिर विस्तारीकरण योजना से जुड़े हर व्यक्ति से वन टू वन चर्चा कर रहे है, हर कार्य का बारीकी से रिवीजन भी कर रहे है । ऐसे बिरले अधिकारियों को प्रोत्साहन मिलना ही चाहिए अधिकारी तो बहुत है जो नौकरी करते है पर कुछ एक अधिकारी ऐसे बिरले होते है जो पूरे मनोभाव से कार्य के प्रति जुट जाते है ।
आज तक कलेक्टर उज्जैन आशीष सिंह को जो काम मिला उन्होंने जनता के लिए कोई शिकायत नही छोड़ी वरन जानता से संवाद कायम कर जनमानस को कार्यक्रमों से जोड़ा है । वे महाशिवरात्रि महापर्व पर “शिवज्योति अर्पणम” का अनूठा आयोजन कर उज्जैन को वर्ल्ड रिकॉर्ड का खिताब दिलाकर जनता के दिलो में बस गए ।
कलेक्टर के रुप मे उज्जैन में पदस्थापना के समय कलेक्टर आशीष सिंह उज्जैन में कोरोना के असल योद्धा सिध्द हुए ।
भीषण महामारी कोरोनो में बिगड़ती व्यवस्था को देखकर तत्कालीन कलेक्टर शशांक मिश्र के स्थान पर आशीष सिंह ने उज्जैन जिले की कमान संभाली तब भी उन्होंने असल योद्धा के तौर काम किया, वे पीपीई किट पहन कोविड सेंटर में सीधे मरीजों के पास जाकर मिले एवं तमाम जानकारियां ली । यही नही कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी वे रात-दिन आम नागरिकों के लिए इंजेक्शन, आक्सीजन आदि की व्यवस्थाओं में जुटे रहे कही कोई कमी नही आने दी । उज्जैन के इस कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी के सम्मान की मांग जोर पकड़ने लगी है ।