शौचालय में CCTV लगाने वाले सांदीपनी CM राइज स्कूल में प्राचार्य राजेंद्र कुमार ताम्रकार को कमिश्नर ने किया सस्पेंड

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शौचालय में CCTV लगाने वाले सांदीपनी CM राइज स्कूल में प्राचार्य राजेंद्र कुमार ताम्रकार को कमिश्नर ने किया सस्पेंड

छतरपुर से राजेश चौरसिया की रिपोर्ट

छतरपुर: छतरपुर जिले में शासकीय सांदीपनी सीएम राइज उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बकस्वाहा के शौचालय में CCTV लगाने वाले प्राचार्य राजेंद्र कुमार ताम्रकार को सागर संभाग के कमिश्नर अनिल सुचारी ने सस्पेंड कर दिया है।
शासकीय सांदीपनी सीएम राइज उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बकस्वाहा के प्राचार्य का यह शर्मनाक कारनामा पिछले दिनों सामने आया था। दरअसल उक्त विद्यालय के शौचालय में CCTV कैमरा लगा पाया गया था, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
इस सनसनीखेज मामले ने स्कूल प्रशासन और प्राचार्य की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे। आरोप है कि प्राचार्य ने बच्चों के आपत्तिजनक वीडियो बनाने की मंशा से यह कदम उठाया, जिससे अभिभावकों और स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया था।
सागर संभाग के कमिश्नर अनिल सुचारी ने इस पूरे मामले को संज्ञान में लेकर कलेक्टर को जांच के निर्देश दिए हैं। वहीं कलेक्टर ने तत्काल बकस्वाहा तहसीलदार को मौके पर भेजकर जांच कराई। इसके अलावा जिला ​शिक्षा अ​धिकारी ने भी प्राचार्य को कारण बताओ नोटिस भेजकर तुरंत जवाब मांगा है।

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*●यह है पूरा मामला…*

प्राप्त जानकारी के मुताबिक मंगलवार को शासकीय सांदीपनी सीएम राइज उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बकस्वाहा का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें स्कूल के बालक शौचालय में सीसीटीवी कैमरा लगा दिखा रहा है। जैसे ही यह मामला संभागीय कमिश्नर अनिल सुचारी के संज्ञान में आया, उन्होंने तत्काल छतरपुर कलेक्टर पार्थ जैसवाल को जांच के निर्देश दिए।

कलेक्टर जैसवाल ने बकस्वाहा तहसीलदार भरत पांडे को
प्रशासनिक अमले के साथ घटनास्थल पर भेजा, जहां जांच में बाथरूम के अंदर वास्तव में सीसीटीवी कैमरा लगा पाया गया, हालांकि मामला उजागर होने के बाद किसी ने आनन-फानन में कैमरे के वायर काट दिए थे। जांच प्रतिवेदन में इस तथ्य का स्पष्ट उल्लेख किया गया है।
गौरतलब है कि प्राचार्य राजेंद्र कुमार ताम्रकार पर न केवल नियमों की अवहेलना का आरोप है, बल्कि उनकी मंशा पर भी सवाल उठे थे। शौचालय जैसे निजी स्थान में कैमरा लगाना न केवल गोपनीयता का उल्लंघन है, बल्कि यह बच्चों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा है।

स्थानीय लोगों और अभिभावकों का कहना है कि प्राचार्य ने यह कदम जानबूझकर उठाया, जिसके पीछे उनकी अनैतिक मंशा हो सकती है। स्कूल जैसे संवेदनशील स्थान पर इस तरह का कृत्य न केवल प्राचार्य की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है, बल्कि शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर आघात है।

कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने कमिश्नर के निर्देश पर तत्काल जांच करवाई और अपनी रिपोर्ट कमिश्नर को भेजिए कलेक्टर की रिपोर्ट के आधार पर कमिश्नर ने स्कूल के प्राचार्य को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

निलंबन अवधि में ताम्रकार का मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय छतरपुर नियत किया गया है। आदेश में बताया गया है कि निलंबन अवधि में ताम्रकार को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।