

प्रधान मंत्री पद के लिए उम्र की सीमा का विवाद निरर्थक
आलोक मेहता
दुनिया के शक्तिशाली नेता डोनाल्ड ट्रम्प , व्लादिमीर पुतिन , शी जिन पिंग को क्या उम्र के आधार पर अमेरिका , रुस और चीन की जनता ही नहीं दुनिया स्वीकारती या अस्वीकारती है ? ट्रम्प 79 पार हैं , पुतिन और शी जिन पिंग 70 पार कर चुके हैं | इस समय भारत में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा सत्ता या प्रतिपक्ष में कौन सा ऐसा नेता हैं , जो इन महाशक्तियों की क्षमता और कमजोरियों को करीब से समझते जानते हों और उनके साथ भारत का पलड़ा भारी रखकर संवाद कर सकता हो ? मोदी को देश में भी जितनी व्यापक लोकप्रियता है , वह भी देश दुनिया के लोग समझते हैं | शायद यही कारण है कि उनके घोर कुछ विरोधी नेता , कुछ संगठन या विदेशी ताकतें नरेंद्र मोदी को सितम्बर में 75 वर्ष की आयु में प्रवेश करने पर प्रधान मंत्री पद से हटने की निरर्थक बातें उठा रहे हैं | भ्रम यह फैलाया जा रहा है कि 2014 में उन्होंने या भाजपा ने स्वयं महत्वपूर्ण पदों के लिए यह आयु सीमा तय की थी | आप दस ग्यारह नहीं पंद्रह वर्षों का प्रिंट , आडिओ , वीडियो का रिकॉर्ड छान लीजिये , कहीं ऐसी कोई स्पष्ट घोषणा नहीं मिलेगी |
इसके साथ पिछले दशकों के पूर्व प्रधान मंत्रियों या पद के दावेदार शीर्ष नेताओं की उम्र का रिकॉर्ड देख लीजिये | इमरजेंसी के बाद 1977 में भारी बहुमत से आई जनता पार्टी के प्रधान मंत्री मोरारजी देसाई 81 वर्ष के थे | यदि पार्टी में विद्रोह नहीं होता , तो वह 86 वर्ष की उम्र में अपना कार्यकाल पूरा करते | विद्रोही नेता के रुप में कांग्रेस के भ्रामक समर्थन से 1979 में प्रधान मंत्री बने चौधरी चरण सिंह 76 वर्ष के थे | इसी तरह पुराने कांग्रेसी कम्युनिस्टों का समर्थन लेकर प्रधान मंत्री बने इन्दर कुमार गुजराल 1997 में 77 वर्ष की आयु में प्रधान मंत्री बने | भाजपा के अटल बिहारी वाजपेयी जब 1999 में पुनः प्रधान मंत्री बने तो 74 वर्ष के थे और 2004 में 79 के हो गए थे | उनके बाद कांग्रेस गठबंधन के डॉक्टर मनमोहन सिंह 71 की उम्र में बने और 2014 में 81 वर्ष की आयु तक प्रधान मंत्री पद पर आसीन रहे | भाजपा यदि 2009 में सत्ता में आ जाती और यदि पार्टी लालकृष्ण आडवाणी को अपना प्रधान मंत्री बनाती तो उनकी उम्र 82 वर्ष की थी और पांच साल राज भी राज करते तो 87 के हो चुके होते | दूसरे प्रबल दावेदार और पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी भी 80 पार कर चुके थे | इन सभी नेताओं को अपनी पार्टी और जनता में अच्छा स्थान भी रहा | इसलिए उम्र से राजनीतिक पद पर रहने या रिटायर होने का निर्णय पार्टियां , जनता और नेता स्वयं तय कर सकते हैं | केवल जोड़ तोड़ , डिश में अस्थिरता अराजकता और भ्रष्टाचार के लिए पदासीन प्रधान मंत्री को हटाने की किसी भी मुहीम को सही समय पर रोकने की जरुरत होती है | हाँ दूसरी पंक्ति यानी भविष्य के नेतृत्व तैयार करने का काम पदासीन प्रधान मंत्री और उनकी पार्टी को अवश्य करते रहना चाहिए | पुराना इतिहास गवाह है कि अति महत्वाकांक्षी नेता जोड़ तोड़ या षडयंत्रों से प्रधान मंत्री नहीं बन सकते और किसी कारण से बन भी गए तो अधिक समय तक पद पर टिके नहीं रह सकते | उदाहरण के लिए कांग्रेस के बड़े दावेदार यशवंतराव चव्हाण , जगजीवन राम , हेमवती नंदन बहुगुणा , शरद पवार , अर्जुन सिंह जैसे नेताओं की तत्कालीन गतिविधियों के गवाह हम जैसे पत्रकार भी हैं | विश्वनाथ प्रताप सिंह ने राजीव गाँधी की भारी बहुमत वाली सरकार गिराकर प्रधान मंत्री पद पाया तो कितने समय टिके और खुद की पार्टी का क्या हश्र हुआ ?
बहरहाल इस वर्तमान विवाद का एक कारण भाजपा के पिछले कुछ कुछ राजनीतिक निर्णय अवश्य माने जा सकते हैं | वैसे तो भाजपा की ऐसी कोई नीति नहीं है कि शीर्ष पद के लिए उम्र निर्धारित हो | लेकिन अतीत में लालकृष्ण आडवाणी, सुमित्रा महाजन से लेकर मुरली मनोहर जोशी जैसे नेता भी 75 साल की उम्र के बाद राजनीति से हट गए थे | मई 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के 75 साल के होने के बाद रिटायरमेंट अफवाएं अरविन्द केजरीवाल जैसे नेताओं दवरा उड़ाई गई थी | वरिष्ठ नेता अमित शाह और राजनाथ सिंह ने ऐसी अफवाह का खंडन किया था | केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था , “मैं अरविंद केजरीवाल एंड कंपनी और पूरे इंडिया ब्लॉक को बताना चाहूंगा कि आपको इस बात से खुश होने की कोई जरूरत नहीं है कि मोदी जी 75 वर्ष के हो रहे हैं | भाजपा के संविधान में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि आपको रिटायर होना है | मोदी जी कार्यकाल पूरा करेंगे और देश का नेतृत्व करते रहेंगे | इस पर बीजेपी में कोई भ्रम नहीं है |”वहीँ भारतीय संविधान के अनुसार प्रधानमंत्री को लोकसभा के लिए चुने जाने पर कम से कम 25 साल या राज्यसभा के लिए चुने जाने पर 30 वर्ष की आयु जरूरी है और संविधान में प्रधानमंत्री की अधिकतम आयु या रिटायरमेंट के बारे में कोई नियम नहीं है |
भाजपा ने कभी भी इस 75 पार वाले नियम को लिखित में दर्ज नहीं किया, लेकिन यह बात 2014 से ही चर्चा में रही | 2016 में इसी आधार पर गुजरात की तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने गुजराती में लिखी एक फेसबुक पोस्ट में पार्टी नेतृत्व से अनुरोध किया था कि उन्हें इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया जाए क्योंकि वे नवंबर में 75 वर्ष की होने वाली थीं |2016 में भी आनंदीबेन पटेल के फैसले को पार्टी नेतृत्व के 75 साल से अधिक उम्र के नेताओं को रिटायर करने के अघोषित नियम से जोड़कर देखा जा रहा था लेकिन उन्हें और कलराज मिश्र जैसे नेता राज्यपाल बने | इससे पहले जुलाई, 2016 में नजमा हेपतुल्ला ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था, जो तब 76 साल की थीं. इनके अलावा यशवंत सिन्हा, उत्तराखंड के पूर्व सीएम बीसी खंडूरी, जसवंत सिंह, अरुण शौरी, लालजी टंडन, कल्याण सिंह, केशरी नाथ त्रिपाठी समेत कई नेता उम्र की वजह से सक्रिय राजनीति से दूर हो गए | दूसरी तरफ 75 पार करने के बावजूद कर्णाटक में येदुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाया गया |
अब नरेंद्र मोदी के प्रधान मंत्री पद पर रहते हुए नागपुर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुख्यालय जाने और सरसंघचालक मोहन भागवत के साथ कार्यक्रम में रहने पर उद्धव ठाकरे गुट की शिव सेना के संजय राउत और सोशल मीडिया में मोदी के रिटायरमेंट प्लान की अफवाहें चलाई गई | तब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने उद्धव ठाकरे की पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राउत की बात का जवाब देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी 2029 में भी प्रधानमंत्री बनेंगे। उनका यह बयान संजय राउत के बयान की प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि भाजपा की आगे की राजनीति की दिशा उन्होंने मोदी को भाजपा का पिता कहा और इस बात पर जोर दिया कि पिता के रहते उत्तराधिकारी की चर्चा नहीं होती है। फड़नवीस ने कहा कि पिता के रहते उत्तराधिकारी की चर्चा मुगल संस्कृति में होती है। सो, फड़नवीस के हिसाब से मोदी ‘मैन ऑफ द फैमिली’ हैं, पिता हैं और वे प्रधानमंत्री बने रहेंगे। यह पहले से लग रहा था कि जिस 75 साल के सिद्धांत के आधार पर भाजपा के कई पुराने नेता रिटायर हुए वह मोदी पर लागू नहीं होगा। मोदी न केवल संघ के सिद्धांतों और हिंदुत्व के आदर्शों को क्रियान्वित कर रहे , जन कल्याण की अनेक योजनाओं को लागू करके लोकप्रियता के शिखर पर हैं | अब फड़नवीस की बातों ने इस पर मुहर लगा दी है।