देश जाति के नाम पर होता जा रहा टुकड़े – टुकड़े – पंडित प्रदीप मिश्रा

शुक्रवार को होगा वैशाखी शिवमहापुराण कथा का समापन

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रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट

रतलाम: आज संपूर्ण राष्ट्र जो बट रहा है वह जाति में बट रहा है।जाति का विभाजन राजनीति के अलावा आप और हम कर रहे हैं।जाति का विभाजन परमात्मा ने कभी नहीं किया। क्षत्रिय ने ब्राह्मण को गुरू माना है, ब्राह्मण ने क्षत्रिय को भगवान माना है। क्षत्रिय और ब्राह्मण दोनों ने मिलकर वाल्मीकिजी को गुरू मान लिया। हमारा सनातन धर्म कभी भी जात में नहीं बटा है और वर्तमान में राष्ट्र जात के नाम पर टुकड़े-टुकड़े होता चला जा रहा है।उक्त विचार अंतराष्ट्रीय कथावाचक पंडित श्री प्रदीप मिश्रा ने हरथली फंटा (कनेरी रोड) पर आयोजित वैशाखी शिवमहापुराण कथा के छठे दिन गुरुवार को व्यक्त किए।

कथा का शुभारंभ विधायक चेतन्य काश्यप की उपस्थिति में हुआ
श्री अरविंद पाटीदार की स्मृति में कल्याणी रविंद्र पाटीदार परिवार द्वारा कथा आयोजित करवाई जा रही है।कथा की शुरुआत भगवान श्री महाकाल और व्यासपीठ की पूजा-अर्चना के बाद हुई।कथा का शुभारंभ शहर विधायक एवं आयोजन समिति के स्वागताध्यक्ष चैतन्य काश्यप की उपस्थिति में हुआ।इस दौरान झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया,आलोट विधायक मनोज चावला एवं शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेंद्र कटारिया ने भी पंडित मिश्रा का स्वागत कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

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यह थे मौजूद
आयोजन समिति के कन्हैयालाल मौर्य,अनिल झालानी,अशोक पोरवाल,निमिष व्यास,राजकुमार धबाई,सतीश राठौड़,प्रदीप उपाध्याय,जगदीश राठौर,शांतिलाल गोयल,प्रकाश कुमावत,सुभाष कुमावत,सुरेश पुरोहित,आशा दुबे आदि लाखों की संख्या में भक्त मौजूद रहे।

बिलपांक के विरुपाक्ष महादेव के दर्शन किए
कथा से पूर्व गुरुवार सुबह पंडित मिश्रा ने शहर के प्राचीन देवालयों के अलावा बिलपांक स्थित विरूपाक्ष महादेव मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना कर दर्शन किए।

सारे दुखों का एक हल,एक लौटा जल
पंडित मिश्रा ने कहा कि सारी समस्याओं का हल एक लोटा जल।तुम्हारी दृष्टि सही हो जाएगी तो सब समस्या खत्म हो जाएगी। अपनी दृष्टि को बदलो।कभी तुम शिव, कभी लक्ष्मी, कभी राम, कभी कृष्ण के पीछे भागते हो जब राम में तुम्हें शिव दिखने लगे तो समझ लेना कि तुम्हारी दृष्टि सही हो गई है।

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बेटियों को सनातनी रहने का दिलाया संकल्प
प्रवचन के दौरान पंडित मिश्रा ने कहां की मां प्रसव पीड़ा के समय नया जन्म लेती है।प्रसव के समय उसे बहुत पीड़ा होती है किंतु जब कोई युवती सनातन धर्म को छोड़कर अन्य धर्म अपनाती है तो मां को चौगुनी पीड़ा होती है।सनातन धर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं है।पांडाल में उपस्थित युवतियों को पंडित मिश्रा ने संकल्प दिलाया कि मैं भगवान शिव और भारत मां को लज्जित नहीं करूंगी तथा सनातन धर्म के युवक से ही विवाह रचाऊंगी।

व्यासपीठ से पंडित श्री मिश्रा ने यह बताए उपाय
पंडित श्री मिश्रा ने गुरुवार को व्यासपीठ से उपाय बताते हुए कहा कि काले तील, शमी पत्र, बेलपत्र को शुद्धता से एकत्र करें। सबसे पहले शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाएं फिर शमी पत्र और बेलपत्र चढ़ाए।हाटकेश्वर भगवान का नाम लेकर इन्हें वापस उठा ले और लेकर घर आ जाए।दो-दो दाने काले तिल के खाए हाथ कांपने की समस्या कुछ दिनों में ही समाप्त हो जाएगी।दूसरा उपाय बताते हुए पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि बेलपत्र के पेड़ के नीचे ब्राह्मण को खीर का भोजन कराएं और वह नहीं करा सके तो शाम को दिया लगाएं।इससे मां लक्ष्मीजी का वास प्रारंभ हो जाएगा।बिल्व पत्र,आंवले एवं पीपल का पेड़ के जड़ में भगवान शिव का स्मरण करते हुए जल चढ़ा दो।भगवान शिव स्वीकार कर लेंगे।वैशाख महीने की शिवरात्रि पर बेलपत्र और एक लोटा जल शिवलिंग पर जरूर अर्पित करें।पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि वह स्वयं भी 29 अप्रैल को वैशाख महीने की महाशिवरात्रि की सुबह श्री गढ़कैलाश मंदिर पर जल चढ़ाने जाएंगे।