

सरदार सरोवर परियोजना के विस्थापितों की मांगों का निराकरण संवेदनशीलता के साथ किया जाए, संभागायुक्त दीपक सिंह ने NVDA अधिकारियों को दिए निर्देश
इंदौर: संभागायुक्त श्री दीपक सिंह ने नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे सरदार सरोवर परियोजना के विस्थापितों की मांगों को ध्यान से सुने और उनका प्राथमिकता के साथ निराकरण करें। मांगों के निराकरण के लिए संबंधित अधिकारी सप्ताह में दो दिन निश्चित कर लें। विस्थापितों की मांगों के प्रति संवेदनशीलता रखें।
संभागायुक्त श्री दीपक सिंह से नर्मदा बचाव आंदोलन का प्रतिनिधि मण्डल सामाजिक कार्यकर्ता सुश्री मेधा पाटकर के नेतृत्व में आज विजय नगर स्थित नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के आयुक्त कार्यालय पर मिला। उन्होंने सरदार सरोवर परियोजना के विस्थापितों की मांगों को लेकर चर्चा की। इस मौके पर नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अपर संचालक श्री शैलेन्द्र सिंह सोलंकी, संयुक्त संचालक श्रीमती रतना बोचरे, धार, खरगोन, बड़वानी, आलीराजपुर जिले के अनुविभागीय अधिकारी, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के इंजीनियर्स, भू-अर्जन अधिकारी सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहें।
संभागायुक्त श्री सिंह ने प्रतिनिधि मण्डल की मांगों को ध्यान से सुना और आश्वस्त किया कि इनका समाधान किया जायेगा। संभागायुक्त श्री सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे सरदार सरोवर परियोजना के विस्थापितों की मांगों का निराकरण प्राथमिकता के साथ करें। संभागायुक्त श्री सिंह ने सभी अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे डूब प्रभावित क्षेत्रों में आपदा की स्थिति में लोगों को बचाव हेतु एनडीआरएफ की टीम को तैयार रखें। साथ ही एनडीआरएफ की टीम आपदा मित्रों और गोताखोरों को बचाव का प्रशिक्षण दें, ताकि आपदा की स्थिति से निपटा जा सकें। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि मानसून के पूर्व सात घाटों को आरक्षित किया गया है। साथ ही कुम्हारों के लिए 54 हेक्टेयर भूमि आवंटित कर दी गई है। इसके अलावा 178 गाँवों में से 49 गाँवों में मछुआरों के लिए समितियां भी बना दी गई है, 25 समितियां प्रस्तावित है। शासन द्वारा सरदार सरोवर परियोजना के विस्थापितों को कृषि भूमि आवंटित की गई है। 23 विस्थापितों की कृषि भूमि पर अतिक्रमण बताया गया, उनमें से कुछ स्थानों से अतिक्रमण हटाकर विस्थापितों को कब्जा दे दिया गया है।