दो युवा संतों का दृढ़ संकल्प-राष्ट्रीयता , मानवता , समरसता के उद्देश्य से जनजागरण कर करेंगे सम्पूर्ण भारत की पदयात्रा

25 अक्टूबर को हरिद्वार से प्रारंभ होगी पदयात्रा - सिंहस्थ उज्जैन में होगा समापन

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दो युवा संतों का दृढ़ संकल्प-राष्ट्रीयता , मानवता , समरसता के उद्देश्य से जनजागरण कर करेंगे सम्पूर्ण भारत की पदयात्रा

 

मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल 

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मंदसौर । मानवता और राष्ट्रीयता के साथ समरसता भाव जन -जन में जाग्रत करने के उद्देश्य से दो युवा संतश्री निर्मल चैतन्य जी महाराज और संतश्री राजेंद्रपुरी जी महाराज 25 अक्टूबर 2023 को हरिद्वार से सम्पूर्ण भारत की पदयात्रा की शुरूआत करेंगे

 

इस यात्रा को पूर्ण होने में लगभग पाँच वर्ष लगेंगे और वर्ष 2028 में उज्जैन के सिंहस्थ में समाप्त होगी । पदयात्रा के दौरान भजन-कीर्तन और जनजागरण के कार्यक्रम होंगे ।

अखंड भारत में अपनी तरह की यह विशिष्ट पदयात्रा होगी । बताया जाता है कि कोई एक हजार साल पहले हरिनाम संकीर्तन के साथ चैतन्य महाप्रभु द्वारा भक्तिमय भक्तिभाव से भक्तों के साथ ऐसा अलख जगाया था

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महाप्रभु के भावों को समाहित करते हुए यह संकल्पना की है ।

स्वामी श्री निर्मल चैतन्य जी एवं स्वामी श्री राजेन्द्र पुरी जी ने विश्वास व्यक्त किया कि देशवासियों द्वारा पवित्र उद्देश्य की इस पैदल पदयात्रा पर स्नेहवर्षा और समर्थन मिलेगा ।

 

सम्पूर्ण भारत की पदयात्रा करने का संकल्प लेने वाले संतद्वय स्वामी निर्मल चैतन्य जी महाराज औऱ स्वामी श्री राजेंद्रपुरी जी महाराज ने मंदसौर के केशव सत्संग भवन खानपुरा में चर्चा में बताया कि चार वर्ष पूर्व भगवान श्रीपशुपतिनाथ महादेव की नगरी मन्दसौर आये थे तभी भारतवर्ष की पदयात्रा करने की प्रेरणा यहीं से मिली थी और अब यह यात्रा 25 अक्टूबर एकादशी को ऋषिकेश दक्ष मंदिर कनखल तपोभूमि हरिद्वार से प्रारंभ होगी ।

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संतद्वय ने बताया कि अभी हमारी इस पदयात्रा का 25 अक्टूबर से दिसंबर 2023 तक रुट चार्ट तय हो चुका है तथा शेष रुट आगे-आगे बनता रहेगा । स्वामी निर्मलचैतन्य जी महाराज ने बताया कि उन्होंने इस यात्रा का संकल्प लिया था और सौभाग्य से मुझे पूज्य स्वामी राजेंद्रपुरी जी महाराज का साथ मिल गया और हम दोनों युवा संन्यासी संपूर्ण भारत की पदयात्रा करेंगे ।

इस पद यात्रा में लगभग 500 से भी अधिक संत साथ चलेंगे । संतद्वय ने बताया कि जहाँ-जहाँ विश्राम होगा वहॉं भजन कीर्तन और प्रवचनों से यात्रा के उद्देश्यों से जोड़ा जाएगा ।

पदयात्रा सम्पूर्ण भारत भ्रमण करने के बाद राजस्थान के रास्ते मालवा में प्रवेश करते हुए मन्दसौर – रतलाम होकर सिंहस्थ 2028 में उज्जैन में समाप्त होगी ।

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आरम्भिक रूप से सम्पूर्ण भारत पदयात्रा में प्रतिदिन लगभग 15 से 25 किलोमीटर तक नंगे पैरों से चलते हुए हरि नाम संकीर्तन करते हुए चलेंगे ग्राम और नगरों के पड़ाव पर धर्म सभा , भजन कीर्तन , संवाद और सम्पर्क कार्यक्रम होंगे ।

स्वामी श्री निर्मल चैतन्य जी महाराज ने बताया कि यह किसी तरह की राजनीतिक यात्रा नहीं है , यह पूरी तरह सर्व धर्म आधारित आध्यात्मिक पदयात्रा है ।

 

# पदयात्रा के ये है

उद्देश्य

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संतश्री निर्मल चैतन्य जी महाराज एवं स्वामी श्री राजेन्द्रपुरी जी महाराज ने बताया कि पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय एकता , सामाजिक समरसता , पर्यावरण संरक्षण , युवा जागरण , नशा मुक्ति, संस्कृति का पुनरूत्थान जन -जन के मन से वैमनस्यता का भाव खत्म हो और उनमें आध्यात्मिकता का विकास हो,

प्रत्येक व्यक्ति धर्मशील होकर सुसंस्कृत जीवन जिये । भारत के हर भाषा प्रान्त के हर वर्ग के हर स्तर के हर धर्म के व्यक्ति तक भारतीय दर्शन ” सर्वे भवन्तु सुखिनः ” और सभी को धार्मिक रूप से संपन्न बनाकर सफ़ल जीवन जीने की प्रेरणा मिले यह इस यात्रा का प्रमुख उद्देश्य है ।

 

 

# सनातन धर्म सूर्य की तरह , इसका कोई अंत नहीं ।

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संतश्री निर्मल चैतन्य जी महाराज ने बताया कि हमारी इस यात्रा के उद्देश्य स्पष्ट हैं । किसी भी तरह की राजनीति का इससे कोई लेना देना नहीं है ।

एक सवाल के जवाब में निर्मल चैतन्य जी महाराज ने कहा सनातन को खत्म करने वाली बात तो वैसी ही है जैसे सूर्य के तेज को किसी साधारण वस्त्र से इस नियत से ढंकना की अब सूर्य का प्रकाश नहीं फैलेगा ।क्या यह संभव है कि किसी साधारण वस्त्र से सूर्य का प्रकाश रुक जाए ! इसका ना कोई आदि है ना कोई अंत , इसलिए इसे कहा जाता हैं सनातन । इसे खत्म करने की बात करना व्यर्थ है

 

 

# यात्रा शुभारंभ पर उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर धामी उपस्थित रहेंगे

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स्वामी निर्मल चैतन्य जी महाराज ने बताया कि हम दोनों ही संतों ने पदयात्रा की तैयारी के लिए देश के पूज्य संतों से मिलकर उन्हें पदयात्रा और इसके उद्देश्यों से अवगत करवाकर उन्हें भी आमंत्रित किया गया है जिसमें आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद जी महाराज , राजेन्द्रदास जी महाराज , राघवाचार्य जी महाराज , प्रेमानंद जी महाराज योग गुरु बाबा रामदेव , स्वामी चिन्मयानंद जी , स्वामी रविन्द्र पूरी जी सहित पूज्य संत शामिल है ।

पूज्य संतों ने यात्रा में साथ चलने ओर यात्रा की सफलता के लिए आशीर्वाद दिया है । मंदसौर रतलाम उज्जैन सहित मालवा मेवाड़ निमाड़ पंजाब बंगाल हरियाणा राजस्थान उत्तर प्रदेश गुजरात छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के साथ देश विदेश के धर्मानुरागी एवं देश प्रेमी श्रद्धालुओं की उपस्थिति पदयात्रा के दौरान रहेगी ।

25 अक्टूबर को यात्रा शुभारंभ पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे । मंत्री , सांसद , विधायक , प्रशासनिक अधिकारी , जनप्रतिनिधि भी मौके पर उपस्थित रहकर पवित्र संकल्पना भारत वर्ष की पैदल पदयात्रा को सम्बल प्रदान करेंगे ।

इस पदयात्रा के संबंध में विधिवत रूप से केंद्र और संबंधित राज्यों की सरकारों को उद्देश्य के साथ अवगत कराया गया है । समिति मुख्यालय मंदसौर को रखकर आगे की कार्ययोजना तय की गई है ।

 

मालवा और मेवाड़ अंचलों में पदयात्रा की इस विशिष्ट संकल्पना को मूर्त रूप प्रदान करने वाले दोनों युवा तपस्वी संतों के प्रति उत्साह देखा जारहा है । मंदसौर रतलाम जिलों के साथ हरियाणा पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रातःकाल में हरिनाम संकीर्तन की प्रभातफेरी निकाली जारही है । बरसते पानी में भी प्रभातफेरियों में युवा बुजुर्गों के साथ महिलाएं बच्चे भी शामिल हुए ।