झाबुआ जिले की सूरत बदलेगा अपना गांव-समृद्धि का सपना-आदि कर्मयोगी अभियान- 651 ग्राम पूरी तरह से बनेगें सशक्त

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झाबुआ जिले की सूरत बदलेगा अपना गांव-समृद्धि का सपना-आदि कर्मयोगी अभियान-
651 ग्राम पूरी तरह से बनेगें सशक्त

झाबुआ से कमलेश नाहर की रिपोर्ट

झाबुआ: आदि कर्मयोगी डिस्ट्रिक्ट प्रोसेस लैब 2 से 4 सितम्बर 2025 के समापन के अवसर पर कलेक्टर नेहा मीना द्वारा गुरुवार को आदि कर्मयोगी अभियान से सम्बंधित मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला। इसी के साथ ही समस्त विकासखण्ड स्तरीय मास्टर ट्रेनर को आगामी समयबद्ध एवं चरणबद्ध कार्यवाही के लिये अवगत कराया । कार्यक्रम में प्रतिभागियों से पृथक पृथक गतिविधियो के सम्बन्ध में फीडबैक भी प्राप्त किया गया एवं प्रतिभागियों ने अपने अपने अनुभव भी साझा किये।

कार्यक्रम में बताया गया कि कलेक्टर नेहा मीना की अध्यक्षता में जिले में जारी अभियान अन्तर्गत 01 सितम्बर को समस्त विभाग प्रमुखों, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, सी.ई.ओ. जनपद पंचायत समस्त का 01 दिवसीय जिला स्तरीय ओरियेन्टेशन का आयोजन किया गया था।
कार्यक्रम में जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनरो के द्वारा प्रदत्त ज्ञान को समस्त आदि सहयोगियों, आदि साथियो तक पहुचाने और ग्राम स्तरीय कार्ययोजना बनाने हेतु आवश्यक सहयोग प्रदान करने हेतु प्रेरित किया गया । जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनरो के कार्यो की सराहना की गई । प्रतिभागियों को प्रमाण पत्रों का वितरण किया गया ।

इस अभियान से झाबुआ जिले के 651 ग्राम पूरी तरह से सशक्त बनेगें। इन ग्रामों के विकास का खाका अब ग्राम स्तर पर तैयार होगा और जिला स्तर पर अनुमोदन के बाद शासन को भेजा जायेगा। जनजातीय कार्य मंत्रालय के आदि कर्मयोगी अभियान के तहत इन गांवों का पूर्ण विकास होगा और शासन की सभी योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाएगा।

योजना के तहत गांवो की विशेषताओं को चिन्हित किया जाएगा, जिसमें ग्राम की परंपरा पूजा स्थल, तालाब, चारागाह आदि होंगी। स्वास्थ्य व शिक्षा सुविधाओं को बेहतर बनाया जाएगा। जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा पूरे देश में लागू किये गए आदि कर्मयोगी अभियान की शुरूआत झाबुआ में भी हो गई है। इससे जनजातीय क्षेत्रों में सांस्कृतिक रूप से जुड़ा स्थानीय नेतृत्व तैयार किया जाएगा, ताकि योजनाओं का लाभ अंतिम छोर तक पहुँच सके।

अभियान के लिए जिले के 651 गांवो का चयन किया गया है। इसमें झाबुआ जनपद पंचायत के 109, रामा जनपद पंचायत के 118, राणापुर जनपद पंचायत के 95, मेघनगर जनपद पंचायत के 111, थांदला जनपद पंचायत के 108 एवं पेटलावद जनपद पंचायत के 110 ग्राम शामिल है। अभियान की निगरानी के लिए जिला कलेक्टर के नेतृत्व में डिस्ट्रिक्ट रिस्पासिंव गवर्नेंस ग्रुप (डीआरजीजी) का गठन किया गया है। इसमें जिला पंचायत सीईओ डिस्ट्रिक्ट नोडल अधिकारी है। वही विकास खण्ड स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में विकास खण्ड रिस्पासिंव गवर्नेंस ग्रुप (बीआरजीजी) का गठन होगा। पंचायत स्तर पर पंचायत रिस्पासिंव गवर्नेंस ग्रुप बनाए जाएंगे।

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जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों के इन ग्रामों के सम्पूर्ण विकास के लिए आदि कर्मयोगी, आदि सहयोगी एंव आदि साथी जमीनी स्तर पर ग्राम के सरपंच, सचिव, सीएसओ तथा ग्राम के विभिन्न विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों तथा ग्राम स्तरीय वन अधिकार समिति के साथ मिलकर गांव की व्यक्तिगत तथा सामुदायिक समस्याओं को हल करेंगे।

चयनित प्रत्येक 15 ग्रामों में 01 कलस्टर बनाया जायेगा एवं कलस्टरवार प्रशिक्षण ब्लाक मास्टर ट्रेनर द्वारा प्रदान किया जायेगा। उक्त ग्रामों में आदि सेवा केन्द्र स्थापित किये जायेगे, जहां शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, पंचायत ग्रामीण विकास सहित सभी विभागों के अधिकारी सप्ताह में जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित 01 दिवस मौजूद रहकर ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करेंगे। रजिस्टर में ग्रामीणों की शिकायते दर्ज की जायेगी और रोस्टर अनुसार निराकरण किया जायेगा।

उक्त अवसर पर सुप्रिया बिसेन सहायक आयुक्त , गौरव पंवार उपायुक्त nests भारत सरकार के प्रतिनिधि एवं भोपाल से राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर चन्द्रेश लाड़ महोदय संकाय सदस्य विकास आयुक्त तथा जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर उपस्थित रहे ।