नारी शक्ति पूजा का पर्व और उमा की हुंकार …

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TRaisen's Shiva Temple Will Not Openweet
हिंदू नव वर्ष की शुरुआत और नौ दिन की नारी शक्ति पूजा पर्व का पहला दिन आज है। इससे एक दिन पहले ही नारी शक्ति की प्रतिनिधि पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने हुंकार भरी है। और उमा की आवाज इन नौ दिन में और खुलकर सामने आने के संकेत मिल गए हैं। उमा ने ट्वीट कर तथ्य सहित अपनी मन की बात एक बार फिर सामने रखी है। छत्तीसगढ़ और दिल्ली में भाजपा की शराब के विरोध में नीति का हवाला भी दिया है। हिंदू नव वर्ष के एक दिन पहले ही सागर में महिलाओं ने शराब दुकान के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया है, तो रीवा में विधायक केपी त्रिपाठी का विरोध सामने आया है। ऐसे में इन नौ दिन में यदि नारी शक्ति क्रोधित होती है, तो सरकार को उमा की शराबबंदी की मांग पर गंभीरता से समाधान की दिशा में कदम बढ़ाने पड़ेंगे।
भाजपा की फायर ब्रांड नेता कही जाने वाली उमा भारती ने मध्यप्रदेश की नई शराब नीति के विरोध में अपनी ही पार्टी की सरकार पर सवाल उठाते हुए अपना आक्रोश जाहिर किया है। उमा भारती ने ट्वीट कर लिखा है कि ‘कल से चैत्र की नवरात्रि है यह नौ दिन नारी शक्ति की पूजा का पर्व है। आज हमने मध्य प्रदेश में नई शराब नीति लागू की है। इसमें लोगों को ज्यादा शराब कैसे पिलाई जा सके, अहातों में ज्यादा शराब कैसे परोसी जा सके इस व्यवस्था को निश्चित किया है। मध्यप्रदेश में जिसका सर्वत्र नारी शक्ति द्वारा विरोध हो रहा है। उमा भारती ने लिखा है कि ‘छत्तीसगढ़ एवं दिल्ली की भारतीय जनता पार्टी की राज्य की इकाइयां इसी प्रकार की शराब की नीति के विरोध में सड़क पर उतर आए हैं। मैं मध्य प्रदेश की महिलाओं एवं बेटियों के साथ हूं, शराब खोरी के शिकार हो गए बेटों के लिए भी चिंतित हूं, उनकी इज्जत एवं जान पर खेलकर हम राजस्व कमा रहे हैं इस पर शर्मिंदा भी हूं।
उमा ने इससे पहले भी भोपाल में शराब दुकान पर पत्थर फेंककर प्रतीकात्मक तौर पर जाहिर कर दिया था, कि सरकार सीधे तौर पर उनकी शराबबंदी की नारी हित की बात को नहीं मानती है…तो राह खोजना और उस राह पर चलकर मंजिल पाना उन्हें आता है। हालांकि इससे पहले वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा को शराबबंदी और नशाबंदी की अपनी मंशा से अवगत करा चुकी थीं। और उन्होंने दोनों ही भाजपा नेताओं की खुलकर तारीफ भी की थी। मुख्यमंत्री शिवराज ने भी उमा भारती से उनके निवास पर मुलाकात कर उनकी भावनाओं का समर्थन किया था।
खैर देवी उपासना के नौ दिन मध्यप्रदेश में खुशहाली लाएं और शराबबंदी की दिशा में सर्वमान्य हल की दिशा में कदम आगे बढ़ें, ताकि उमा की चिंता का समाधान निकल सके। और प्रदेश के राजस्व हितों का समाधान भी हो सके।