आग जोर पकड़ती रही और धुआं भी उठ‌ता रहा…

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Enthusiasm in Congress With Victory : कांग्रेस में जीत का उत्साह, पहले चरण में 3 निगमों पर कांग्रेस का पंजा सख्त!

आग जोर पकड़ती रही और धुआं भी उठ‌ता रहा…

विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से जिस तरह कमलनाथ को हटाया गया था, वहीं से नाथ के आहत होने की नींव पड़ गई थी। उसके बाद पानी बहता गया और नाथ के नाक तक पहुंच गया। चाहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर जीतू पटवारी की नियुक्ति हो या फिर नेता प्रतिपक्ष के पद पर उमंग सिंघार और उप नेता प्रतिपक्ष के पद पर हेमंत कटारे की नियुक्ति हो। हर कदम पर नाथ के साथ कांग्रेस ने अनाथ जैसा बर्ताव ही तो किया था। और अंत में वह अवसर भी आया, जब नाथ के आक्रोश को भरपाई कर शांत किया जा सकता था। राज्यसभा चुनाव में नाथ नहीं तो नाथ की पसंद पर ही मुहर लगाई जाती। पर यहां पर दिग्विजय सिंह ने नाथ को धता बताते हुए अपनी पसंद अशोक सिंह के नाम पर हाईकमान की मुहर लगवाकर अपनी धाक जमा ली। इतना ही काफी था, नाथ के लिए। और फिर होना भी वही था, जो हो रहा है। आग लग गई और धुआं सा उठता नजर आ रहा है। हालांकि नाथ इतने सतही नहीं हैं, पर जब पैरों तले की जमीन ही खिसकाने पर सब उतारू दिख रहे हों तो फिर किया भी क्या जा सकता है? सो वही सब सामने है, जहां तस्वीर सबको साफ दिखने लगी है। बस औपचारिकता भर बाकी नजर आ रही है।
जिस तरह से आग सुलगी हुई है, उसका धुआं उतना ही ज्यादा कांग्रेस दिग्गजों को खांसने खकारने को मजबूर कर रहा है। तो दूसरी तरफ आग लगने पर ऐसी तीखी प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं कि कांग्रेसी सीधे झुलसने पर मजबूर हो जाएं। 17 फरवरी की सुबह से ही खबरें जोर पकड़ रहीं थीं कि कमलनाथ के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हुईं। भारतीय जनता पार्टी का पूरा केंद्रीय नेतृत्व दिल्ली में चल रहे राष्ट्रीय अधिवेशन में मौजूद है। इस बीच खबर आई कि कमलनाथ अपने पूर्व निर्धारित सारे कार्यक्रम को निरस्त करते हुए दिल्ली पहुंचे। दिल्ली में बीजेपी के आला नेताओं के साथ कमलनाथ की चर्चा हो सकती है।कमलनाथ के दिल्ली पहुंचने पर उनके बंगले पर कई आला नेता और विधायक मिलने पहुंचे। इस बीच सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सांसद नकुलनाथ के बायो बदलने की अटकलें भी रहीं, तो सामने आया कि केके मिश्रा ने भी कई महीनों बाद अपनी प्रोफाईल में से कमलनाथ की फोटो हटाई। संवेदनशीलता यहां भी असरदार थी कि दिल्ली जाने से पहले कमलनाथ और नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा में शिकारपुर निवास पर अपने विश्वसनीयजनों से मुलाकात की। फिर जबलपुर ने मामले में प्रवेश किया।जबलपुर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ के कांग्रेस छोड़ भाजपा में जाने की अटकलों को खारिज कर दिया। कहा कि कमलनाथ कहीं नहीं जा रहे हैं। मेरी खुद कल रात कमलनाथ से बात हुई है।वह सोनिया गांधी का साथ कभी नहीं छोड़ेंगे। हालांकि दिग्विजय सिंह के चेहरे के भाव व्यक्त कर रहे थे कि सब कुछ ठीक तो कतई नहीं है। चटपटी चैट सामने आई कि खड़गे ने मोदी से पूछा- कितने नेताओं का शिकार करेंगे। भाजपा की खुराक कितनी है। तो मोदी ने जवाब दिया कि लोग हमसे जुड़ना चाहते हैं, तो क्या करें? फिर खबर आई कि कमलनाथ ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से पार्टी आलाकमान को इस्तीफा भेजा है। तो इसको खारिज करने की जिम्मेदारी कमलनाथ के करीबी सैयद जफर ने की। पर लोग इस समय तक सिर्फ अपनी ही सुनने लगे थे। और फिर बयान आया स्पष्टवादी नेता सज्जन सिंह वर्मा का। उन्होंने पुष्टि कर दी कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष कमान में सब कुछ ठीक नहीं है।मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी पिछड़ गई है।और साफ कर दिया कि कमलनाथ और नकुलनाथ के बीजेपी ज्वाइन करने पर मैं भी बीजेपी ज्वाइन करूंगा। कांग्रेस पार्टी में मान सम्मान  नहीं बचा है। फिर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का बयान आया कि कमलनाथ को लेकर जो भी खबरें चल रहीं हैं वो निराधार हैं।कमलनाथ की गांधी परिवार के साथ अच्छी केमिस्ट्री थी। हर परिस्थिति में हम उनके साथ काम करते रहे। हमें वो पल भी याद है जब सिंधिया जी ने कांग्रेस को छोड़ा था। तब भी हम कमलनाथ जी के साथ खड़े रहे। कमलनाथ कांग्रेस को नहीं छोड़ रहे। उन्होंने ही राज्यसभा के लिए अशोक सिंह का नाम तय किया था। उनको लेकर जो भी खबरें चल रहीं हैं वो निराधार हैं।
और फिर वही हुआ जो होता है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के दिल्ली आवास की सुरक्षा बढ़ाई गई। बीजेपी पर निशाना साधते हुए दिग्विजय सिंह बोले कि उनके पास ईडी है उनके पास आईटी है उनके पास सीबीआई है, पैसा .. इलेक्टोरल बॉन्ड हैं… जो डर जाए उसे डरा दो, जो बिक जाए उसे खरीद लो। यहां जो बैठे है सभी टिकाऊ हैं जो बिकाऊ थे वो बिक गए। तो दिल्ली में बीजेपी में जाने के सवाल पर कमलनाथ बोले कि ऐसी कोई बात होगी तो सबसे पहले आपको बताऊंगा। इंकार की बात नहीं है। आप लोग एक्साइट हो रहे मैं नही हूं, अगर ऐसी कोई बात होगी सबसे पहले आपको बताऊंगा। और फिर ग्वालियर से बात सामने आई कि कमलनाथ समर्थक कांग्रेस विधायक, महापौर और जिला अध्यक्ष सहित तमाम नेताओं की गुप्त बैठक हुई है। महापौर डॉ शोभा सिकरवार के बंगले पर बैठक हो रही है। बैठक में कांग्रेस विधायक डॉ सतीश सिकरवार,महापौर शोभा सिकरवार, जिला अध्यक्ष और कांग्रेसी नेता और पार्षद मौजूद हैं। वहीं सूत्रों से खबर मुरैना से कांग्रेस महापौर शारदा सोलंकी भी ग्वालियर के लिए रवाना हुईं। खातेगांव से खबर आई कि पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ की भाजपा में जाने की अटकलें तेज। फोन पर चर्चा के दौरान पूर्व मंत्री खातेगांव विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी रहे दीपक जोशी ने कहा हम शुरू से ही कमलनाथ जी के साथ हैं। इससे यह अंदाजा लगाया जाता है कि कमलनाथ भाजपा में शामिल होते हैं तो पूर्व मंत्री दीपक जोशी भी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। यह भी कि कमलनाथ समर्थक विधायक, पूर्व विधायक, पदाधिकारी और हज़ारों कार्यकर्ता दिल्ली रवाना हो गये हैं। बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समापन पर सबसे बड़ा दलबदल शो दिल्ली में होगा। मध्य प्रदेश में अब ऑपरेशन कमल के बीच कांग्रेस आलाकमान अलर्ट है। पार्टी संगठन कांग्रेस विधायकों को रोकने की कवायद में है। कांग्रेस विधायकों के संपर्क में प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष हैं। दोनों नेता वन टू वन विधायकों से संपर्क कर रहे हैं।
अंत में यह भी खुलासा हुआ कि देर रात भाजपा के बड़े नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं कमलनाथ, 12 विधायकों और 3 महापौर के भी दिल्ली पहुंचने की संभावना है। कमलनाथ के करीबी विधायकों में  सुनील उईके जुन्नारदेव, सोहन वाल्मीकि परासिया, विजय चौरे सौंसर,निलेश उईके पांढुर्णा, सुजीत चौधरी चौरई, कमलेश शाह अमरवाड़ा, दिनेश गुर्जर मुरैना, संजय उईके बैहर, मधु भगत परसवाड़ा, विवेक पटेल वारासिवनी के अलावा मुरैना और छिंदवाड़ा महापौर शामिल हैं।
तो आग जोर पकड़ती रही, पर इसे बुझाने की कवायद कांग्रेस की फायर ब्रिगेड में कहीं नजर नहीं आई। बल्कि धुआं उठता रहा और धुएं ने यह साफ कर दिया कि कार्बन डाई ऑक्साइड की अधिकता से मध्यप्रदेश कांग्रेस का दम घुट सकता है। यदि नाथ ने कमल खिलाया तो मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर कमल तो खिलेगा ही और कांग्रेस अनाथ सी भी नजर आती रहेगी…।