
मंदसौर जिले के गांधीसागर अभयारण्य में विलुप्तप्राय कैराकल दुर्लभ वन्यप्राणी के संरक्षण और अनुकूल वातावरण संबंध में वन मंत्रालय ने विशेष मीटिंग ली
जुलाई में पाया गया था दुर्लभ वन्य प्राणी अभ्यारण्य में
मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मंदसौर। अब जिले के गांधीसागर अभ्यारण्य क्षेत्र में विलुप्त होने वाले कैराकल (साहगोश) के संरक्षण ओर अनुकूल वातावरण के संदर्भ में केंद्रीय वन मंत्रालय एवं राज्य शासन वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने परिस्थिति का आकलन किया।

श्री संजय रायखेरे वनमण्डलाधिकारी द्वारा बताया गया कि गांधीसागर अभयारण्य में 29 जुन से 04 जुलाई 2025 के मध्य विलुप्त प्रायः वन्यप्राणी केराकल के गांधीसागर में होने के साक्ष्यों के साथ प्रत्यक्षतः कैमरा ट्रेप के माध्यम से प्रकाश में आयी है, इसको ध्यान में रखते हुए और दुर्लभ पशु के साक्ष्य प्रकाश में आने पर विगत दिनों 29 एवं 30 नवम्बर को भारत सरकार के जी.टी.एफ. के जनरल सेक्रेटरी डॉ. राजेश गोपाल, जीटीएफ के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. हिम्मतसिंह नेगी, जीटीएफ के मुख्य कार्यक्रम अधिकारी श्री मोहनीश कपूर एवं कार्यक्रम प्रबंधक श्री अमरनाथ चौधरी के साथ ASTRAL फाउन्डेशन के श्री साहिल चौकसी के साथ म०प्र०शासन वन विभाग से श्री शुभरंजन सेन प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एवं मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक भोपाल, वन वृत्त स्तर से श्री एम०आर० बघेल मुख्य वनसंरक्षक, श्री संजय रायखेरे वनमण्डलाधिकारी सामान्य वनमण्डल मन्दसौर एवं अधीक्षक अभयारण्य गांधीसागर द्वारा विलुप्त प्रायः प्रजाति कैराकल के रहवास के बारे में विस्तृत जानकारी प्रजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत की गई पश्चात कैराकल (साहगोश) के खोज / निगरानी तथा संभावित आवास क्षेत्र की निगरानी हेतु मंदसौर जिले के गांधीसागर अभ्यारण्य क्षेत्र का रोडमेप अनुसार भ्रमण किया गया।

कैराकल (साहगोश) के संरक्षण हेतु रणनिति तैयार करने के संबंध में विचार विमर्श किया गया।





