श्री राजेंद्रसूरीजी की क्रियोधार भूमि पर गच्छाधिपति करेंगे सूरीमंत्र आराधना!

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श्री राजेंद्रसूरीजी की क्रियोधार भूमि पर गच्छाधिपति करेंगे सूरीमंत्र आराधना!

14 दिनों तक रहेंगे मौन, 26 को होगा समापन, होगी महामांगलिक!

वरिष्ठ पत्रकार शिरीष सकलेचा की रिपोर्ट!

Jaora : त्रिस्तुतिक संघ नायक गच्छाधिपति आचार्य देवेश श्रीमद्विजय हितेशचंद्रसूरीश्वरजी मसा. आचार्य पद आरोहण के पश्चात 14 दिवसीय सूरीमंत्र आराधना की द्वितीय पीठिका साधना 13 फरवरी से श्री राजेन्द्रसूरी जैन दादावाड़ी में प्रारम्भ करने जा रहें हैं। बता दें कि आचार्य पद प्राप्ति पश्चात प्रत्येक आचार्य को सूरीमंत्र की आराधना करना आवश्यक होता है जो 5 पीठिका से पूर्ण होती है। बता दें कि आचार्य श्री ने प्रथम पीठिका की आराधना आहोर राजस्थान में की है।

द्वितीय पीठिका की साधना क्रियोधार भूमि से होगी! अब द्वितीय पीठिका की साधना जावरा नगर में श्रीमद्विजय राजेंद्रसूरीजी की क्रियाधार भूमि से होने जा रही है। जावरा में किसी भी जैनाचार्य द्वारा यह प्रथम बार आराधना की जा रही है।

14 दिनों तक रहेंगे मौन!

श्री त्रिस्तुतिक श्रीसंघ के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल चोपड़ा ने बताया कि सूरीमंत्र आराधना के अंतर्गत गच्छाधिपतिजी 14 दिनों तक मोन रहेंगे एवं न ही वह किसी से मिलेंगे। आराधना की पूर्णाहुति 26 फरवरी को होगी। समापन पर भव्य आयोजन किया जाएगा जिसमें आचार्य श्री द्वारा महामांगलिक प्रदान की जाएगी साथ ही 2025 के चातुर्मास की विनती भी विभिन्न संघों द्वारा की जाएगी। इस अवसर पर समाज के प्रबुद्धजन मौजूद रहेंगे।

सुरीमंत्र आराधना की व्यवस्था श्री राजेन्द्र श्रमण विद्यापीठ के समस्त कार्यकर्ता संभाल रहे हैं!