गहलोत-पायलट संधि फार्मूला और दायित्वों की खिचड़ी का पूरी तरह से पकना अभी भी है बाकी!

राजस्थान को लेकर कांग्रेस पार्टी का महामन्थन और कसरत कितनी सार्थक?

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गहलोत-पायलट संधि फार्मूला और दायित्वों की खिचड़ी का पूरी तरह से पकना अभी भी है बाकी!

राजस्थान के ब्यूरो प्रमुख गोपेन्द्र नाथ भट्ट की विशेष रिपोर्ट

नई दिल्ली के अकबर रोड पर स्थित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में आज राजस्थान के संगठनात्मक मुद्दों और आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, संगठन महा सचिव के सी वेणुगोपाल और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और राजस्थान के प्रमुख तीस नेताओं की मौजूदगी में आयोजित हुई बैठक से जो राजनीतिक निष्कर्ष और सार निकल कर बाहर आया है उसके अनुसार प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी और पदाधिकारियों की घोषणा आगामी एक दो दिनों में हो जाएगी लेकिन अभी भी कुछ मुद्दों पर सहमति के लिए गहलोत-पायलट संधि फार्मूला और दायित्वों पर अभी भी खिचड़ी पूरी तरह से पकना बाकी है। बताया जा रहा है कि पूर्व पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की गुरुवार को होने वाली प्रेस वार्ता को इस कारण से भी आगे बढ़ाया गया है।

एआईसीसी सूत्रों के अनुसार कुछ मुद्दे ऐसे है जिन पर अभी भी सहमति होनी है तथा इस बारे में आगामी दिनों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अपने पैर की चोट से उबरने के बाद हाई कमान के प्रमुख नेताओं के साथ एक और दौर की बैठक हो सकती है अथवा मुख्यमंत्री गहलोत से फोन पर वार्ता करने के बाद उनकी सहमति से कोई घोषणा हो सकती है।

बैठक के बाद यह बात भी खुल कर सामने आई है कि इस बार भी राजस्थान विधान सभा के चुनाव में मुख्यमंत्री का कोई चेहरा घोषित नहीं होगा। इस प्रकार चुनाव कांग्रेस हाई कमान की अगुवाई में ही लड़ा जाएगा । कांग्रेस हाई कमान द्वारा इस बार चुनाव के लिए सुनियोजित ढंग से की जा रही एडवांस तैयारियों के अंतर्गत प्रत्याशियों की घोषणा सितंबर में ही कर दी जाएगी जैसा कि कुछ दिनों पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने सुझाव दिया था। साथ ही अगले नब्बे दिनों में पार्टी मेनिफेस्टो सहित अन्य सारी तैयारियां पूरी कर पार्टी ज़ोरदार और असरदार ढंग से चुनाव जंग में उतरेगी । चुनाव प्रचार का शंखनाद भी शीघ्र होगा तथा पार्टी अध्यक्ष खड़गे और राहुल गांधी सहित पार्टी के अन्य शीर्ष नेता इसमें भाग लेंगे।

बैठक में सभी ने एक स्वर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की लोकप्रिय जन कल्याणकारी योजनाओं की प्रशंसा की और कहा कि इस बार प्रदेश में कांग्रेस सरकार के पुनः दोहराए जाने के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं। बस, जीत की एक मात्र शर्त एकजुटता और गुटबाजी से पूरी तरह उबरना होगा। बैठक ने प्रदेश नेताओं को चेतावनी दी गई अब यदि किसी ने पार्टी के किसी नेता और सरकार के विरुद्ध बयान जारी किया तो उसे अनुशासनहीनता माना जायेगा और हाई कमान सख्त कदम उठाएगा।

चार घण्टे तक चली इस बैठक में राजस्थान विधान सभा के अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी का भाग लेना और गहलोत सरकार के खास मन्त्रियों शांति धारीवाल और डॉ महेश जोशी आदि को बैठक में आमन्त्रित नही किया जाना तथा कतिपय विशेष विधायकों की शिरकत होना चर्चा का विषय रहा।

बैठक के बाद आयोजित प्रेस वार्ता में पार्टी संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल और राजस्थान प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मीडिया कर्मियों से विश्वास पूर्वक कहा कि बैठक बहुत अच्छे तथा सकारामक माहौल में तथा सौहार्दपूर्ण ढंग से संपन्न हुई। साथ ही यह सार्थक और परिणाम जनक रही । उन्होंने कहा कि राजस्थान काग्रेस में अब सब एक जुट है और राज्य सरकार के कार्यों के बलबूते पर प्रदेश में पुनः कांग्रेस की सरकार रिपीट होने वाली है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से जुड़े मसलों का सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि सचिन पायलट स्वयं बैठक में मौजूद थे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पैर में चोट के बावजूद चार घंटे वर्चुअली मीटिंग से जुड़े रहें। यह इस बात को साबित करता है कि सब कुछ सुलट गया है और चिंता जैसी कोई बात नही है जहां तक पेपर लीक जैसे मसलों का सवाल है गहलोत सरकार दोषियों के खिलाफ विधान सभा के आने वाले सत्र में एक बिल लेकर आ रही है। मुख्यमंत्री गहलोत इस बारे में खुलासा कर चुके है।

संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने कई सर्वे कराए है जिसके अनुरूप जिताऊ उम्मीदवारों को पार्टी का टिकट दिया जाएगा । साथ ही चुनाव के लिए कांग्रेस सितंबर महीने के पहले सप्ताह में ही अपने प्रत्याशी तय कर लेगी। वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस अपने इतिहास में पहली बार इस तरह का एडवांस होमवर्क कर रही है। इससे पहले हम छत्तीसगढ़, एमपी और तेलंगाना आदि को लेकर भी ऐसी बैठकें कर चुके है और हमें विश्वास है कि इस बात हम सभी चार प्रदेशों में बेहतर प्रदर्शन कर अपनी सरकारें बनायेगे।

वेणुगोपाल ने यह भी कहा कि हम जिन पांच राज्यों में चुनाव है,वहां के लोगों के साथ बैठक कर रोड मैप तैयार कर चुके है।अब बिना किसी देरी के चुनाव अभियान शुरू होगा।कांग्रेस अब भाजपा को हराने के लिए फुल फॉर्म में हैं। सी एम फेस के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस कभी भी सीएम का चेहरा घोषित नहीं करती। हमारा काम ही बोलता है। राजस्थान में गहलोत सरकार ने अच्छा काम किया है।हमारा काम बोलेगा और हम चुनाव जीतेंगे।

वेणुगोपाल ने कहा कि सभी पर सख्त अनुशासन लागू होगा।किसी को भी कोई बात कहनी है तो पार्टी फोरम पर कहें. अगर कोई पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले बयान देता है तो उस पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी.

गौरतलब है कि इस मीटिंग के बाद सचिन पायलट ने कहा कि हम राजस्थान में मिलकर चुनाव लड़ेंगे। पायलट ने कहा कि बैठक में मैंने पिछली भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार, पेपर लीक, राजस्थान लोक सेवा आयोग में सुधार के मुद्दे उठाए। मुझे खुशी है कि पार्टी ने इस पर ध्यान दिया।उन्होंने बताया कि बैठक में सत्ता विरोधी लहर को कैसे रोका जाए, इसपर भी चर्चा हुई।

बैठक में भाग लेने आए अधिकांश नेता वापस राजस्थान प्रस्थान कर गए है लेकिन पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में डेरा जमायें प्रभारी रंधावा और प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा और कुछ अन्य नेता अभी भी राजस्थान हाऊस चाणक्यपुरी में रुके हुए है।

इस प्रकार इस बार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस आलाकमान एक्शन मोड में आ गया है और राजस्थान कांग्रेस में चल रही खींचतान को दूर करने के साथ ही उसने कर्नाटक तथा हिमाचल प्रदेश मोडल पर चुनावी रण की तैयारियों के लिए कमर कस ली है। देखना होगा कि हिमाचल और कर्नाटक विधान सभाओं में जीत के बात नए जोश और आत्म विश्वास से भरी कांग्रेस पार्टी का महा मन्थन और राजस्थान के लिए की गई यह कसरत कितनी सार्थक रहेंगी!