देवी रुष्ट थीं और वह भालू बहुत ही मनहूस था…

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देवी रुष्ट थीं और वह भालू बहुत ही मनहूस था...
पन्ना जिले के लिए रविवार का दिन सूरज की रोशनी में भी अमावस्या की काली रात बनने वाला है, यह किसी ने सोचा भी न था। सुबह-सुबह जब हर दिन की तरह पन्ना निवासी राय दंपत्ति जंगल स्थित देवी मंदिर में पूजा के लिए गए, तब शायद हर दिन की तरह देवी उनकी पूजा से खुश नहीं हुईं। पूजा करके वह लौट रहे थे कि भालू रास्ते में मिल गया। उसने हमला कर दोनों के प्राण हर लिए। तब किसी को भी यह भान नहीं था कि आखिर देवी मंदिर से लौटते देवीभक्तों के साथ हुई यह घटना किसी बड़े अपशकुन का संकेत है।
देवी रुष्ट थीं और वह भालू बहुत ही मनहूस था...
खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के तीन दिवसीय व्यस्त दौरे के बाद संसदीय क्षेत्र में प्रवास पर थे और उस दिन पन्ना में ही थे। सुबह-सुबह हमले की जानकारी मिलते ही वह पीड़ित परिवार के घर पहुंचे और परिजनों को ढ़ाढस बंधाया। आचार संहिता का हवाला देते हुए भी हरसंभव मदद का भरोसा भी दिलाया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस दु:खद वाकये से अवगत भी कराया। इसके बाद सभी अपने-अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त हो गए। यह दुर्घटना ही इतनी भयावह थी कि अब पन्ना जैसा छोटा जिला किसी दूसरी ऐसी खबर को बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं था।


पर उधर पहाड़ों पर विराजे बाबा केदारनाथ को कुछ और ही मंजूर था। ऋषिकेश से यमुनोत्री के रास्ते पर सूर्यास्त के बाद दो बसें जा रही थीं। इनमें चार धाम यात्रा पर निकले पन्ना जिले के तीर्थयात्री सवार थे। बस में बैठे तीर्थयात्री अपने परिवार के लोगों को फोन कर जानकारी साझा कर रहे थे कि यात्रा बहुत अच्छी तरह से चल रही है। इस खुशी को शायद नजर लग गई थी। विधाता को क्या मंजूर था, इसकी भनक किसी को नहीं लग पाई थी। पहाड़ और खाई के बीच तीर्थयात्रियों की बस को लीलने की होड़ सी लग गई थी। सात बजे के बाद स्टियरिंग फेल होने पर ड्राइवर ने बस को पहाड़ से टकराकर खाई में गिरने से बचाने की उम्मीद की थी।
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लेकिन पहाड़ ने बस को मौत की खाई में धकेल दिया। और बस में सवार अधिकतर तीर्थयात्रियों के प्राण पखेरू उड़ गए। दो दर्जन से ज्यादा मौतें, समझा जा सकता है कि कितना भयानक हादसा था और कितना विकराल दृश्य…। सोशल मीडिया के एक नोटिफिकेशन पर मेरी नजर पड़ी कि केरल के तीर्थयात्रियों की बस उत्तराखंड में खाई में गिरने से 22 की मौत हो गई तो आघात लगा था। पर कुछ ही समय बाद पन्ना जिले का नाम सामने आने पर मानो वज्राघात सा हो गया और फिर मृतकों की संख्या भी बढ़ गई। फिर अफसोस जताने का सिलसिला शुरू हुआ। प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ सहित तमाम नेताओं ने अफसोस जताया।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से चर्चा की, फिर रात में ही देहरादून पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया। अपने संसदीय क्षेत्र में एक दिन में ही हुई लगातार दूसरी ह्रदय विदीर्ण करने वाली दुर्घटना से आहत वीडी शर्मा ने भी उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से चर्चा की और सुबह वह भी देहरादून पहुंच गए। मुख्यमंत्री के पहुंचने के पहले ही सक्रिय प्रशासन और अन्य अमले ने अधिकतर शवों को खाई से निकाल लिया था। रात में ही सभी शव बाहर निकाल लिए गए और चार घायलों को देहरादून अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था। इसमें बस का ड्राइवर और तीन तीर्थयात्री शामिल थे। ड्राइवर ने स्टेयरिंग फेल होने की जानकारी दी। बचाने की कोशिश के फेल होने की जानकारी भी दी। क्या किया जा सकता है, जब अनहोनी होती है तो नजरों के सामने ही संसार खाक हो राख में तब्दील हो जाता है।
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शिवराज के पहुंचने से मृतकों के परिजनों को दर-दर भटकना नहीं पड़ा और रात में ही पोस्टमार्टम भी हो गया। सुबह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से आग्रह किया, तो शवों को सेना के जहाज से खजुराहो भेजने का बंदोबस्त भी हो गया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और खजुराहो सांसद वीडी शर्मा भी शवों के साथ पन्ना पहुंचे। मुख्यमंत्री पहले ही समुचित सहायता प्रदान करने का भरोसा दिला ही चुके थे और दुःखी मन से कह रहे थे कि जब परिवार के लोग खाई में पड़े हों, तो मुझे सीएम हाउस में नींद कैसे आ सकती थी? अधिकारियों को घटनास्थल पर भेजकर खानापूर्ति करने का काम मुझसे कैसे होता, जबकि पूरा मध्यप्रदेश मेरा परिवार हो तब।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मृतकों के परिवार को दो लाख रुपए की सहायता राशि, तो मुख्यमंत्री शिवराज ने पांच लाख रुपये की सहायता राशि और घायलों के परिवारों को 50 हजार की मदद की घोषणा की है। घायलों का इलाज सरकार ही करा रही है। सोमवार को शिवराज ने पीड़ा जताई कि पिछले 17 घंटे त्रासदी, पीड़ा और कष्ट के थे। एक साथ 25 पार्थिव शरीर मेरे सामने थे। यह असहनीय और बेहद दु:खद था। इसमें 9 दंपत्ति काल कवलित हो गए, तो एक दंपत्ति उदय सिंह और रामकुंवर बाई का इलाज जारी है।
रविवार यानि 5 जून 2022 की रात करीब पौने आठ बजे उत्तराखंड में हादसे की खबर आई थी, तो सोमवार यानि 6 जून 2022 की रात पौने आठ बजे तक मृतकों के शव खजुराहो एयरपोर्ट पर पहुंचकर एंबुलेंस के जरिए उनके घरों को रवाना करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा भावुक थे, तो पन्ना जिले के इस दु:ख में पूरा मध्यप्रदेश गमगीन था। यही लग रहा था कि रविवार को देवी रुष्ट थी और उस मनहूस भालू ने पन्ना जिला के कलैंडर में रविवार यानि 5 जून के दिन को काला कर दिया था। जिसकी छाया पूरे मध्यप्रदेश पर पड़ी थी। सोमवार जब खजुराहो से शव रवाना हो रहे थे, तब तक एक और मनहूस खबर आ रही थी पन्ना से। बोलेरो और अल्टो कार में भीषण भिड़ंत, 6 लोगों की दर्दनाक मौत और 2 गंभीर रूप से घायल।पहाड़ी खेरा से 3 किलोमीटर दूर चित्रकूट मार्ग पर सड़क हादसा होने की इस खबर ने एक बार फिर देवी के रुष्ट होने और मनहूस भालू की याद दिला रही थी। यह उम्मीद भी, कि देवी खुश होकर जग को खुशियों से भर दो।