शराब की गंध में सरकार और पूरा तंत्र मदहोश,जनता का दर्द कौन सुने

कई गाँवो का भूजल होता जा रहा जहरीला

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शराब की गंध में सरकार और पूरा तंत्र मदहोश,जनता का दर्द कौन सुने

छतरपुर से राजेश चौरसिया की रिपोर्ट

छतरपुर: जिले की नौगांव डिसलरी जो कि पिछले ढाई दशक से स्थापित है और इसके स्थापन का दर्द इलाके और आसपास की जनता ग्रामीणों किसानों को भुगतना पड रहा है। जिसने यहां की आवोहवा और प्रकृतिकता को नष्ट सा कर दिया है। जहाँ आम जनता धीमे जहर की ओर अग्रसर है। जिसके कारण सीलप नदी जहरीली होती जा रही है। कई गाँवो का भूजल जहरीला हो गया और जमीने बंजर हो गई है ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं।

जहाँ इस मामले में बाकायदा क्षेत्र को तबाह करने वाली डिसलरी की शिकायत की गई तो डिसलरी के पक्ष में प्रदूषण नियंत्रण का हवाला देते हुए शिकायत को बंद कर दिया गया। बड़ा सवाल है कि जब सुनने वाला और करने वाला अनसुनी कर दे और कुछ न करे तो फिर कोई क्या करे।

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●यह है मामला..

छतरपुर जिले के खूबसूरत नगर नौगांव से चंद किलोमीटर दूर एक शराब के उद्योग ने इलाके में हलचल पैदा कर रखी है। इस क्षेत्र के दर्जनों गाँवो के लोग इस जहरीली त्रासदी को पिछले कई दशकों से भुगतते आ रहे हैं। स्थानीय नदी, छोटे बड़े नाले इस डिसलरी से निकलने वाले प्रदूषित पानी के कारण अपना रंग बदल चुके है। खेती की जमीने और जंगल बंजर होते जा रहे हैं। भूमिगत जल भी जहरीला होकर बीमारियां फैला रहा है। यानि डिसलरी का प्रदूषण एक आतंकवाद की तरह हो चुका है लेकिन अफ़सोसजनक है कि स्थानीय प्रशासन, प्रतिनिधियों को बदलती बयार और तबाही दिखाई नहीं देती। यहां आम जनता बेड फील कर रही है पर जिम्मेदार गुड़ फील में है।

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●नोगांव नपा उपाध्यक्ष ने की थी शिकायत नतीज़ा सिफर..

पिछले दिनों नौगांव नगरपालिका के उपाध्यक्ष दौलत तिवारी ने क्षेत्र के प्रभावित ग्रामीणों के साथ स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन इत्यादि सौंपा तब लग रहा था कि भीषण आपदा के इस मुद्दे पर प्रशासन कार्यवाही करेगा। पर उलट इसके स्पष्टीकरण दिया जाता है कि यह डिसलरी ग्राम शिकारपुरा में स्थित है जिसकी नौगांव नगर से दूरी महज 2 किलोमीटर है। डिसलरी के पास से ही स्थानीय नदी सिलप बहती है जो आगे जाकर ग्राम गर्रोली में धसान में मिलती है। कुछ दशकों पहले सीलप नदी किसानों के लिये वरदान थी जिसे डिसलरी के प्रदूषित पानी ने अभिशाप बना दिया है। जिससे कई सौ एकड़ भूमि तबाह होकर कर बंजर हो चली है। हालात इस कदर गंभीर हैं कि क्षेत्र में पेड़ भी सूख से गये है।

शिकारपुरा सहित दर्जनों गाँवो धोर्रा, चंदपुरा, गंज, घिसल्ली, रावतपुरा, गर्रोली में हैंडपम्प, कुओं का पानी तक प्रदूषित हो चुका है। यही पानी जल आपूर्ति का माध्यम है जिसे पीने से गंभीर बीमारियों से हजारों लोग पीड़ित हैं।

डिसलरी की मानवकारित आपदा से नौगांव नगर भी अछूता नहीं है। डिसलरी की बदबू से एक बड़ा इलाका परेशान है। वहीं सीलप नदी का प्रदूषित पानी जिस धसान नदी में मिलता है, उसी गर्रोली प्लांट से नौगांव नगर में पानी की सप्लाई होती है। यानि धीमा जहर नौगांव नगर को मिल रहा है।

स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन और सीएम हेल्पलाइन में शिकायत के बाद भी कार्यवाही ना होना डिसलरी संचालक की सत्ता और उसके प्रशासनिक तंत्र में ताकतवर पैठ की तरफ इशारा करता है।

सीएम हेल्पलाइन की शिकायत में तो स्थानीय प्रशासन ने डिसलरी पर उमड़ रहे प्रेम की सीमाओं को जता दिया। जिस डिसलरी के प्रदूषित पानी से हजारों लोग प्रभावित हों और क्षेत्र में तबाही के निशान साफ दिखाई दे रहे हों पर सीएम हेल्पलाइन की शिकायत में प्रशासन को यह दिखाई नहीं देता।

मामले में आरोप है कि सीएम हेल्पलाइन का फर्जी प्रतिवेदन जो डिसलरी की गंध से फील गुड का नारा बुलंद करता है। अब इस मामले को लेकर एनजीटी में याचिका दायर करने की तैयारी है।