
नगर निगम और नगर पालिकाओं को नियंत्रित करने एक अधिनियम बनाएगी सरकार, 50 हजार पर परामर्शी रखेगी
भोपाल: राज्य सरकार प्रदेश के नगर निगम और नगरपालिकाओं को नियंत्रित और व्यवस्थित करने इनसे जुड़े दो अधिनियम मध्यप्रदेश नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 और मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की समग्र समीक्षा कर दोनो अधिनियमों को एकीकृत कर उनके स्थान पर एक अधिनियम बनाएगी। इसके लिए मध्यप्रदेश राज्य भूमि सुधार आयोग को जिम्मेदारी सौपी गई है। आयोग इसके लिए पचास हजार मासिक मानदेय पर एक परामर्शी की तैनाती करेगा।
प्रदेश में 63 वर्ष से कम आयु सीमा के व्यक्ति की परमार्शी के रुप में संविदा आधार पर एक वर्ष के लिए नियुक्ति की जाएगी। जरुरत पड़ने पर इस अवधि में इजाफा भी किया जा सकेगा। संविदा नियुक्ति किसी भी पक्ष की ओर से एक माह की पूर्व सूचना देकर समाप्त की जा सकेगी।
जिन व्यक्तियों को नगरीय निकाय संबंधी विधि का समुचित ज्ञान और अनुभव है वे भूमि सुधार आयोग में परामर्शी के रुप में नियुक्त किए जा सकेंगे। परामर्शी के रुप में नियुक्ति पाने के लिए मध्यप्रदेश राज्य भूमि सुधार आयोग के सदस्य सचिव को बायोडाटा और दस्तावेज, प्रमाणपत्रों की स्वप्रमाणित प्रतियों के साथ आवेदन कर सकेंगे। नियुक्ति के बाद परामर्शी से नगर निगम और नगर पालिका के लिए बने दोनो अधिनियमों का विस्तृत अध्ययन करने के बाद उन्हें कैसे एक किया जा सकता है इस पर अपनी अनुशंसा राज्य शासन को करेंगे।
राज्य सरकार इन दोनो अधिनियमों के ऐसे हिस्से जो अनुपयोगी हो चुके है उसे हटा सकेगी और कुछ नये प्रावधान जोड़े जाने है जो निकायों को और अधिक उपयोगी और जनता के लिए सुविधाजनक बनाए उन्हें नये अधिनियम में शामिल किया जाएगा।





