राज्यपाल करेंगे 14 करोड़ की लागत से होने वाले विकास कार्य का भूमि पूजन, उच्च शिक्षा मंत्री रहेगें मौजूद

पुरातत्व संग्रहालय में उज्जैन के इतिहास से जुड़े कई तथ्य मौजूद

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राज्यपाल करेंगे 14 करोड़ की लागत से होने वाले विकास कार्य का भूमि पूजन, उच्च शिक्षा मंत्री रहेगें मौजूद

(उज्जैन से सुदर्शन सोनी की रिर्पोट)

उज्जैन । प्राचीन नगरी उज्जयिनी को आने वाले दिनों में संवारने का कार्य किया जायेगा। विक्रम विश्वविद्यालय के पुरातत्व संग्रहालय के स्वरूप को बदल उसका कयाकल्प किया जायेगा। भवन निर्माण सहित नई विथिकाएं 14 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जायेगी। बुधवार 18 जनवरी को दोपहर 12 बजे राज्यपाल मंगुभाई पटेल के मुख्य आतिथ्य में भूमि पूजन किया जायेगा। भूमि पूजन के अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव भी उपस्थित रहेंगे।

विक्रम विश्वविद्यालय के पुरातत्व संग्रहालय में उज्जैन के इतिहास से जुड़े कई तथ्य मौजूद हैं। संग्रहालय को आने वाले दिनों में सरकार 14 करोड़ रुपये की लागत से संवारने का कार्य किया जायेगा। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव के प्रयास से संग्रहालय को अत्याधुनिक रूप देने एवं संरक्षित प्रतिमाओं और अवशेषों को संरक्षित रखने के लिये उक्त राशि स्वीकृत की गई है। स्वीकृत राशि से विक्रम विश्वविद्यालय के विक्रम कीर्ति मन्दिर स्थित पुरातत्व संग्रहालय में रखी पुरातात्विक धरोहर जिसमें पांच लाख साल पुराना विश्व प्रसिद्ध हाथी का मस्तक, गेंडे का सिंग, दरियाई घोड़े का दांत, जंगली भैंसे का जबड़ा एवं अन्य 200 जीवाश्म तथा अन्य अवशेष जिन्हें विभिन्न विथिकाओं में प्रदर्शित किया जायेगा।

इसके अलावा संग्रहालय में भीम बैटका के पुरातात्विक उत्खनन में डॉ.विष्णु श्रीधर वाकणकर द्वारा एकत्रित आदि मानव के द्वारा निर्मित प्रस्तर औजारों को भी प्रदर्शित किया जायेगा। उज्जैन के राजा चंडप्रद्योग के काल में निर्मित लकड़ी की दीवार एवं बंदरगाह के अवशेष के रूप में गढ़कालिका क्षेत्र स्थित शिप्रा नदी के तट से प्राप्त 10 लट्ठे जो कि 2600 वर्ष पूर्व के हैं, वह भी संग्रहालय में प्रदर्शित किये जायेंगे। इस तरह उज्जैन के ग्रामीण क्षेत्रों में कायथा, महिदपुर, आजाद नगर, रूणिजा, सोडंग, टकरावदा के उत्खनन के साथ प्राप्त चार हजार वर्ष पुरानी पुरातात्विक सामग्री प्रदर्शित की जायेगी। इसके अलावा संग्रहालय में दुर्लभ प्रस्तर 472 प्रतिमाएं जो कि मौर्यकाल से लेकर मराठाकाल तक की है, इन्हें भी नवनिर्मित विथिकाओं में प्रदर्शित कर संग्रहालय को भव्य बनाने की योजना बनाई गई है। प्रथम चरण में 7.5 करोड़ रुपये की लागत से भवन निर्माण तथा 6.5 करोड़ रुपये की लागत से इंटीरियर कार्य कराया जायेगा।