
हर प्रदेशवासी का दिल कह रहा…वाह गडकरी वाह…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
मध्य प्रदेश में 23 अगस्त 2025 का दिन सड़कों और फ्लाय ओवर के नाम रहा। जबलपुर में जहां प्रदेश के सबसे लंबे फ्लाय ओवर की सौगात इतिहास बन गई। तो महाकौशल से पूरे मध्यप्रदेश को मिली सड़कों की सौगात ने यह कहने को प्रेरित किया कि वाह गडकरी वाह। यह सब गडकरी का ही मध्यप्रदेश प्रेम है कि उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ से निवेदन कर जबलपुर में प्रदेश के सबसे लंबे फ्लाय ओवर का प्रस्ताव सेंट्रल रोड फंड के तहत खुद मांगा था। और कमलनाथ का जिक्र करते हुए उन्होंने साझा किया कि रानी दुर्गावती फ्लाय ओवर के लिए देश में पहली बार 1200 करोड़ रुपए का सेंट्रल रोड फंड उन्होंने मंजूर किया था। 23 अगस्त 2025 के दिन की ऐतिहासिकता स्वप्रमाणित है क्योंकि इस दिन केन्द्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 4250 करोड़ से अधिक की लागत वाली 174 किलोमीटर लंबी 9 सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इनमें देश का सबसे बड़ा दमोह नाका-रानीताल-मदनमहल-मेडिकल रोड फ्लाय ओवर भी शामिल है। जबलपुर के महानद्दा में आयोजित कार्यक्रम में गडकरी ने मध्यप्रदेश के लिये 60 हजार करोड़ से अधिक लागत की विभिन्न सड़क परियोजनाओं की घोषणाएँ भी की। वास्तव में सड़कों और फ्लाय ओवर के मामले में यह नया मध्य प्रदेश है, चमकता मध्य प्रदेश है और इतिहास रचता मध्य प्रदेश है। गडकरी ने बताया कि भोपाल से जबलपुर के बीच 255 किलोमीटर लंबा नया ग्रीन फील्ड हाई-वे बनाया जाएगा। मध्यप्रदेश में टाइगर कॉरीडोर बनाया जाएगा। तो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सही ही कहा कि यह केन्द्रीय मंत्री गडकरी के प्रबंधन का चमत्कार है कि वे देश के अधोसंरचना विकास के लिए कभी पैसे की कमी नहीं होने देते। मध्यप्रदेश सीधे विशाखापट्टनम बंदरगाह से जुड़ेगा।भोपाल से इंदौर 160 किमी ग्रीनफील्ड कॉरीडोर की स्वीकृति दी गई है। प्रदेश में 2100 करोड़ रुपए की लागत से 7 रोप-वे बन रहे हैं। रोड नेटवर्क की तरह परिवहन के साधन भी विश्वस्तरीय होंगे।
और यह जानना मध्यप्रदेश के हर नागरिक के लिए सुखद है कि प्रदेश के लिए 3 लाख करोड़ रुपए की सड़क परियोजनाएं स्वीकृत हैं।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा कि देश को 2047 तक शक्तिशाली और विश्वगुरु बनाने के संकल्प के साथ कार्य जारी है। गडकरी ने कहा कि मध्यप्रदेश के लिए 3 लाख करोड़ रुपए की सड़क परियोजनाएं स्वीकृत की हैं, जिनमें से 75 हजार करोड़ के कार्य पूरे किए हैं और 65 हजार करोड़ के कार्य प्रगति पर हैं। आगामी समय में डेढ़ लाख करोड़ रुपए लागत से करीब ढाई हजार किलोमीटर के कार्य डीपीआर के लिए रखे हैं। मध्यप्रदेश में 33 हजार करोड़ रुपए की लागत से 5 ग्रीन फील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इंदौर से हैदराबाद कॉरिडोर पर ओंकारेश्वर के पास नर्मदा नदी पर एक भव्य ब्रिज का निर्माण किया गया है। जल्द ही इसका उद्घाटन किया जाएगा। उज्जैन-गरोठ 4 लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे, भोपाल से कानपुर 440 किलोमीटर लंबा 4 लेन इकोनॉमिक कॉरिडोर बनने पर 15 घंटे की यात्रा 8 घंटे में पूरी होगी। आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेस-वे का भूमिपूजन भी जल्द होगा। साढ़े 4 घंटे में ग्वालियर से दिल्ली पहुंचेंगे। दिल्ली से मुंबई के बीच बनाए जा रहे एक्सप्रेस वे में मध्यप्रदेश में 245 किलोमीटर का हिस्सा बनकर पूरा हो गया है। मुंबई में भी कार्य अंतिम चरण में है।
मन यह जानकर हर्षित है कि टाइगर स्टेट में टाइगर कॉरिडोर बनने जा रहा है। मध्य प्रदेश में टाइगर कॉरिडोर बनाया जाएगा। इसके अंतर्गत जबलपुर से बांधवगढ़ तक 4600 करोड़ रुपए की लागत से 4 लेन सड़क बनाई जानी थी, जिसे बढ़ाकर अब 5500 करोड़ रुपए किया गया है। यह रोड कान्हा, बांधवगढ़, पन्ना और पेंच टाइगर रिजर्व को कनेक्ट करेगी। इससे मध्यप्रदेश के टूरिज्म, आर्थिक विकास और रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी होगी। तो जबलपुर से 15 हजार करोड़ रुपए लागत की सड़क परियोजनाओं की घोषणा की गई। जबलपुर से मंडला और छत्तीसगढ़ सीमा तक 2.5 हजार करोड़ रुपए का 150 किलोमीटर का 6 लेन के चौड़ीकरण का कार्य किया जाएगा, यह कार्य 6 महीने में शुरू होगा। सिवनी-छिंदवाड़ा-सावनेर 4 लेन चौड़ीकरण का कार्य 2.5 हजार करोड़ रुपए लागत से आगामी 6 माह में शुरू किया जाएगा। खरगोन-देशगांव-जुलवानिया मार्ग के 108 किलोमीटर 4 लेन चौड़ीकरण का कार्य 2300 करोड़ रुपए से किया जाएगा तथा महाराष्ट्र सीमा तक बैतूल-परसवाड़ा 2 लेन मार्ग को भी मंजूरी दी गई है। बालाघाट से मंडला के बीच बेहतर संपर्क के लिए सड़क बनाई जाएगी।
सेंट्रल रोड फंड की तरह ही गडकरी ने प्रस्ताव मांगते हुए यह बात साझा की, कि भारत सरकार प्रदेश में जिला स्तर तक जल्द ड्राइविंग सेंटर आरंभ करने की इच्छुक है। इसके लिए प्रस्ताव राज्य सरकार की ओर से शीघ्रता से भेजे जाएं। केंद्र द्वारा इन्हें तत्काल स्वीकृति प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सीआरएफ फंड से 1500 करोड़ रुपए के विकास कार्यों की घोषणा की जा रही है। इससे उज्जैन, जबलपुर और रीवा में नए फ्लाय ओवर बनाए जाएंगे। उज्जैन में 510 करोड़ रुपए की लागत से नई सड़क और फ्लाय ओवर बनेंगे। अशोकनगर से विदिशा के बीच 96 करोड़ रुपए की लागत से सड़क बनाई जाएगी। उज्जैन में कालभैरव मंदिर की कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए ब्रिज बनाया जाएगा।सूची इतनी लंबी है कि सबका जिक्र करना मुश्किल है लेकिन यह कहा जा सकता है कि मध्य प्रदेश में 23 अगस्त 2025 को महाकौशल से सड़कों और फ्लाय ओवर की बरसात हो रही थी। और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सही ही कहा कि यह गडकरी के प्रबंधन का चमत्कार है कि देश में सड़क और अधो-संरचना निर्माण के लिए वह कभी पैसे की कमी होने ही नहीं देते। देश की सीमा पर जवान और खेत में किसान की सजगता और मेहनत से ही देश की ताकत बनती है। बेहतर रोड नेटवर्क दोनों की ही सक्रियता और सामर्थ्य का आधार हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के सुगम संपर्क, तेज विकास, बेहतर सुरक्षा और सब की समृद्धि सुनिश्चित करने के प्रण को पूरा करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्धता के साथ अद्यतन अधोसंरचना निर्माण के लिए निरंतर सक्रिय है। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने महाकौशल सहित प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों और निवासियों की रोड नेटवर्क संबंधी आकांक्षा-अपेक्षा को पूर्ण किया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा कि देश को 2047 तक शक्तिशाली और विश्वगुरु बनाने के संकल्प के साथ कार्य जारी है। गडकरी ने कहा कि मध्यप्रदेश के लिए 3 लाख करोड़ रुपए की सड़क परियोजनाएं स्वीकृत की हैं, जिनमें से 75 हजार करोड़ के कार्य पूरे किए हैं और 65 हजार करोड़ के कार्य प्रगति पर हैं। आगामी समय में डेढ़ लाख करोड़ रुपए लागत से करीब ढाई हजार किलोमीटर के कार्य डीपीआर के लिए रखे हैं। मध्यप्रदेश में 33 हजार करोड़ रुपए की लागत से 5 ग्रीन फील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इंदौर से हैदराबाद कॉरिडोर पर ओंकारेश्वर के पास नर्मदा नदी पर एक भव्य ब्रिज का निर्माण किया गया है। जल्द ही इसका उद्घाटन किया जाएगा। उज्जैन-गरोठ 4 लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे, भोपाल से कानपुर 440 किलोमीटर लंबा 4 लेन इकोनॉमिक कॉरिडोर बनने पर 15 घंटे की यात्रा 8 घंटे में पूरी होगी। आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेस-वे का भूमिपूजन भी जल्द होगा। साढ़े 4 घंटे में ग्वालियर से दिल्ली पहुंचेंगे। दिल्ली से मुंबई के बीच बनाए जा रहे एक्सप्रेस वे में मध्यप्रदेश में 245 किलोमीटर का हिस्सा बनकर पूरा हो गया है। मुंबई में भी कार्य अंतिम चरण में है।
मन यह जानकर हर्षित है कि टाइगर स्टेट में टाइगर कॉरिडोर बनने जा रहा है। मध्य प्रदेश में टाइगर कॉरिडोर बनाया जाएगा। इसके अंतर्गत जबलपुर से बांधवगढ़ तक 4600 करोड़ रुपए की लागत से 4 लेन सड़क बनाई जानी थी, जिसे बढ़ाकर अब 5500 करोड़ रुपए किया गया है। यह रोड कान्हा, बांधवगढ़, पन्ना और पेंच टाइगर रिजर्व को कनेक्ट करेगी। इससे मध्यप्रदेश के टूरिज्म, आर्थिक विकास और रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी होगी। तो जबलपुर से 15 हजार करोड़ रुपए लागत की सड़क परियोजनाओं की घोषणा की गई। जबलपुर से मंडला और छत्तीसगढ़ सीमा तक 2.5 हजार करोड़ रुपए का 150 किलोमीटर का 6 लेन के चौड़ीकरण का कार्य किया जाएगा, यह कार्य 6 महीने में शुरू होगा। सिवनी-छिंदवाड़ा-सावनेर 4 लेन चौड़ीकरण का कार्य 2.5 हजार करोड़ रुपए लागत से आगामी 6 माह में शुरू किया जाएगा। खरगोन-देशगांव-जुलवानिया मार्ग के 108 किलोमीटर 4 लेन चौड़ीकरण का कार्य 2300 करोड़ रुपए से किया जाएगा तथा महाराष्ट्र सीमा तक बैतूल-परसवाड़ा 2 लेन मार्ग को भी मंजूरी दी गई है। बालाघाट से मंडला के बीच बेहतर संपर्क के लिए सड़क बनाई जाएगी।
सेंट्रल रोड फंड की तरह ही गडकरी ने प्रस्ताव मांगते हुए यह बात साझा की, कि भारत सरकार प्रदेश में जिला स्तर तक जल्द ड्राइविंग सेंटर आरंभ करने की इच्छुक है। इसके लिए प्रस्ताव राज्य सरकार की ओर से शीघ्रता से भेजे जाएं। केंद्र द्वारा इन्हें तत्काल स्वीकृति प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सीआरएफ फंड से 1500 करोड़ रुपए के विकास कार्यों की घोषणा की जा रही है। इससे उज्जैन, जबलपुर और रीवा में नए फ्लाय ओवर बनाए जाएंगे। उज्जैन में 510 करोड़ रुपए की लागत से नई सड़क और फ्लाय ओवर बनेंगे। अशोकनगर से विदिशा के बीच 96 करोड़ रुपए की लागत से सड़क बनाई जाएगी। उज्जैन में कालभैरव मंदिर की कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए ब्रिज बनाया जाएगा।सूची इतनी लंबी है कि सबका जिक्र करना मुश्किल है लेकिन यह कहा जा सकता है कि मध्य प्रदेश में 23 अगस्त 2025 को महाकौशल से सड़कों और फ्लाय ओवर की बरसात हो रही थी। और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सही ही कहा कि यह गडकरी के प्रबंधन का चमत्कार है कि देश में सड़क और अधो-संरचना निर्माण के लिए वह कभी पैसे की कमी होने ही नहीं देते। देश की सीमा पर जवान और खेत में किसान की सजगता और मेहनत से ही देश की ताकत बनती है। बेहतर रोड नेटवर्क दोनों की ही सक्रियता और सामर्थ्य का आधार हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के सुगम संपर्क, तेज विकास, बेहतर सुरक्षा और सब की समृद्धि सुनिश्चित करने के प्रण को पूरा करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्धता के साथ अद्यतन अधोसंरचना निर्माण के लिए निरंतर सक्रिय है। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने महाकौशल सहित प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों और निवासियों की रोड नेटवर्क संबंधी आकांक्षा-अपेक्षा को पूर्ण किया है।
वास्तव में देखा जाए तो गडकरी जैसी विकास की दृष्टि हर राजनेता को मिलनी चाहिए। पक्ष और विपक्ष के भेदभाव से परे राष्ट्र के विकास पर केंद्रित गडकरी की सोच का विस्तार देश के सभी दलों के राजनेताओं तक होना चाहिए। यही उम्मीद है कि मध्य प्रदेश हर दिन विकास के नए कीर्तिमान रचकर इतिहास बनाता रहेगा। अभी महाकौशल से पूरे मध्यप्रदेश को सड़कों-फ्लाय ओवर की सौगात मिली है… तो आने वाले समय में मालवा, बुंदेलखंड, विंध्य और हर जगह से पूरे मध्य प्रदेश को मिलने वाली सौगातों का यह सिलसिला जारी रहे। गौरवान्वित पूरा मध्यप्रदेश दिल और दिमाग दोनों से यह कहने में अच्छा महसूस कर रहा है कि ‘वाह गडकरी वाह’…।





