

गौरवान्वित कर संपन्न हुआ सदन…तोमर की कार्यशैली से मिले पक्ष-विपक्ष के मन…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
आखिरकार 16वीं विधानसभा का पंचम सत्र सभी नौ बैठकें पूरी कर संपन्न हो गया। वास्तव में करीब 56 घंटे चला यह सत्र स्वस्थ लोकतंत्र का मंत्र सिद्ध कर गया। आखिरी बैठक में तो बिना भोजन किए सदस्य पूरी तल्लीनता से भोजनावकाश में भी सदन में बैठे रहे। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर की कार्यशैली का जादू कुछ इस तरह चला कि नेता प्रतिपक्ष यह बोले बिना नहीं रहे कि मतभेद भले ही रहे पर मनभेद नहीं रहा। कुछ मन में था भी, तो विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने फाग उत्सव का आयोजन कर हम सबके दिल मिला दिए थे। तो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी पक्ष-विपक्ष का आभार जताते और विधानसभा अध्यक्ष तोमर को सदन की बैठकें पूरी होने का पूरा श्रेय देते हुए कहा कि वास्तव में स्वस्थ लोकतंत्र की यही निशानी है कि जनहित के मुद्दों पर चर्चा पूरी हो। और बजट सत्र ने यह साबित कर दिया है कि जनहित के मुद्दों पर सदन में भरपूर चर्चा हुई है। तो विधानसभा अध्यक्ष महोदय ने कहा कि सदन में सार्थक चर्चा के माध्यम से ही जनता की समस्याओं का निराकरण होता है। सदन का चलना और चर्चा होना पक्ष और विपक्ष दोनों के हित में है। इससे जहां एक ओर विपक्ष को प्रश्नों, ध्यानाकर्षण और विभिन्न संसदीय माध्यमों से अपनी बात कहने का अवसर मिलता है वहीं सरकार को अपनी कार्यप्रणाली में कमियों को दूर करने हेतु बहुमूल्य सुझाव भी प्राप्त होते हैं जिससे प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार करने और उसमें कसावट लाने में सुविधा होती है। तोमर ने कहा कि सदन की सफल कार्यवाही से विधायिका के कार्यपालिका पर नियंत्रण की वास्तविक तस्वीर भी परिलक्षित होती है। वास्तव में हमारा लक्ष्य यही होता है कि लोकतंत्र समृद्ध हो और संसदीय कार्यप्रणाली प्रदेश और उसकी जनता की प्रगति तथा उन्नति का माध्यम बने।
मध्यप्रदेश की सोलहवीं विधानसभा के पंचम सत्र (बजट सत्र) 10 मार्च से प्रारंभ हुआ था। इस सत्र में कुल 9 दिन सदन की कार्यवाही संचालित हुई। जिसमें सौहार्द पूर्ण वातावरण में पक्ष−विपक्ष ने सक्रियता के साथ भाग लिया और विधायी, वित्तीय और लोक महत्व के कार्य संपादित किए गए। राज्यपाल मंगू भाई पटेल का अभिभाषण हुआ एवं प्रदेश सरकार के वित्तीय वर्ष 2025−26 के आय व्यय को पारित किया गया तथा वित्तीय वर्ष 2024−25 की द्वितीय अनुपूरक मांगों को भी स्वीकृति प्रदान की गई। जितने समय के लिए विधानसभा की कार्यवाही निर्धारित की गई थी उतने पूरे दिनों के लिए सदन की कार्यवाही संचालित हुई। कुछ कार्य दिवसों में तो निर्धारित समय अवधि से ज्यादा समय रात्रि दस बजे तक सदन की कार्यवाही में सक्रियता से सदस्यों ने भाग लिया। इस सत्र में अशासकीय कार्य भी काफी मात्रा में हुए हैं। इस सत्र में कुल 2939 प्रश्न प्राप्त हुए जिसमें से 1448 तारांकित और 1491 अतारांकित प्रश्न थे। ध्यानाकर्षण की 624 सूचनाएं प्राप्त हुईं जिसमें से 33 सूचनाएं ग्राह्य की गईं। शून्यकाल की 183 सूचनाएं और 510 याचिकाएं भी प्राप्त हुईं। इस सत्र के दौरान 4 शासकीय विधेयक और एक अशासकीय संकल्प भी सदन में पारित हुआ है। इस सत्र में अनेक समितियों के 59 प्रतिवेदन भी सदन के पटल पर रखे गए हैं। राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन के प्रस्ताव पर सदन में कुल 11 घंटे 30 मिनट चर्चा हुई और बजट पर सामान्य चर्चा 9 घंटे 44 मिनट चली। और कुल चर्चा 56 घंटे से ज्यादा चली।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पक्ष एवं विपक्ष दोनों ओर के सभी सदस्य सदन की पूरी कार्यवाही में सत्र के अंतिम दिन तक सक्रिय रूप से प्रतिभागी रहे, यह एक स्वस्थ लोकतांत्रिक पंरपरा की निशानी है। इसके लिए माननीय अध्यक्ष महोदय एवं सभी सदस्यगण बधाई के पात्र हैं। तो लोक निर्माण विभाग मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि यह सत्र पूर्ण रूप से सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ है और विधानसभा की कार्यवाही को कुशलता पूर्वक संपादित करने में विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर की महत्वपूर्ण भूमिका है। वे गंभीरता से सदन को संचालित करते हैं एवं सदन के प्रत्येक सदस्य को महत्व प्रदान करते हैं। तोमर का अनुभव सुदीर्घ है और उनके दिशा−निर्देश को पक्ष−विपक्ष दोनों ही पूर्ण रूप से स्वीकार करते हैं।
मैंने 10 मार्च को आलेख लिखा था कि ‘खेल भावना से पूरी हो विधानसभा सत्र बैठकों की पारी …।’ इसमें आईसीसी चैंपियनशिप फाइनल मुकाबले का हवाला दिया था। न्यूजीलैंड और भारत के बीच मैच के जरिए उम्मीद जताई थी कि राजनीति में खेल भावना का फार्मूला लागू हो। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर की मंशा यही रहेगी कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सदन में तालमेल बेहतर रहे। सदन की कार्यवाही पूरे समय चले। जनहित के मुद्दों पर चर्चा हो और जन-जन के हित में बेहतर कानून बनें। बजट में जनहितैषी मुद्दों को जगह मिले।
यह पिछले सालों में संभव नहीं हो पाता था। पर इस बार संपन्न हो गया। मध्यप्रदेश का विधानसभा सत्र भी खेल भावना से सराबोर रहा। पक्ष-विपक्ष के सदस्यों संग बजट सत्र ने अपनी सभी 9 बैठकें सफलतापूर्वक पूरी कीं। जनहित के मुद्दों को सदस्यों ने पूरी ताकत से सदन में उठाया। और लोकतंत्र का आदर्श रूप देखने को मिला। वास्तव में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर की कुशल कार्यशैली और सुदीर्घ राजनैतिक अनुभव ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय सहित सदन के सभी सदस्यों का ह्रदय परिवर्तन करने में सफलता पाई है। और बजट सत्र ने स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा संग मध्यप्रदेश की साढे आठ करोड़ आबादी का मन मोह लिया। सदन पक्ष-विपक्ष के मन को गौरवान्वित कर संपन्न हुआ …तो तोमर की कार्यशैली ने सबका दिल जीत लिया …।