पुलिस अभिरक्षा में आरोपी की मृत्यु पर मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया और कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक से जांच प्रतिवेदन मांगा

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पुलिस अभिरक्षा में आरोपी की मृत्यु पर मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया और कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक से जांच प्रतिवेदन मांगा

 

मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट

मंदसौर । दो दिन के घटनाक्रम में थाना बिरला ग्राम नागदा जिले उज्जैन निवासी महिपाल सिंह पिता बालूसिंह को पुलिस नारकोटिक्स विंग द्वारा उन्हेल से हिरासत में लेकर मंदसौर लाया गया । पुलिस के मुताबिक आरोपी से 400 ग्राम एम डी मादक द्रव्य जप्त किया गया मोटरसाइकिल पर सवार आरोपी महिपाल सिंह ( 35 ) की पुलिस अभिरक्षा में तबियत बिगड़ जाने से उसे नारकोटिक्स विंग द्वारा उपचार के लिये निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया और उपचार के दौरान आरोपी की मौत हुई ।

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परिजनों ने पुलिस अभिरक्षा में यातनाएं देने और घातक मारपीट का आरोप लगाया है । पुलिस अधिकारी के अनुसार तबियत बिगड़ने से हॉस्पिटल लाया गया और गंभीर हालत होने पर वेंटिलेटर पर लिया गया उपचार के बाद भी बचाया नहीं जासका । मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में पैनल पोस्टमार्टम हुआ और शव परिजनों को सौंपा गया ।

आरोप प्रत्यारोप के बीच मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने शुक्रवार को प्रदेश के 8 मामले संज्ञान में लिए है उसमें मंदसौर का मामला शामिल हैं । मानव अधिकार आयोग कार्यकारी अध्यक्ष पूर्व पुलिस महानिरीक्षक लोकायुक्त श्री राजीव कुमार टण्डन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पुलिस हिरासत में आरोपी की इलाज के दौरान संदिग्ध परिस्थिति में हुई मृत्यु पर जिला कलेक्टर श्रीमती अदिति गर्ग एवं जिला पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक आनंद से घटना की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा गया है ।

इधर मंदसौर के पूर्व विधायक यशपालसिंह सिसोदिया ने सोशल मीडिया माध्यम से मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री से ज्यूडिशियल इंक्वायरी की मांग की है ।

करणी सेना के जीवन सिंह शेरपुर ने इस मामले में सोशल मीडिया पर न्यायिक जांच के साथ निष्पक्ष कार्यवाही की मांग की है और नारकोटिक्स विंग के अधिकारियों की गलती ओर गड़बड़ी भी सामने आना चाहिए

नारकोटिक्स विंग अधिकारी ने बताया कि आरोपी पूर्व में मादक द्रव्यों तस्करी में 12 साल की सजा से हाल में छूटा है ।