
संघ प्रमुख के सामने उठेगा सिंहस्थ में किसानों की जमीन अधिग्रहण करने का मामला
भोपाल: सिंहस्थ के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहण कर उनके विस्थापन का मामला राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत सहित अन्य पदाधिकारियों के सामने लाया जा रहा है। शनिवार यानि 6 सितंबर को यह मामला उनके सामने राजस्थान में रखा जाएगा। संघ प्रेरित 32 विविध संगठनों के साथ समन्वय बैठक होने जा रही है। इस बैठक में यह मामला उठेगा।
भारतीय किसान संघ की भोपाल में दो दिन पहले हुई बैठक में अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्रा शामिल हुए थे। इस बैठक में लैंड पुलिंग बिल और सिंहस्थ में पक्के निर्माण के लिए किसानों का विस्थापन जमकर विरोध हुआ था। इस बैठक के बाद भारतीय किसान संघ ने तय किया कि वह किसानों की जमीन नहीं जाने देगी। यदि सरकार चाहे तो सिंहस्थ के दौरान तीन महीने का किराया देकर जमीन ले सकती है, लेकिन सरकार को लैंड पुलिंग बिल के अनुसार किसानों की जमीन छीनने नहीं दी जाएगी।
*तीन दिवसीय बैठक जोधपुर में*
इधर राजस्थान के जोधपुर में स्वयं सेवक संघ की समन्वय बैठक शुक्रवार से शुरू होने जा रही है। पांच से सात सितंबर तक बैठक जोधपुर के लालसागर क्षेत्र में स्थित आदर्श विद्या मंदिर में होगी। यह बैठक हर साल होती है। पिछले साल सितंबर में यह पालक्काड़ (केरल) में हुई थी। इस बैठक में संघ प्रेरित 32 विविध संगठनों के चयनित पदाधिकारी सहभागी होते हैं। बैठक में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले सहित सभी छह सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, सीआर मुकुंद (केसी मुकुंद), अरुण कुमार, रामदत्त चक्रधर, अतुल लिमये,आलोक कुमार व अन्य प्रमुख पदाधिकारी, भाजपा से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी इस बैठक में उपस्थित रहेंगे।
*किसान संघ के तीन पदाधिकारी रखेंगे बात*
इसी बैठक में भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष साई रेड्डी, अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी और अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन सिंहा भी शामिल होंगे। भारतीय किसान संघ के साथ शनिवार यानि 6 सितंबर को संघ के पदाधिकारियों से बैठक होना है। भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों का दावा है कि इस बैठक में वे उज्जैन में आयोजित होने वाले सिहंस्थ के लिए किसानों की जमीन लैंड पुलिंग बिल के तहत अधिग्रहण करने का मामला उठाएंगे और संघ प्रमुख सहित अन्य पदाधिकारियों को बताएंगे कि वहां पर किसानों के साथ ठीक नहीं हो रहा है। उज्जैन के 17 गांवों के किसानों की जमीन ली जा रही है।
*किसानों से की वन-टू-वन चर्चा*
इस बैठक में किसानों का पक्ष रखने से पहले भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने यहां के 17 गांवों में पहुंचे। पदाधिकारियों ने कई किसानों से वन-टू-वन चर्चा कर समस्या को पूरी तरह से समझा। अब उनकी बात वे इस जोधपुर में होने जा रही समन्वय बैठक में रखेंगे।





