

“टेंपो” से “मेट्रो” तक का सफर
पुष्यमित्र भार्गव
कालचक्र साक्षी होता है, किसी शहर के जीवन के ऐतिहासिक परिवर्तनों का, देवी अहिल्या की नगरी इंदौर ऐसे अनेकों परिवर्तन से गुजरते हुए आज विकास की नई इबारत मेट्रो के सफर तक पहुंच चुकी है।
हम पीछे मुड़कर देखें तो एक दौर था, जब आवाजें आती थी,चलो हटो भाई, राजबाडा चलोगी क्या बहन जी, टेशन – टेशन, नेहरु पार्क, चिड़ियाघर,
बड़ी जबरदस्त आवाज करता हुआ टेंपो दनदनाता हुआ निकलता था। जिस रास्ते से टेंपो गुजरता था काला धुआं छा जाता था। सवारी तो जितनी ज्यादा आ जाए उतनी कम थी।
जनसंख्या के दबाव के घनत्व में बढ़ते इंदौर को सशक्त इच्छाशक्ति वाले राजनीतिक नेतृत्व की प्राप्ति हुई, भारतीय जनता पार्टी की निगम परिषद आने के बाद इंदौर में लोकपरिवहन के क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति हुई है।
जब श्री कैलाश विजयवर्गीय इंदौर के महापौर बने तब, टेंपो की विदाई हुई और लोक परिवहन का तत्कालीन साधन नगर सेवा टाटा 407 पर बनी मिनी बस मुख्य भूमिका में आई, सवारी के लिए रेस लगाती नगर सेवाओं पर स्पीड लिमिट व्यवस्था लागु की गई, शहर हित में यह विचार आया लोक परिवहन के क्षेत्र में “सिटी बस” का मॉडल लागू हो, धीरे धीरे सिस्टेमैटिक बस स्टॉप, और व्यवस्थित किराया व्यवस्था, पास जैसी सुविधाएं आम जनता को प्राप्त होने लगी।
सोने पर सुहागा की तर्ज पर इंदौर के विकास को मध्य प्रदेश, और केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की नेतृत्व की सरकार का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होने लगा भारत,रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर “अटल बस सर्विस” आज इंदौर की जान है, लाखों यात्री, विद्यार्थी, इसमें सफर करते हैं। देश के सर्वश्रेष्ठ लोक परिवहन बस सिस्टम में से एक है।
जैसे-जैसे इंदौर आगे बढ़ता गया परिवहन व्यवस्था पर दबाव भी कई गुना बढ़ता गया, आज देश में सबसे तेज बढ़ते 10 शहरों में इंदौर प्रमुख है, हमारे शहर की चहुंमुखी प्रगति कानून व्यवस्था, रहन, सहन संस्कार स्वच्छता और नवाचार इंदौर को प्रदेश व देश के श्रेष्ठतम रहने लायक शहरों में से एक बनाते है। 31 मई 2025 इंदौर की विकास यात्रा मे मिल का पत्थर सिद्ध होने जा रही है। “इंदौर मेट्रो” सिर्फ एक परिवहन का साधन नहीं इंदौर की नवआकांक्षाओं की उड़ान सिद्ध होगा।
देवी अहिल्या की 300 वीं जयंती के पावन अवसर पर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के वर्चुअल शुभारंभ से, मध्य प्रदेश के जन लोकप्रिय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी की उपस्थिति में कल इंदौर में “देवी अहिल्या टर्मिनल” गांधीनगर से “इंदौर मेट्रो” प्रारंभ हो रही है। मैंने अक्सर यह कहा है, मेट्रो सिर्फ एक ट्रेन नहीं इंदौर के विकास की गति, विकास की दिशा और देश के श्रेष्ठतम शहरों में स्थान तय करने वाला ऐतिहासिक घटनाक्रम है, इंदौर ने “चाल” से लेकर “शॉपिंग मॉल” तक-और “टेंपो” से “मेट्रो” तक का सफर इंदौर के नागरिकों के शहर के प्रति समर्पण, कुशल राजनैतिक नेतृत्व की इच्छाशक्ति विशेष रूप से देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी की भविष्य दृष्टि की विकासात्मक सोच2 के आधार पर पूर्ण किया है।
अभी हमें नित नए …
प्रगति के सोपान गढ़ना है,,,
हमें और आगे बढ़ना है..
हमें और आगे बढ़ना है।