Bhopal : कश्मीरी पंडितों के कश्मीर से पलायन को लेकर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर टिप्पणी करके MP Cadre के IAS नियाज खान इन दिनों खासी चर्चा में है।
उन्होंने एक के बाद कई ट्वीट किए। इन ट्वीट को लेकर मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें सिविल सेवा आचरण नियम के तहत कारण बताओ नोटिस जारी कर 7 दिन में जवाब मांगा है।
‘मीडियावाला’ से बात करते हुए नियाज खान ने स्वीकार किया कि उन्हें नोटिस मिला है और कहा कि वे नोटिस का जवाब देंगे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नोटिस में उनकी टिप्पणियों का हवाला देते हुए इन्हें धार्मिक सौहार्द व भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला माना गया।
साथ ही स्वयं की पदस्थापना जम्मू-कश्मीर में किए जाने के लिए प्रधानमंत्री से कहने की बात को भी आचरण नियमों का उल्लंघन माना गया।
प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिए गए नोटिस में कहा गया यदि 7 दिन में जवाब नहीं दिया गया तो एकपक्षीय कार्रवाई की जाएगी।
सामान्य प्रशासन विभाग कार्मिक ने नोटिस में कहा कि आपके किए ट्वीट में बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय विशेष के लोगों की विभिन्न् राज्यों में हत्या किए जाने और किताब लिखकर उनकी पीड़ा को भारतीयों के सामने लाने जैसी टिप्पणियां करना प्रथम दृष्टया धार्मिक एवं सांप्रदायिक भावनाओं को उत्तेजित कर धार्मिक सौहार्द को ठेस पहुंचाने का प्रयास प्रतीत होता है।
आपने स्वयं की पदस्थापना जम्मू-कश्मीर में किए जाने के लिए प्रधानमंत्री से कहने का बयान दिया, जो भारतीय अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 का उल्लंघन है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारियों से जिस आचरण की अपेक्षा की जाती है, आपका कृत्य उसके अनुरूप न होकर अनुशासनहीनता, स्वेच्छाचारिता एवं गंभीर कदाचार की श्रेणी में आता है।
अत: बताएं कि उपरोक्त कृत्य के लिए क्यों न आपके विरुद्ध अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।