मछली परिवार द्वारा कब्जाई जमीनों पर सुस्ती पड़ेगी जिम्मेदार अफसरों पर भारी

जिला प्रशासन, पशुपालन सहित अन्य विभाग कर रहे हैं अपनी आवंटित जमीनों की पड़ताल

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मछली परिवार द्वारा कब्जाई जमीनों पर सुस्ती पड़ेगी जिम्मेदार अफसरों पर भारी

भोपाल:  राजधानी की गंदी मछली यानी शारिक अहमद और उनके परिजनों द्वारा शहर में कैडनेपिंग, ड्रग्स, युवतियों से शोषण, सरकारी जमीनों पर कब्जे सहित अनेक आरोप लगे हैं। इस पर बीते कुछ माह से जिला प्रशासन सहित अन्य विभागों की पड़ताल चल रही है। इसमें यह बात सामने आई है कि शारिक मछली और उसके परिजनों ने अनेक स्थानों पर सरकारी जमीनों पर कब्जे किए हैं। उन्होंने अपनी निजी जमीन के पास खाली पड़ी सरकारी जमीनों पर भी कब्जा करके उसमें कॉलोनी काट दी है। ऐसे में अब इस मामले में सख्ती से जांच-पड़ताल और सीमांकन का काम जारी है।

सूत्रों की मानें, तो मछली परिवार के लोगों के कई नेताओं और अफसरों से अच्छे संबंध थे। ऐसे में सीमांकन सहित अन्य काम में धीमी गति से काम होने के आरोप लग रहे हैं। इस पर सवाल उठने के बाद जिले के आला अधिकारियों का सख्त लहजे में कहना है कि इस संबंध में लगातार जांच चल रही है कि किन-किन अफसरों के कार्यकाल में सरकारी जमीनों पर कब्जे हुए हैं। किन-किन कर्मचारियों की मिलीभगत से मछली परिवार के लोग उपकृत हुए हैं। इन सब की सूची बन रही है। ऐसे में आने वाले दिनों में शारिक मछली से जुड़े सरकारी कर्मचारियों/अधिकारियों पर भी एक्शन का डंडा चलेगा, उनके भी ट्रांसफर होंगे।

*पशुपालन विभाग का सीमांकन जारी, कई मकानों में लगे लाल निशान* 

इसके अलावा, मछली परिवार के लोगों द्वारा कोकता बाईपास में काटी गई कॉलोनी में सरकारी जमीन दबाने के सबूत अब प्रशासन को धीरे-धीरे मिल रहे हैं। शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन भी गोविंदपुरा तहसील नजूल की टीम के दो दर्जन कर्मचारियों ने पुलिस की उपस्थिति में सीमांकन का काम जारी है। इसमें लगातार सरकारी जमीनों में बने मकानों पर लाल निशान और खाली जमीन पर सफेद चूने के निशान लगाए जा रहे हैं। अब तक डेढ़ दर्जन प्लॉटों पर लाल निशान लगा दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि पशुपालन की 99 एकड़ जमीन में कोर्टयार्ड प्राइम, पारस सिटी सहित आसपास बनी कॉलोनियों के लोगों के मकान जद में आ रहे हैं।