मालदीव्स से लौटकर दिनेश सोलंकी की खास रिपोर्ट
चंद सालों में ही भारत के नजदीक मालदीव्स (११९२ द्वीपों का समूह) ने विश्व भर में पर्यटन की दृष्टि से स्वयं को बहुत आगे कर लिया है। अब दूर दराज देशों के सैलानियों का खिंचाव मालदीव्स की ओर बढ़ गया है।
इसी के चलते मालदीव्स को वर्ष २०२०-२१ में world’s leading destination के खिताब से नवाजा गया है। मालदीव्स की राजनीतिक सत्ता भले ही भारत और चायना के साथ दोस्ती की रही हो, लेकिन विपक्षी पार्टी भारत का साथ नहीं चाहती है जबकि वें चायना की पक्षधर जरुर है। मालदीव्स एक इस्लामिक देश है।
बहरहाल हम बात कर रहे हैं केवल मालदीव्स की खूबियों की जो पर्यटकोंं को बेहतर मजा देती है और मानसिक सुकून भी।
वर्ष 2000 में मैंने पारिवारिक रुप से साउथ अफ्रीका के पास सेशिल्स आयलैन्ड की यात्रा भी की थी और यहाँ कुछ माह फाइव स्टार लेमुरिया रिसोर्ट में जॉब भी किया था। सैशिल्स भी अपने आप में बेहद खूबसूरत है जिसे सात बड़े द्वीपों का समूह कहा जाता है। लेकिन २० सालों के बाद जब मालदीव्स की यात्रा की तो लगा कि प्रकृति की सुंदरता और पर्यटकों की सुविधाओं के लिहाज से मालदीव्स कमतर नहीं है। बल्कि सैशिल्स और मॉरिशस से कहीं ज्यादा यहाँ रिसॉर्ट हैं।
मालदीव्स की राजधानी माले का अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा ही इस बात का प्रमाण है जहाँ दर्जनों देशों के हवाई जहाज सीधे यहाँ आते हैं। मालदीव्स एशिया का सबसे छोटा देश है यहां के कुल ११९२ द्वीपों में केवल २०० द्वीपों पर स्थानीय निवासी निवास करते हैं जिन्हें मालदीवयीन कहा जाता है।
मालदीव को हिन्द महासागर का गहना भी कहा जाता है। यहाँ की मुद्रा रुफिया है। एक रुफिया भारतीय रुपए का ४.८१ के बराबर है। यहाँ के होटल्स में पर्यटकों से डॉलर से ही आदान प्रदान किया जाता है। मालदीव्स की राजधानी माले में प्राचीन मस्जिद और रंगबिरंगी इमारतें भी कौतुहल पैदा करती है।
मालदीव्स की खूबियों में शुमार है समुद्र का नीला और हरा जल। किनारों की रेत सफ़ेद होती है। समुद्र के प्राणी पेइंगुन, शार्क, टूना, कछुए, केकड़े, ऑक्टोपस और नाना प्रकार की मछलियां हैं।
सबसे बड़ी बात है कि सैलानियों को वाटर स्पोर्टस की कई सुविधाएं हैं तैराकों को यहाँ के समुद्र का नीला जल पाताल की अनोखी सैर कराता है। समुद्र के किनारों पर कोरल्स हैं जो तीखी हैं जिन पर सम्हलने की जरुरत होती है। रंग बिरंगी मछलियों का समूह देखने का खूबसूरत आंनद आता है।
छोटी शार्क मछलियां हैं जो सुबह सुबह समुद्र के किनारों पर आकर छोटी मछलियों का शिकार करती हैं उससे बचने के लिये छोटी मछलियों का झुण्ड आकर्षक बन जाता है। टूना मछली स्वाद में बेमिसाल है इससे मसूनी फिश का कोरमा बनाया जाता है।
यहाँ के रिजॉट की खूबसूरती समुद्र पर बने विला (गेस्ट रुम्स) से होती है। सोनेवा फुशी रिजॉट जहाँ मैं अपनी पत्नी अनुराधा के साथ कुछ दिनों रहा वहाँ विला पर्यटकों को बेचे भी जाते हैं। हांलाकि ये विला बेहद कीमती [लाखों-करोड़ों में] होते हैं क्योंकि इनमें सब प्रकार की सुविधा होती है।
मालदीव्स का आसमान रंग बिरंगे घरेलु उड़ान के हवाई जहाजों से गूंजता रहता है। अनेक द्वीपों पर जाने के लिये घरेलु उड़ान भी होती है तो समुद्र में बोट से भी आना जाना किया जाता है।
खासकर यहाँ पर समुद्र में तैरने और आसमान में उड़ने वाला सी प्लेन भी है जिसमें दो चालक सहित 20 से अधिक यात्री सवार होते हैं। इन घरेलु उड़ान वाले हवाई जहाजों से जब मालदीव की धरती देखी जाए निहायत खूबसूरत नजर आती है।
हरे नीले जल के मिश्रण में रिजॉट, विला, बोट सब इतने सुंदर दिखाई देते हैं कि आँखों को और दिल को बहुत सुकून मिलता है। गोलाकार छोटे छोटे द्वीप में कोई- कोई माला के आकार के भी नजर आते हैं।
मालदीव्स की यात्रा और यहाँ के किसी भी रिजॉट में ठहरना नि:संदेह महंगा है लेकिन विदेशी सैलानी इस मंहगाई की परवाह किये बगैर आते हैं क्योंकि उनके दिलों दिमाग को जो सुकून मिलता है वही अनमोल होता है।
अनेक बड़ी सेलेब्रिटीज यहाँ भरपूर मनोरजंन करने और कुछ दिन अपने व्यावसाय की व्यस्तता से दूर रहकर शांत और प्राकृतिक वातावरण में स्वर्गिक रुप से गुजारते हैं। भारत से भी कई लोग यहाँ आते हैं जिनमें बॉलीवुड के कई सितारे होते हैं।
मालदीव्स की यात्रा दिल्ली, मुम्बई, हैदराबाद, कोचिन, बैंगलुरु, गोवा के माध्यम से की जाती है। पासपोर्ट जरुरी है और वीसा वहाँ पहँुचने पर मिल जाता है। जाने से पहले कोरोना संक्रमण के कारण आरटीपीसीआर की रिपोर्ट जरुरी होती है और सात दिन कोरान्टाइन भी। मालदीव्स की सैर के लिये बहुत जरुरी है पहले होटल्स या रिजॉट की बुकिंग जो अलग अलग सुविधाओं के अनुसार होती है।
अंत में यही कहना चाहूंगा कि जिंदगी में यदि पैसा कमाया है तो मालदीव्स की सैर एक बार जरुर करें ये आपको जिंदगी के कुछ स्वर्णिम अलौकिक पल देता है जिससे आपको लगता है बाहर की दुनिया भी कितनी खूबसूरत होती है।