मंत्री के औचक निरीक्षण में खुली पोल, अधीक्षण यंत्री निलंबित — उपयंत्री व कंसल्टेंट पर भी कार्रवाई के निर्देश

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मंत्री के औचक निरीक्षण में खुली पोल, अधीक्षण यंत्री निलंबित — उपयंत्री व कंसल्टेंट पर भी कार्रवाई के निर्देश

खरगोन : मध्य प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने खरगोन बाईपास के औचक निरीक्षण में गंभीर त्रुटियां पाए जाने पर अधीक्षण यंत्री को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है ।

मंत्री राकेश सिंह ने हाल ही में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-347 पर निर्माणाधीन खरगोन बाईपास का औचक निरीक्षण किया, जहाँ गंभीर निर्माण त्रुटियाँ सामने आने पर प्रभारी अधीक्षण यंत्री व खरगोन प्रयोगशाला के प्रभारी विजय सिंह पँवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। साथ ही संबंधित उपयंत्री और सुपरविजन कन्सलटेंट के विरुद्ध भी कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं।

निरीक्षण के दौरान मंत्री सिंह के साथ चीफ इंजीनियर बी.पी. बोरासी, इंदौर क्षेत्र के चीफ इंजीनियर सी.एस. खरत, चीफ इंजीनियर (भवन) सुरेंद्र राव गौरखेड़े और अधीक्षण यंत्री मयंक शुक्ला मौजूद रहे।

तकनीकी परीक्षण में बाईपास के चार स्थानों पर डीबीएम (DBM) की मोटाई तो मानक अनुसार मिली, लेकिन कॉम्पेक्शन असंतोषजनक पाया गया। वहीं शोल्डर पर प्रयुक्त बड़ा पत्थर मानक 50 मिमी से अधिक पाया गया, जो स्पष्ट रूप से गुणवत्ताहीन निर्माण की ओर इशारा करता है।

निर्माण सामग्री के सैंपल लेते समय यह भी सामने आया कि निर्धारित मापदंडों के अनुरूप बैग उपलब्ध नहीं थे। मंत्री ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए।

सुपरविजन में खामियाँ मिलने पर सुपरविजन कंसल्टेंट ICON पर भी कार्रवाई होगी।

मंत्री सिंह ने स्पष्ट कहा कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता से कोई समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा। लापरवाही पाए जाने पर अधिकारियों और एजेंसियों पर कड़ी और त्वरित कार्रवाई की जाएगी।