सबसे अनोखा चुनाव,जहां भाजपा को कांग्रेस नहीं अपनों से लड़ना पड़ा

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डा.सीतासरन शर्मा ने भाजपा के बागी को दी करारी शिकस्त,कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही असफल रहा जातिगत ध्रुवीकरण देखें किस तरह इटारसी में मिला भाजपा को बंपर जन समर्थन,हर वार्ड के एक्सक्लूसिव आंकड़े

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सबसे अनोखा चुनाव,जहां भाजपा को कांग्रेस नहीं अपनों से लड़ना पड़ा

संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की एक्सक्लूसिव रपट

नर्मदापुरम/इटारसी। मध्यप्रदेश के इतिहास में सबसे अनोखा चुनाव इस बार नर्मदापुरम में हुआ जहां भाजपा प्रत्याशी को कांग्रेस से ज्यादा अपनी ही पार्टी के बागी से लड़ना पड़ा,जिसे भाजपा की राजनीति में सांसद उदयप्रताप सिंह का समर्थक माना जाता है,अपनी ही पार्टी के कुछ असंतुष्ट भाजपा नेताओं से लड़ना पड़ा,जिनमें भाजपा महिला मोर्चा की एक बड़ी पदाधिकारी,दो पूर्व नपा अध्यक्ष भी शामिल रहे। बाबजूद इसके भाजपा प्रत्याशी पूर्व विधान सभा अध्यक्ष डा. सीतासरन शर्मा ने अपने सभी विरोधियों को धूल चटाते हुए पिछले चुनाव से भी अधिक 15506 मतों से जीत हासिल की। ज्ञात रहे कि 2018 में उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री सरताज सिंह को हराया था। जबकि भाजपा से आए नेताओं को प्रत्याशी बनाने के इसी प्रयोग को दोबारा दोहराने वाली कांग्रेस को इस बार कड़ा सबक मिला और उसे 2018 की तुलना में लगभग आधे ही वोट मिले।

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विजयी भाजपा प्रत्याशी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डा.सीतासरन शर्मा को 73161 मत मिले। वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंदी,भाजपा के असंतुष्टों के भीतरघाती सपोर्ट से और टिकिट वितरण से नाराज कांग्रेसजनों के भीतरघात की दम से,जातिगत ध्रुवीकरण की ताकत के भरोसे चुनाव लड़े भाजपा के ही बागी प्रत्याशी भगवती चौरे को 57655 मत मिले। वहीं प्रदेश के विधानसभा चुनावी इतिहास में पहली बार तीसरे स्थान पर रही कांग्रेस के प्रत्याशी गिरिजाशंकर शर्मा को मात्र 33639 मत ही मिल सके। निर्दलीय प्रदीप मांझी 1997 मत और निर्दलीय अजय शुक्ला 1024 मतों के अलावा अन्य कोई भी प्रत्याशी चार अंकों तक भी नहीं पहुंचा। इस तरह इन सभी की जमानत जप्त हो गई।

मतगणना के दौरान दूसरे,आठवें व दसवें राउंड को छोड़कर शेष सभी 14 राउंड में भाजपा प्रत्याशी डा. शर्मा ने लीड ली। हालांकि भाजपा के बागी के कारण पूरे जिले में उनको सबसे कम 42 प्रतिशत वोट मिले। पर कांग्रेस प्रत्याशी को तो मात्र 19 प्रतिशत वोट ही मिले। नर्मदापुरम जिले में भाजपा ने हालांकि चारों सीटें जीतीं लेकिन वोट शेयर में बड़ा अंतर है। सबसे ज्यादा 55% वोट शेयर पिपरिया में रहा। सबसे कम 42% वोट डॉ. सीतासरन शर्मा को मिले। कांग्रेस को सबसे ज्यादा 48% वोट सोहागपुर में पुष्पराज सिंह को और सबसे कम 19% वोट होशंगाबाद में गिरिजाशंकर शर्मा को मिले हैं। होशंगाबाद में भाजपा ने 42% वोट हासिल किए। भाजपा के बागी,निर्दलीय भगवती चौरे को 33%, कांग्रेस को 19% वोट मिले। सोहागपुर में भाजपा को 48.89% और सिवनीमालवा में भाजपा को 50% वोट शेयर मिला। कांग्रेस को 32%, पूर्व कांग्रेस विधायक ओम रघुवंशी को 1% वोट ही मिले। आप और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी जमानत बचाने लायक वोट भी हासिल नहीं कर पाई। इटारसी शहर के किस क्षेत्र ने किसे दिए वोट

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इटारसी में कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही, सिर्फ तीन वार्डों में ही उसकी इज्जत बच सकी जबकि ऑटो 28 वार्डों में कमल के पीछे दौड़ा और दूसरे नंबर पर रहा। इटारसी नपा क्षेत्र के 34 में से 3 वार्डों में ही कांग्रेस पार्टी की इज्जत बची, जहां वोटों की बढ़त मिली। बाकी 31 वाडों में भाजपा का दबदबा रहा। 28 वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशी का ऑटो दूसरे नंबर पर दौड़ा। लेकिन उसने न्यूयार्ड और मेहरागांव में महज तीन वोटों से कमल को पीछे छोड़ दिया। ऑर्डनेंस फैक्टरी से कांग्रेस को बढ़त मिली है। नपा परिषद में भाजपा के 20 और कांग्रेस के 14 पार्षद हैं।

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जिन तीन वार्डों में कांग्रेस ने बढ़त ली उनमें एक वार्ड पीपल मोहल्ले का 10 नंबर नपा में नेता प्रतिपक्ष रफतजहाँ सिद्दीकी का है। शेष दो वार्ड नाला मोहल्ला क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 24 व 26 नंबर हैं जहां पिछले नपा चुनाव में भाजपा के पार्षद नाजिया बेगम और कुंदन गौर जीते थे। यहां भाजपा दूसरे नंबर पर रही। इस चुनाव में मुकाबला शुरू से ही त्रिकोणीय था। नर्मदापुरम विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के डॉ. सीतासरन शर्मा के खाते में 73161 वोट आए। जबकि निर्दलीय उम्मीदवार भगवती चौरे ने 57655 वोट झटक कांग्रेस के गिरजाशंकर शर्मा को तीसरे स्थान पर धकेल दिया। उन्हें 33639 वोट लेकर संतोष करना पड़ा।

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इटारसी शहर की बात करें तो 65194 मतदाताओं ने ईवीएम की बटन दबाई। भाजपा को 31037, ऑटो को 18233, कांग्रेस को 14183 वोट मिले। गिरिजा शंकर अपना बूथ ही हारे, डॉ. सीतासरन और भगवती जीते डॉ. सीतासरन शर्मा,भाजपा प्रत्याशी अपने बूथ से 216 मतों से जीते। यहां भाजपा को 358 वोट मिले। निर्दलीय चौरे ने 286 वोट हासिल किए।कांग्रेस प्रत्याशी को 85 वोट मिले। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी गिरिजाशंकर शर्मा, नर्मदापुरम में अपने बूथ-35 पर हार गए। यहां भाजपा को 303 वोट मिले। जबकि उन्हें 132 वोट मिले। उनसे ज्यादा 163 वोट भगवती चौरे ले गए। भगवती चौरे, निर्दलीय प्रत्याशी निमसाड़िया के रहने वाले हैं। उनके गांव में 3 बूथ हैं। कुल 2826 वोट डले। इनमें 2354 वोट चौरे को मिले। 268 भाजपा और 107 वोट कांग्रेस को मिले।

डाकमत पत्र में कांग्रेस जीती, निर्दलीय तीसरे नंबर पर

डाक मत पत्र की गणना में कांग्रेस को 610 मत, भाजपा को 606 मत और निर्दलीय भगवती चौरे को 584 मत मिले। 366 मत निरस्त हो गए।

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ग्रामीण क्षेत्रों में निर्दलीय को बढ़त, इटारसी से भाजपा को मिली जीत

होशंगाबाद विधानसभा चार भागों में बंटी है। नर्मदा पट्टी, तवा पट्टी के अलावा इटारसी और नर्मदापुरम। भाजपा का इस बार ग्रामीण क्षेत्रों से ज्यादा शहरों से जीत का अंतर ज्यादा रहा। नर्मदा पट्टी के गांवों के 25 पोलिंग बूथों में भाजपा को 8997, ऑटो को 5679 और कांग्रेस को 2275 वोट मिले भाजपा ने यहां से 3318 मतों की लीड ली है। कांग्रेस ने केवल पलासडोह केंद्र 23 वोट से जीता है। भाजपा ने 16 केंद्र जीते हैं। निर्दलीय भगवती चौरे ने 8 पोलिंग बूथ पर जीत दर्ज की है। वहीं तवा पट्टी के गांवों में ऑटो ने जीत हासिल की है। यहां पर 10475 वोट उनको मिले हैं। भाजपा को 7380 और कांग्रेस को 2640 मत मिले हैं। यहां 14 पोलिंग बूथ पर ऑटो जीता है। 10 पोलिंग बूथ पर भाजपा जीती है। वहीं इटारसी शहर में भाजपा को 31 हजार 037 मत मिले यहां पर ऑटो को सिर्फ 18 हजार 233 मत मिले। कांग्रेस को 14183 मते मिले हैं। भाजपा की जीत में इटारसी में करीब 13 हजार मतों की लीड अहम रही। इसे गेम चेंजर मान सकते है। नर्मदापुरम शहर में भी भाजपा ने 5 हजार वोट से लीड ली है। विधानसभा में बांद्राभान के मतदान केंद्र पर 100 फीसदी महिलाओं ने मत डाले। यहां पर भाजपा को 256 मत और ऑटो को 288 के अलावा कांग्रेस को 147 मत मिले हैं।