बिना बिजली खरीदे एमपी सरकार ने बिजली कंपनियों को किया करोड़ों का भुगतान

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बिना बिजली खरीदे एमपी सरकार ने बिजली कंपनियों को किया करोड़ों का भुगतान

भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार ने बिना बिजली खरीदे ही बिजली उत्पादक कंपनियों को पिछले ग्यारह वर्षो में करोड़ों रुपए का भुगतान किया है।

मध्यप्रदेश सरकार ने बिजली की कमी के समय प्रदेश में मांग के अनुरुप बिजली उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2015-16 से अक्टूबर 2025 के बीच एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा कई बिजली उत्पादक कंपनियों से बिजली खरीदी के लिए अनुबंध किए थे। इन क्रय अनुबंधों की बाध्यता के कारण जिसके कारण उन्हें इन कंपनियों को हर साल बिना बिजली खरीदे भी करोड़ों रुपए का भुगतान करना पड़ा है। वर्ष 2015-16 में एनटीपीसी विद्युत संयंत्र, आईपीपी, मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी और दामोदर वैली कारपोरेशन को 302 करोड़ 74 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। वर्ष 16-17 में आईपीपी और मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी को 664 करोड़ 75 लाख रुपए का भुगतान बिना बिजली खरीदे किया गया। वर्ष 17-18 में एनटीपीसी,आईपीपी और पावर जनरेटिंग कपनी को 206 करोड़ 29 लाख रुपए का भुगतान किया गया।वर्ष 17-18 में 110 करोड़ 80 लाख, वर्ष 18-19 में 494 करोड़ 25 लाख, वर्ष 19-20 में 906 करोड़ 27 लाख, वर्ष 20-21में 371 करोड़ 19 लाख, वर्ष 21-22 में 43 करोड़ 68 लाख, वर्ष 22-23 में 36 करोड़ 54 लाख, वर्ष 23-24 में 40 करोड़ 19 लाख और वर्ष 24-25 में 18 करोड़ 15 लाख रुपए का भुगतान किया गया।

वहीं बिना बिजली खरीदे फिक्स्ड शुल्क के रुप में वर्ष 17-18 में 34 करोड़ पंद्रह लाख ,वर्ष 18-19 में 28 करोड़ 12 लाख, वर्ष 19-20 में 23 करोड़ 16 लाख वर्ष 20-21 में 19 करोड़ 43 लाख, वर्ष 21-22 में 14 करोड़ 93 लाख का भुगतान दो निजी कंपनियों को किया गया है।

गौरतलब है कि पारंपरिक विद्युत कंपनियों से बिजली खरीदी के लिए क्रय अनुबंध होंने की दशा में विद्युत खरीदी न किये जाने पर स्थायी प्रभार का भुगतान विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विनियमों के के आधार पर करना होता है। साथ्ज्ञ ही बायोमास आधारित विद्युत उत्पादन संयंत्रों को विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में भुगतान किया गया है।