MP के तीर्थ स्थल से हटेंगे UP के नाम

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MP के तीर्थ स्थल से हटेंगे UP के नाम

भोपाल  : राज्य सरकार अब उत्तर प्रदेश के तीर्थ स्थानों को मध्य प्रदेश  की सूची से हटाएगी और मध्यप्रदेश के चित्रकूट क्षेत्र के तीर्थ स्थलों को तीर्थ स्थान और मेला प्राधिकरण की सूची में शामिल करेगी। इसके साथ ही प्रदेश के उन अन्य महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों को भी इस सूची में शामिल किया जाएगा जिन्हें प्राचीन और धार्मिक महत्व के बाद भी तीर्थ स्थल सूची में शामिल नहीं किया गया है।

मध्यप्रदेश तीर्थ स्थान और मेला प्राधिकरण ने कलेक्टरों को चिट्ठी लिखी है और इससे संबंधित जानकारी मांगी है।

सतना कलेक्टर को इस संबंध में दिए निर्देश में तीर्थ स्थान और मेला प्राधिकरण ने कहा है कि यह जानकारी में आया है कि प्राधिकरण द्वारा जारी सूची में उत्तर प्रदेश के कई तीर्थ स्थल शामिल हैं। इसलिए सतना कलेक्टर और मझगवं के राजस्व अनुविभागीय अधिकारी प्राधिकरण के पंजीकृत तीर्थ स्थानों का सत्यापन कर वास्तविक रिपोर्ट भेजें। चित्रकूट के सभी तीर्थो का परीक्षण कर अविलंब रिपोर्ट मांगी गई है ताकि इससे सरकार को अवगत कराया जा सके और यूपी के तीर्थ स्थलों को एमपी की सूची से हटाया जा सके।

 *35 जिलों के तीर्थ शामिल* 

प्राधिकरण की सूची में प्रदेश के 52 जिलों के बजाय सिर्फ 35 जिलों के तीर्थ ही शामिल हैं। भगवान राम की तपस्थली चित्रकूट में सबसे अधिक हिस्सा एमपी का आता है। इसमें कामतानाथ स्वामी, रामघाट, सती अनुसुइया, सुतीक्षण आश्रम, गुप्त गोदावरी सबसे अधिक फेमस हैं और हर साल दीपावली पर यहां दीपदान मेला लगता है जिसमें देश भर के बीस लाख से अधिक लोगों का जमावड़ा होता है। तीर्थ स्थल और मेला प्राधिकरण की सूची में ये कोई भी स्थान शामिल नहीं हैं।

 *यूपी के स्थल हुए शामिल* 

सतना जिले के चित्रकूट में जो तीर्थ स्थल मेला प्राधिकरण की सूची में शामिल हैं, उसमें चित्रकूट तीर्थ- सीता रसोई, जानकी कुंड, भरत कूप, रामसैया, गणेश कुंड, वाल्मिकी आश्रम, विराध कुंड और वनदेवी शामिल हैं। इसमें से भरत कूप, रामसैया, विराध कुंड, गणेश कुंड एमपी में नहीं आते हैं। रीवा के देवतालाब का सदियों पुराना शिव मंदिर और रीवा में महामृत्युंजय मंदिर समेत आधा दर्जन धार्मिक स्थलों पर हर साल मेला लगता है लेकिन ये तीर्थ और मेला सूची में शामिल नहीं हैं।