Smart Meters स्थापना रोकने को लेकर सुप्रीम कोर्ट अ‍थवा हाईकोर्ट के निर्णय संबंधी खबर निराधार, स्मार्ट मीटर से न घबराएं, इससे हो रहा उपभोक्ताओं को लाभ

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Smart Meters स्थापना रोकने को लेकर सुप्रीम कोर्ट अ‍थवा हाईकोर्ट के निर्णय संबंधी खबर निराधार, स्मार्ट मीटर से न घबराएं, इससे हो रहा उपभोक्ताओं को लाभ

भोपाल। स्मार्ट मीटर की स्थापना रोकने को लेकर सुप्रीम कोर्ट अथवा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट द्वारा किसी भी प्रकार का निर्णय या आदेश नहीं दिया गया है। स्मार्ट मीटर एक देश व्यापी स्कीम है जिसके तहत समूचे देश में स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में कतिपय प्रिंट तथा सोशल मीडिया में यह खबर फैलाई जा रही है कि सुप्रीम कोर्ट अथवा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कहा है कि स्मार्ट मीटर लगवाना अनिवार्य नहीं है। यह खबर असत्य, भ्रामक और निराधार है। सुप्रीम कोर्ट अथवा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट द्वारा इस प्रकार का कोई भी फैसला नहीं दिया गया है।

स्मार्ट मीटर के संबंध में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, भोपाल ने स्पष्ट किया है कि स्मार्ट मीटर निर्धारित प्लान के अनुसार लगाये जा रहे हैं और उपभोक्ता स्मार्ट मीटर लगवाने से मना नहीं कर सकते हैं। इसी प्रकार सोशल मीडिया में यह भ्रम भी फैलाया जा रहा है कि स्मार्ट मीटर तेज चल रहे है यह बात विभिन्न टेस्टिंग लैब में गलत साबित हो गई है। स्मार्ट मीटर में किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं है और स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं द्वारा उपभोग की जा रही बिजली के अनुसार ही तकनीकी रूप से वास्तविक और सटीक रीडिंग दर्ज कर रहे हैं।

उपभोक्ता विष्णु धाकड़ ने कहा : बिल सही मिल रहे

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। अब तक साढ़े तीन लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगा दिए गए हैं और उपभोक्ता हित में स्मार्ट मीटर के सकारात्मक परिणाम भी मिल रहे हैं। कंपनी द्वारा गुना वृत्त में लगभग तीन माह पहले लगाए जा चुके स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं से जब बातचीत की तो उनके द्वारा फायदा होने की बात कही है। गुना शहर के उपभोक्ता श्री विष्णु धाकड़ ने बताया कि उनके यहां दो महीने पहले स्मार्ट मीटर लगा था। शुरू में उन्हें डर था की कहीं स्मार्ट मीटर से बिल तो अधिक नहीं आएगा। लेकिन जैसे ही अगले महीने बिल आया तो देखा कि कहीं कोई ऐसी गड़बड़ी नहीं आई। इस महीने 80 रुपये बिल आया है, जिसे जमा भी कर दिया है। इसी तरह श्री देवीदयाल ने बताया कि उनके यहां उनकी सहमति से स्मार्ट मीटर लगाया गया है। उन्होंने बताया कि इस महीने उनका बिल कम ही आया है। इसमें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है, बल्कि अब तो एप के माध्मय से हम अपने घर के बिजली उपभोग को भी नियंत्रित करना सीख गए हैं, क्योंकि उपकरणों पर नियंत्रण करने से बिल में काफी कमी आई है। गुना के ही उपभोक्ता श्री अक्षय कुमार ने बताया कि स्मार्ट मीटर से कहीं कोई गलत बिल नहीं आया, हमारा बिल 550 रुपये आया है। रीडिंग लेने में कोई गड़बड़ी नहीं है, बल्कि अब तो अपने आप दूरसंचार प्रणाली से रीडिंग हो रही है और निर्धारित तिथि को सही रीडिंग का बिल मोबाइल पर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब तो बिल कम करना अपने हाथ में है।

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सोलर ऑवर में 20 प्रतिशत की छूट

कंपनी द्वारा स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए जिसमें सार्वजनिक जल कार्य और स्ट्रीट लाइट और एलटी औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए ऑफ पीक/ सौर समय सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक की अवधि के दौरान उपभोग की गई ऊर्जा के लिए ऊर्जा प्रभार की सामान्य दर पर 20 प्रतिशत की छूट प्रदान की जा रही है। यह छूट 10 किलोवाट तक स्वीकृत लोड/अनुबंध मांग वाले उपभोक्ताओं को मिल रही है। स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए यह सभी छूट अथवा प्रोत्साहन की गणना सरकारी सब्सिडी (यदि कोई हो) को छोड़कर की जा रही है।

राजधानी भोपाल के एकतापुरी, अशोकागार्डन निवासी श्री विजय शंकर को जारी जुलाई माह के बिल में 29 रुपये की छूट मिली है, जबकि उनकी कुल खपत 92 रीडिंग का बिल सिर्फ 86 रुपये आया है। इन्हें दिन के टैरिफ में 30 यूनिट पर 20 प्रतिशत की छूट मिली है। इसी कॉलोनी के रहवासी श्री महेश चंद्र को जुलाई माह के बिल में 99 रुपये की छूट मिली है। इनके स्मार्ट मीटर में कुल खपत 277 रीडिंग में से 85 रीडिंग पर 20 प्रतिशत की छूट मिली है। इस तरह से स्मार्ट मीटर में ऑटोमेटिक सटीक रीडिंग होने से कोई गड़बड़ी भी नहीं हो रही है तथा उपभोक्ताओं को अनेक फायदे मिल रहे हैं।

उपभोक्ताओं को घरेलू स्मार्ट मीटर से मिलने वाले फायदे

1. ऊर्जा की खपत को ट्रैक करने और ऊर्जा की बचत करने में मदद करता है।

2. बिजली की खपत को सटीक रूप से मापता है, जिससे बिल में कोई गलती नहीं होती।

3. एप के जरिए मोबाइल पर रियल-टाइम डेटा देखकर ऊर्जा की खपत को नियंत्रित कर सकते हैं।

4. ऊर्जा की गुणवत्ता के बारे में जानकारी मिलती है, ताकि ऊर्जा की खपत को बेहतर बना सकते हैं।

5. ऊर्जा की खपत को ऑनलाइन ट्रैक करने और नियंत्रित करने की सुविधा मिलती है।

6. ऊर्जा की खपत को कम करने से पर्यावरण पर पड़ने वाला प्रभाव कम होता है।

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