
‘फील गुड’ करा रहा ‘तोमर के नेतृत्व’ में विधानसभा का संचालन…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
मध्य प्रदेश में दिसंबर 2025 के पहले सप्ताह की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि यही मानी जाएगी कि विधानसभा सत्र पूरे समय चला। सोमवार 1 दिसंबर 2025 से शुक्रवार 5 दिसंबर 2025 के बीच चार दिन चले इस शीतकालीन सत्र में 13,474 करोड़ का दूसरा अनुपूरक बजट पारित हो गया। 23 घंटे में संपन्न हुआ शीतकालीन सत्र सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को ही संतुष्ट करता नजर आया। इसमें अनुपूरक बजट पर 7 घंटे और फसल नुकसान पर पौने 5 घंटे की चर्चा ने पक्ष और विपक्ष को अपनी-अपनी बात रखने का भरपूर मौका दिया। तो 23 घंटे में से लगभग आधा समय विधायकों के सवाल-जवाब, संकल्प व अन्य शासकीय- अशासकीय विषयों को समर्पित रहा। इस सत्र में 1497 प्रश्न प्राप्त हुए, जिसमें 751 तारांकित एवं 746 अतारांकित थे। ध्यानाकर्षण की कुल 432 सूचनाओं में 37 ग्राह्य की गईं। शून्य-काल की 170 सूचना एवं 226 याचिकाएं प्राप्त हुईं। इसके साथ 4 अशासकीय संकल्प सदन में प्रस्तुत हुए, जिनमें से 3 अशासकीय संकल्प पारित किए गए और 1 पर चर्चा के बाद संकल्प वापस हुआ।
मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि प्रस्तुत बजट जनता की आवश्यकताओं से दूर और कर्ज आधारित नीतियों पर टिका हुआ है।सिंघार ने विकास कार्यों में समानता की मांग करते हुए विधायक निधि 5 करोड़ करने की जरूरत बताई, ताकि सभी क्षेत्रों में संतुलित विकास हो सके। तो कर्ज की तर्कसंगतता को प्रमाणित करते हुए वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने पलटवार किया कि सरकार हर क्षेत्र में समान गति से विकास कार्य कर रही है और कांग्रेस विधायकों के क्षेत्रों में भी काम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप मानें या न मानें, लेकिन कर्ज का उपयोग विकास में हुआ है। जनता हमारे काम को स्वीकार कर रही है क्योंकि पूरे देश में हमारी सरकारें बन रही हैं। जहां पहले आपकी सरकारें थीं, वहां भी अब हमारा शासन है। वहीं प्रदेश के मुखिया होने के नाते बड़प्पन का भाव दिखाते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने चर्चा के अंत में विपक्ष की भूमिका की भरपूर सराहना की। उन्होंने कहा कि पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने विकास के मुद्दों पर एकजुट होकर काम किया। अनुपूरक बजट राज्य के विकास में मील का पत्थर सिद्ध होगा। हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक मध्यप्रदेश को विकसित प्रदेश बनाकर खड़ा नहीं कर देते। यह केवल हमारा मिशन नहीं, बल्कि हमारी जिम्मेदारी और धर्म है।
तो विधानसभा परिसर में पहुंचने से पहले नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में विपक्ष की प्रदर्शन रूपी भड़ास ‘बंदर के हाथ में उस्तरा’ जैसे मानकों के साथ निकल रही है। वहीं विधानसभा के भीतर भी बहिर्गमन और आरोप-प्रत्यारोप के तरीकों से विपक्ष खुद को संतुष्ट कर रहा है। विधेयक भी पारित हो रहे हैं। विधेयकों पर चर्चा भी हो रही है। अनुपूरक बजट पर भी खूब चर्चा हो रही है और शासकीय कार्य भी पक्ष-विपक्ष के सुरों में संतुलन साधते हुए पूर्ण हो रहे हैं। विपक्ष सरकार पर हमला बोलते हुए अपनी बात संपन्न कर रहा है तो सत्तापक्ष विपक्ष पर पलटवार करने में कोई कंजूसी नहीं बरत रहा है। विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर के नेतृत्व में विधानसभा में पक्ष-विपक्ष के के संतुलन को इस तरह भी समझा जा सकता है। सिंगरौली में जंगल कटाई पर विपक्ष ने विधानसभा में जोरदार हंगामा किया और सरकारी जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेस ने वॉकआउट किया और पेसा एक्ट पर सवालिया निशान लगाए। वहीं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने अनपूरक बजट को लेकर आक्रोश जताया कि वर्तमान सरकार कर्ज लेकर राजस्व में खर्च नहीं कर रही, बल्कि पूंजीगत मद में निवेश कर रही है। तो देवड़ा ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने कर्ज लेकर वेतन बांटे और अपने घर भर लिए। हम नियमानुसार कर्ज ले रहे हैं और समय पर ब्याज व किस्त चुका रहे हैं। तो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सदन में संबोधन देते हुए सरकार की प्राथमिकताओं और विकास योजनाओं को गिनाया।
अंततः विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर के नेतृत्व का कमाल यही है कि विपक्ष अपनी भाषा और अपने तेवरों में सरकार पर भरपूर हमले कर रहा है। वहीं सरकार भी जवाबी हमले करने में पीछे नहीं है तो अपनी उपलब्धियों और विकास की तस्वीर भी पूरे मनोयोग से सबके सामने रख रही है। सबसे बड़ी बात यही है कि सदन की बैठकें पूरी तरह से पूरे समय तक चल रही हैं। इससे विधानसभा की गरिमा बढ़ रही है और विधानसभा की कार्यवाही को लेकर विश्वसनीयता बनती दिख रही है। विधानसभा का नरेन्द्र, मोहन और उमंग का यह युग अच्छे संकेत दे रहा है और विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर की कार्यशैली अपना लोहा मनवा रही है…
विधानसभा के इस काल की सबसे बड़ी उपलब्धि यही है कि ‘तोमर के नेतृत्व’ में विधानसभा का संचालन सभी को ‘फील गुड’ करा रहा है।
लेखक के बारे में –
कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।
वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।





