आंखों की रोशनी गंवाने वाला अनाथ बालू रोशनी पाकर हुआ धन्य

जताई खुशियां, दिया आशीर्वाद

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रतलाम से रमेश सोनी की विशेष रिपोर्ट

रतलाम: दुर्घटना से अपनी दोनों आंखों की रोशनी खो देने वाले और सड़क पर घसीट कर चलने वाले वृद्ध को सेवाभावी पुलिस वालों की सहायता से कालिका माता क्षेत्र बगीचे में रहने खाने पीने की व्यवस्था की गई।

बता दें कि बालू पिता जीवाजी मीणा को दुर्धटना में घायल होने पर जिला चिकित्सालय में 18 अक्टूबर 2021 को आइसोलेशन वार्ड में गंभीर अवस्था में भर्ती कराकर उपचार कराया गया था।

रोगी कल्याण समिति के सदस्य समाजसेवी गोविंद काकानी ने जानकारी देते हुए बताया कि जब बालू भाई को सुबह नाश्ता देने के दौरान देखा तो डॉक्टरों से उसकी चिकित्सा और दवाइयां शुरू करवा दी।

धीरे-धीरे बालू की हालत में सुधार होता गया वहीं आंखों से दिखाई नहीं देने के कारण दैनिक दिनचर्या के कार्यों में उसे दिक्कत आती थी।वार्ड-बाय गोलू और चिकित्सालय की सिस्टरों की मदद से यह दूर की जाती थी।

आंखों से दिखाई नहीं देने पर डॉक्टर को दिखाया

मार्च 2022 में विचार आया क्यों ना बालू की आंखों को स्पेशलिस्ट डॉक्टर को दिखाया जाए।जिला चिकित्सालय में आंखों के विशेषज्ञ डॉक्टर श्यामसुंदर गुप्ता से संपर्क कर बालू के आंखों की जांच करवाई।

9 मार्च को भर्ती कर 10 मार्च को उसके एक आंख का ऑपरेशन किया गया, 2 दिन बाद आंखों की पट्टी हटाने पर आंखों से दिखाई देने पर बालू की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा और बुजुर्ग ने मेरी आवाज से मुझे पहचान लिया कहा कि यह गोलू भाई है और यह तो मेरे गोविंद सेठ हैं कहकर खुशियां जाहिर की।

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लंबे समय के बाद रोशनी पाकर बालू ने पुरानी यादों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मेरा नाम बालू पिता जीवाजी मीणा निवासी अस्पताल ग्राम नगरी (छत्तीसगढ़) हैं और पिछले 20-25 सालों से मैं रतलाम रह रहा हूं।

संतों की सेवा का मिला आशीर्वाद

22 वर्ष पूर्व मैं पिपलिया मंडी वाले जैन संत, बड़नगर वाले जैन संत, काले महाराज जैन संत की टोली में साइकिल पर आगे चलकर उनके ठहरने की व्यवस्थाओं को जुटाने का करने का कार्य करता था।

मैं उनके साथ बैरागढ़, भोपाल, सूरत, अहमदाबाद सहित अनेक स्थानों पर यात्रा गया था।

मेरी पत्नी कमला की मृत्यु 22 वर्ष पूर्व हो चुकी है। मुझे कोई संभालने वाला नहीं है इसलिए कालिका माता क्षेत्र में रहकर छोटा मोटा मजदूरी का कार्य कर रहा था।

दुर्घटना में रोशनी खो जाने के बाद जिला चिकित्सालय भर्ती हुआ।

आज 21 मई 2022 को मेरी दूसरी आंख का ऑपरेशन डॉक्टर श्याम सुंदर गुप्ता और उनके सहयोगी नर्सिंग स्टाफ विभा मंडलोई, चेतना सहा, मुरारी लाल शर्मा, आनंदी लाल पाटीदार, कन्हैया लाल एवं रामकन्या बाई के सहयोग से हुआ, आज मेरी आंखों से पट्टी हटा दी गई।

दूसरी आंख से भी मुझे देखने का सौभाग्य संतों के आशीर्वाद, सेवाभावी डॉक्टरों उनकी टीम एवं समाजसेवी गोविंद काकानी की मदद से ही संभव हुआ है।

अब मेरी देखरेख आइसोलेशन वार्ड के डॉक्टर एवं सिस्टर पुष्पा गुर्जर, अर्चना परमार एवं स्टाफ द्वारा किया जा रहा है।

अनाथ बालू ने जताया आभार

बालू भाई ने जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, जिला चिकित्सालय के सभी डॉक्टर, सिस्टर, स्टाफ एवं समाजसेवी काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव एवं रोगी कल्याण समिति सदस्य गोविंद काकानी का ह्रदय से आभार प्रकट करते हुए कहा की सपने में भी मैंने इतना अच्छा होते हुए नहीं सोचा।

ईश्वर सबको अच्छा सुखी और स्वस्थ्य रखें।