जनकपुर बनी संस्कारधानी में शिव संग चमक बिखेरेगी जगत-विष्णु की जोड़ी…

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मध्यप्रदेश की संस्कारधानी में एक से तीन जून के तीन दिन जहां भाजपा संगठन को समर्पित रहेंगे, तो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान संग एक साथ यहां पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच रहना भी विशेष अवसर होगा। दरअसल भाजपा के यह दो चेहरे जहां राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर संगठन के मुखिया के नाते प्रभावी भूमिका में हैं, तो ‘जबलपुर’ इन दोनों का स्वागत ‘जनकपुर’ बनकर भी कर रहा है।
वैसे जगत-विष्णु में काफी कुछ समानता है। दोनों की ससुराल भी महाकौशल का गढ़ जबलपुर ही है, तो दोनों की ससुराल की पृष्ठभूमि भी राजनैतिक है। और इन दोनों शख्सियत के प्रभावी बनने से पहले ही ससुराल के सदस्य पार्टी में प्रभावी भूमिका का निर्वहन करते रहे हैं। तो भाजपा की यह जोड़ी इस मायने में खास है और राष्ट्रीय-प्रदेश अध्यक्ष के अलावा भी विशेष स्नेह बंधन की इस खास डोर से भी बंधी हुई है। तीन दिन तक संस्कारधानी में यह दोनों चेहरे खास चमक बिखेरने वाले हैं। जिसकी शुरुआत एक जून यानि बुधवार से हो चुकी है।


पहले दिन जनकपुर में छोटे के साथ ही बड़े जमाई के स्वागत का नजारा यह सब बयां भी कर रहा है। जबलपुर पहुंचने पर डुमना विमानतल पर पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद राकेश सिंह सहित पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने नड्डा का आत्मीय स्वागत किया। इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान एवं केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर भी उपस्थित रहे। स्वागत से गदगद राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मुझे आपसे मिलने बहुत पहले आना था लेकिन कोरोना के कारण मेरा प्रवास नहीं हो पाया।
आज आपके अभूतपूर्व उत्साह को देखकर मैं अभिभूत हूं। जिस गर्मजोशी के साथ आपने स्वागत किया है यह किसी व्यक्ति का नहीं, बल्कि उस विचारधारा का स्वागत है, जिसके लिए हम काम रहे हैं। विमानतल पर कार्यकर्ताओं और पार्टी पदाधिकारियों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष की आगवानी की। जिसके पश्चात रोड शो के रूप में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा संभागीय कार्यालय रवाना हुए। रोड शो के दौरान 40 से अधिक स्थानों पर विभिन्न सामाजिक संगठन, मोर्चा, प्रकोष्ठ एवं पार्टी कार्यकर्ताओं ने मंच के माध्यम से पुष्पवर्षा और आतिशबाजी करके राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा का जोरदार स्वागत किया। जेपी नड्डा जबलपुर में स्थित अपने ससुराल पचपेड़ी भी जाएंगे। यहां वह पूर्व सांसद और अपनी सास जयश्री बनर्जी से मुलाकात करेंगे।
दरअसल जब विष्णुदत्त शर्मा सांसद और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बने। तब उनका विवाह जबलपुर निवासी स्तुति शर्मा से हो चुका था। तब इस तरह की चर्चाएं हुईं कि ससुराल का प्रभाव उनकी वजह से बढ़ा है। तब पार्टी की शीर्ष नेत्री पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने सामने आकर भ्रम की इस स्थिति का जोरदार खंडन किया था। 5 सितंबर 2021 को उन्होंने ट्वीट किए, जिसमें नड्डा और विष्णुदत्त शर्मा दोनों का जिक्र था। ट्वीट में उमा ने लिखा था कि “मैं पिछले कुछ दिनों से मध्यप्रदेश में हूँ तब से एक विषय मेरी जानकारी में आया जिसपर मैं कुछ जानकारी आपसे साझा कर रही हूँ ।


जबलपुर के बैनर्जी परिवार का जनसंघ के समय से पार्टी के आधार को व्यापक करने में योगदान रहा है। श्रीमती जयश्री बैनर्जी जी जबलपुर से सांसद रही हैं तथा आपातकाल के समय पर इस परिवार को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा। जबलपुर की श्रीमती कान्ति रावत मिश्रा तीस साल से भाजपा में हैं तथा भाजपा में कई पदों पर रही हैं। बैनर्जी परिवार की बेटी तथा विद्यार्थी परिषद की सक्षम कार्यकर्ता मल्लिका बैनर्जी का विवाह हमारे आज के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा जी से हुआ । यह विवाह विद्यार्थी परिषद के वरिष्ठ जनों के प्रस्ताव पर हुआ और नड्डा जी विवाह के समय भाजपा में नही विद्यार्थी परिषद में थे।
इसी प्रकार से मध्यप्रदेश के भाजपा के अध्यक्ष श्री वीडी शर्मा का विवाह श्रीमती कान्ति रावत मिश्रा की बेटी से तीन साल पहले हुआ। आज से बीस साल पहले जब कांती प्रदेश में भाजपा की पदाधिकारी थी उस समय श्री वीडी शर्मा जी भाजपा में नहीं बल्कि विद्यार्थी परिषद में थे। मध्यप्रदेश में कुछ दिनों से कुछ घिनौनी और ओछी मानसिकता वाले लोगों ने यह दुष्प्रचार करने का असफल प्रयास किया की बैनर्जी परिवार एवं मिश्रा परिवार की भाजपा में हैसियत इन दोनों के रिश्तेदारी के कारण हैं।हक़ीक़त इसके विपरीत हैं। दोनों परिवार का योगदान बहुत लम्बे समय से भाजपा के लिए रहा है। तथा यह हाल का संयोग हैं की इन परिवारों की बेटियों के विवाह भाजपा के नेताओं से हुए हैं। इसको ग़लत तरीक़े से दुष्प्रचारित करना निन्दनीय हैं।”
तो ‘जबलपुर’ जेपी नड्डा और वीडी शर्मा के लिए ‘जनकपुर’ बनकर हमेशा आगवानी के लिए तैयार रहेगा। क्योंकि संस्कारधानी की दो संस्कारित बेटियों ने इन दोनों का हाथ थामकर इनकी किस्मत में चार चांद लगाए हैं। उमा भारती के ट्वीट्स का यही निहितार्थ था कि कार्यकर्ता या अन्य कोई भी बेटियों के परिवारों को कमतर आंकने की भूल न करें।