भोपाल:पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शराब के खिलाफ अभियान को लेकर अपनी ही पार्टी को घेरा है। उमा ने कहा है कि शराब और नशे के विरुद्ध चलाए जा रहे उनके अभियान में भगवान और लोगों ने तो उनका साथ दिया है लेकिन पार्टी इस मामले में तटस्थ रही है और ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इसके पहले भी पार्टी ऐसा कर चुकी है।
पूर्व सीएम उमा भारती ने ट्वीट के जरिये कहा कि वर्ष 2019 से पहले गंगा के किनारे की यात्रा के लिए और अब शराब के खिलाफ अभियान के लिए भगवान का एवं लोगों का साथ तो रहा किंतु मेरी अपनी पार्टी बीजेपी मेरे इन दोनों अभियानों के प्रति कार्यक्रम के दृष्टि से तटस्थ रही। उन्होंने कहा कि निजी तौर पर मेरी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इन दोनों अभियानों के लिए मेरे प्रति सम्मान एवं समर्थन दिखाते हैं किंतु पार्टी के तरफ से कोई विशेष आयोजन इन विषयों को लेकर नहीं होता। उन्होंने कहा कि चंद्रग्रहण के बाद नागपुर होकर अमरकंटक के आस-पास अज्ञातवास में रहते हुए मंडराते रहूँगी।
उन्होंने साथ ही पार्टी और सरकार को भी चेतावनी देते हुए कहा है कि दत्त पूर्णिमा (8 दिसम्बर) तक प्रतीक्षा करेंगी कि केंद्रीय स्तर पर पार्टी एवं राज्य स्तर पर मध्यप्रदेश की सरकार क्या नीति बनाती हैं? उन्होंने कहा कि मसला गंभीर हैं। अब 8 दिसम्बर के बाद संवाद करेंगे। उन्होंने पार्टी का साथ नहीं मिलने को लेकर कहा कि कल देव दीपावली थी। भगवान कार्तिक स्वामी असुरों को पराजित करके इसी दिन हिमालय की ओर वापस लौटे। उनके इतने पराक्रम के बाद भी जब वो हिमालय की ओर लौटे तो अकेले पड़ गए थे।