घर पाने वाले इन 5.25 लाख परिवारों की दुआएं 2023-24 में असर दिखाएंगीं मोदी-शिवराज…

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चाहे प्रधानमन्त्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों को सितंबर तक मुफ्त राशन देने की समयसीमा बढ़ाने की बात हो या फिर मध्यप्रदेश के 5.25 लाख परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना में घर की सौगात। इन लाभान्वित परिवारों की दुआएं 2023 में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव और 2024 में लोकसभा चुनाव में अपना असर जरूर दिखाएंगीं। खुद का घर एक परिवार की झोलियों को खुशियों से भर देता है।
खास तौर से उन परिवारों को, जिनकी खुद की सामर्थ्य घर बनाने की न हो और सरकार मदद के हाथ बढ़ाकर यह सपना साकार कर दे। तब फिर ऐसे परिवारों का सरकार के रंग में रंगना तय है और जब लौटाने की बात आएगी तो मत दान के रूप में लौटाने में ऐसे परिवार कभी भी अपना मुंह नहीं मोड़ेंगे। और अपना घर पाने का लाखों लोगों का सपना अभी इस साल और अगले साल पूरा होने वाला है, तो इससे पहले भी पूरा हुआ है तो ऐसे ही लाखों परिवारों का भरोसा जीतने का शिवराज-मोदी सरकार का मिशन लगातार जारी है।शायद इसी उम्मीद के साथ कि यह दुआएं ही उनकी बरकत का जरिया हैं।
 और बात जब दो योजनाओं तक सीमित न हो, बल्कि जनकल्याणकारी योजनाओं की जन्म से लेकर मौत तक की लंबी फेहरिस्त हो। तब फिर बार-बार सरकार बनाने का हक तो बनता ही है, जो दिख भी रहा है। छतरपुर में गृह प्रवेशम के भव्य आयोजन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की जनता को घर, रसोई गैस, संबल, राशन सहित सरकार के उदार चेहरे का हवाला दिया, तो वर्चुअली कार्यक्रम से जुड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रदेश सरकार की योजनाओं की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की समयसीमा बढ़ाने की बात भी साझा की।
प्रधानमंत्री आवास योजना में ढाई करोड़ घर बनने को उपलब्धि बताया। तो घर-घर पेयजल के मध्यप्रदेश के आंकड़े बताकर शिवराज सरकार की तारीफ की। इसी तरह अन्य योजनाओं का जिक्र किया। हालांकि मध्यप्रदेश में इस बड़े आयोजन में विपक्ष का तड़का लगाने से नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ नहीं चूके और उन्होंने ट्वीट कर यह मांग कर दी कि ग्रामीण आवास योजना की राशि बढ़ाई जाए। अब ऐसे ट्वीट कितने कारगर हो पाएंगे, जब कि सरकार में रहते भरोसा कायम करने में कामयाब न हो पाए हों।
खैर प्रधानमंत्री मोदी का जल सरोवर कंसेप्ट आज का प्रमुख आकर्षण रहा। और हर जिले में 75 तालाब बनाने की उनकी पहल को शिवराज ने भी हाथों हाथ लिया। और भरोसा दिलाया कि वह मध्यप्रदेश में इस लक्ष्य की पूर्ति करेंगे। मध्यप्रदेश में करीब चार हजार तालाब बन सके, तो यह “टाइगर स्टेट” के तमगे वाला प्रदेश फिर “वाटर स्टेट” का तमगा भी हासिल कर लेगा। ऐसे में धरती की प्यास बुझेगी, तो प्रदेशवासियों को भी यह सरोवर जल संसाधन बनकर खुशियों से तर करेंगे।
दाग़ देहलवी का एक शेर है कि “हज़ार बार जो माँगा करो तो क्या हासिल, दुआ वही है जो दिल से कभी निकलती है”। तो 21 वीं सदी में लोकतांत्रिक सरकारों के प्रधानमंत्री आवास योजना और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, आयुष्मान सहित दूसरी योजनाएं हों या फिर लाड़ली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना, कन्यादान योजना, रोजगार के लिए बिना ब्याज या कम ब्याज के लोन की स्कीम, किसानों को बिना ब्याज लोन स्कीम, प्रतिभाशाली बच्चों की फीस भरने की योजना, संबल वगैरह ढेरों योजनाएं हों…यह दिल से दुआ पाने का जरिया तो बन ही जाती हैं। और बूंद-बूंद से घड़ा भर जाता है। और मोदी की 2014 और 2019 की जीत हो या शिवराज की मुख्यमंत्री की चौथी पारी की उपलब्धि… यही बता रही हैं कि यह बूंद-बूंद दुआ समुद्र बनकर कारगर साबित हो रही है।