MP में गिरते भूजल स्तर को रोकने की रणनीति बनाने की जिम्मेदारी 6 IAS अफसरों पर
भोपाल :प्रदेश में भूजल स्तर को गिरने से रोकने के लिए अब बिल्डिंग परमीशन में वाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य किया जाएगा। मध्यप्रदेश में भूजल स्तर में लगातार आ रही गिरावट को रोकने के लिए 6 IAS अधिकारियों को इसके लिए पूरी रणनीति बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।
मध्यप्रदेश में जल संरक्षण के साथ वाटर हार्वेस्टिंग को बिल्डिंग परमीशन में अनिवार्य रुप से जोड़ने और पर्यवेक्षण जलसंरचनाओं को संरक्षित रखने एवं जीर्णोद्धार करने, वाटर लेबल को उचित मानत तक बनाए रखने की कार्ययोजना बनाई जाएगी। इस कार्ययोजना को तैयार करने की जिम्मेदारी अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास को सौपी गई है। उनके साथ जलसंसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव और नगरीय विकास एवं आवास विभाग तथा उद्यानिकी विभाग के प्रमुख सचिव और कृषि तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव को भी इस पर काम करने के लिए जिम्मेदारी सौपी गई है। ये सभी छह आईएएस अफसर मिलकर पंद्रह दिन के भीतर बैठक करेंगे और प्रदेश में भूजल स्तर रोकने के लिए किए जाने वाले जरुरी उपायों की रूपरेखा बनाकर प्रस्तुत करेंगे।
प्रदेश की जलसंरचनाओं को किस तरह संरक्षित रखने और उनका जीर्णोद्धार किस तरह किया जाए और वाटर लेवल को उचित मानक तक बनाए रखने के लिए क्या किया जाना चाहिए इसकी पूरी कार्ययोजना भी ये आईएएस मिलकर तैयार करेंगे। पंद्रह दिन के भीतर ये अफसर मिलकर बैठक करेंगे और पूरी कार्यवाही तैयार करेंगे।
प्रदेश में जो भी जलसंरचना है उनमें शहरों और ग्रामीण अंचलों में मौजूद तालाब, कुए, बाबड़ियों , जलाशयों को किस तरह रिचार्ज करना है। कैसे वर्षा के जल को भूमि में पहुंचाना है। उसके लिए तालाबों पानी अधिक से अधिक पहुंचे उसकी रणनीति बनेगी। कुओं के आसपास भी वाटर हार्वेस्टिंग की जाएगी। पानी को नीचे भूमि में पहुंचाया जाएगा। बाबड़ियों और कुओ को रिचार्ज करने के लिए उनकी सफाई की जाएगी। प्राकृतिक पानी की झिरी खोली जाएंगी। इसके अलावा वर्षा जल वहां आसपास एक जगह संग्रहित कर उसे पाइपों के जरिए जमीन के भीतर तक पहुंचाने का इंतजाम किया जाएगा। भूजल स्तर किस तरह बढ़ सकता है इस पर अन्य राज्यों की कार्ययोजना का अध्यययन भी किया जाएगा।