सिंध नदी का जलस्तर बढ़ने से फंसे पुजारी का एसडीईआरएफ की टीम ने किया सफल रेस्क्यू

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सिंध नदी का जलस्तर बढ़ने से फंसे पुजारी का एसडीईआरएफ की टीम ने किया सफल रेस्क्यू

भिण्ड से परानिधेश भारद्वाज की रिपोर्ट 

मध्य प्रदेश के भिंड जिले में बिलाव गांव के पास स्थित सिंध नदी में वाटर लेवल बढ़ने से नदी के किनारे स्थित राम-जानकी मंदिर पूरी तरह डूब में आने से पुजारी के फंसने की सूचना प्राप्त हुई थी। जिसके बाद पुजारी के रेस्क्यू के लिए एसडीईआरएफ एवं होमगार्ड की टीम मौके के लिए रवाना हुई और पुजारी को सकुशल रेस्क्यू कर बाहर निकल लिया गया।

बताया जा रहा है कि नदी का बहाव इस समय काफी तेज है जिसके चलते रेस्क्यू में एसडीईआरएफ की टीम को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। जिस जगह पर पुजारी फंसे वहां पर दो नदियों का संगम है। बेसली नदी यहां पर सिंध नदी में मिलती है, ऐसे में इस जगह को राम-जानकी मंदिर शाला संगम के नाम से जाना जाता है। पुजारी के रेस्क्यू के दौरान तहसीलदार मोहनलाल शर्मा भी मौके पर मौजूद रहे।

लगातार बढ़ रहा है नदियों का जलस्तर

आपको बता दें कि लगातार हो रही बारिश के चलते नदियों पर बने डैम का जलस्तर बढ़ने से उनके गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। सिंध नदी और उसकी सहायक नदियों पर बने डैम से लगभग एक लाख बीस हजार क्यूसेक पानी नदियों में छोड़ा गया है जिससे सिंध नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। सुबह 8 बजे की रिपोर्ट के अनुसार सिंध नदी का जलस्तर मेहन्दा पुल पर खतरे के निशान 120.30 मीटर से 1.20 मीटर ऊपर 121.52 मीटर पर बह रहा है। वहीं क्वारी नदी भी डिडी घाट पर खतरे के निशान से लगभग दो मीटर ऊपर बह रही है।

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नदियों के आसपास के गांवों को किया अलर्ट

नदियों में लगातार बढ़ रहे जलस्तर के बाद प्रशासन ने आसपास के गांवों में अलर्ट जारी कर डूब क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की अपील की है। साथ ही उन्होंने बाढ़ एवं आपदा की स्थिति में हेल्पलाइन नंबर भी लोगों की सुविधा के लिए जारी किए हैं। किसी भी आपात परिस्थिति में जिला स्तरीय कंट्रोल रूम नंबर 9244336334 एवं 8450009249 पर सूचना दे सकते हैं।

जिला प्रशासन ने की यह अपील- “नदियों के आस-पास और किनारों पर जाने से बचें”

जिले के सभी नागरिकों को सूचित किया जाता है कि वर्तमान में नदियों का जल स्तर सामान्य से अधिक है।
अतः जिले के नागरिकों एवं नदियों के आस-पास रहने वाले रहवासी और ग्रामीण जनों से अनुरोध है कि नदी किनारे ना जायें और पालतू पशुओं को भी नदी के किनारे नहीं जाने दें।”