ई आबकारी पोर्टल पर हर दुकान का स्टॉक होगा अपडेट, परमिट जारी करने का समय तय
भोपाल: प्रदेश में अब शराब की बिक्री करने वाले ठेकेदारों द्वारा परिवहन की जाने वाली शराब का परमिट सुबह दस से शाम छह बजे के बीच ही जारी किया जा सकेगा। इसके साथ ही शराब की डिमांड करने के बाद ठेकेदार सायबर ट्रेजरी से राशि जमा नहीं कर सकेंगे। आबकारी विभाग द्वारा तैयार किए गए पोर्टल के माध्यम से ही यह डिमांड की जा सकेगी और इस पोर्टल के जरिये जहां से शराब की डिमांड की जाएगी वहां की मदिरा दुकान को 24 घंटे में डिमांड को स्वीकार या अस्वीकार करना होगा। ठेकेदारों को आबकारी पोर्टल पर रोज शराब का स्टाक भी अपडेट करना होगा।
ई आबकारी पोर्टल शुरू किए जाने के बाद लागू माड्यूल को लेकर आबकारी आयुक्त द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि सहायक आबकारी आयुक्त, जिला आबकारी अधिकारी पोर्टल पर डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से ही परमिट जारी करेंगे। यह परमिट सुबह दस बजे से शाम छह बजे की अवधि में ही जारी किए जाएंगे। परमिट जारी करने के समय के आधार पर परमिट के रूट की वैधता की अवधि दर्ज होगी ताकि तय समय अवधि में ही शराब का परिवहन किया जा सके। इसके लिए जिला कार्यालय तत्काल ही शराब लाइसेंसी के ईमेल आईडी पर मेल से जानकारी भेजेंगे। पोर्टल द्वारा भी रजिस्टर्ड मेल पर जानकारी भेजी जाएगी। इसके बाद लाइसेंस धारक संबंधित दुकान से शराब लेकर परमिट के साथ क्यूआर कोड को शराब लेकर जाने वाले वाहन पर चस्पा करेंगे ताकि उसका सत्यापन किया जा सके। इसकी जानकारी लाइसेंस धारक के स्टाक में भी अपडेट की जाएगी।
पोर्टल के आधार पर स्टाक की चेकिंग
आबकारी आयुक्त के निर्देश में कहा गया है कि जिला कार्यालय द्वारा फारवर्ड की गई रिक्विजिशन को ही जिला कार्यालय की अनुशंसा माना जाएगा। इसके आधार पर ही आयात की अनुमति दी जाएगी। यह भी कहा गया है कि लाइसेंसी को पोर्टल पर रोज बेची गई शराब की जानकारी (बोतल और मिलीमीटर में) अपडेट करना होगी जिससे हर बार के अपडेट स्टाक की जानकारी पोर्टल पर मौजूद रहे। इसके आधार पर ही सर्किल प्रभारी स्टाक का निरीक्षण कर सकेंगे।
चालान मान्य नहीं
आबकारी आयुक्त के निर्देश में यह भी कहा गया है कि सीधे सायबर ट्रेजरी के माध्यम से जमा किए गए चालान ई आबकारी पोर्टल पर मान्य नहीं होंगे। इसके लिए लाइसेंस धारक के डिमांड बनानी होगी और इसके बाद उसके ई वालेट से कटोत्रा किया जाएगा। इसके बाद लाइसेंस धारक द्वारा सबमिट की गई डिमांड जहां से शराब ली जाना है, उस लाइसेंसी शराब दुकान की आईडी पर दिखने लगेगी। दुकान संचालक द्वारा स्वीकार की गई डिमांड जिला कार्यालय की आईडी पर परमिट के लिए जनरेट होकर दिखने लगेगी और एक दिन में उसे एक्सेप्ट या रिजेक्ट करना होगा।