बागेश्वर की कथा और कांग्रेस का पंजा!

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सुनी सुनाई

रवीन्द्र जैन

बागेश्वर की कथा और कांग्रेस का पंजा!

देश के जानेमाने कथाकार बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री अगले महीने 5 से 7 अगस्त तक कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के आग्रह पर छिंदवाड़ा में हनुमान कथा करेंगे। सनातन धर्म के पैरोकार और भारत को हिन्दु राष्ट्र बनाने की मांग करने वाले बागेश्वर महाराज का कमलनाथ के यहां जाना ही भाजपाईयों के लिए आश्चर्य का विषय है। अब कमलनाथ ने इस कथा के प्रचार के लिए जो पोस्टर डिजाइन कराये हैं उनमें हनुमान जी की मूर्ति और बागेश्वर महाराज के चित्र के साथ साथ कमलनाथ उनके सांसद बेटे नकुलनाथ का फोटो छापा गया है। यहां तक तो ठीक है। लेकिन इसके साथ कांग्रेस का चुनाव चिन्ह पंजा भी छापा गया। बस इसी पर भाजपाईयों को आपत्ति है। विरोध शुरु हो गया है। बाबा पर कथित दबाव बनाया जा रहा है कि पंजा हटवाएं या कथा रद्द करें।

मप्र भाजपा में बनने लगी टीम नरेंद्र सिंह!
केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को मप्र में चुनाव अभियान समिति की कमान मिलते ही इसका असर दिखने लगा है। पार्टी में लंबे समय से उपेक्षित होकर घर बैठे अनुभवी नेताओं को सक्रिय किया जा रहा है। जयंत मलैया, उमाशंकर गुप्ता, आलोक संजर, राजेन्द्र सिंह राजपूत, रणवीर सिंह रावत और हेमंत खंडेलवाल जैसे पुराने और अनुभवी नेताओं को अधिकार के साथ सक्रिय किया जा रहा है। पूर्व मंत्री जयंत मलैया को लंबे समय से हाशिए पर डाल दिया गया था। तोमर ने उन्हें प्रदेश कार्यालय बुलाकर बात की और वित्तीय प्रबंधन की टीम में शामिल किया गया। शिवराज सिंह के बेहद वफादार राजेन्द्र सिंह की भी लंबे समय बाद प्रदेश कार्यालय में वापसी हुई है। उमाशंकर गुप्ता और आलोक संजर जैसे समर्पित व अनुभवी नेताओं को एक्टिव कर दिया गया है। नरेन्द्र सिंह तोमर की खासियत है कि वे वीडी शर्मा की टीम को छेड़े बगैर अपनी टीम तैयार कर रहे हैं।

पटवा को लेकर खबर है या अफवाह!
मप्र के राजनीतिक गलियारे में इसे खबर कहें या अफवाह लेकिन चर्चा तेज है कि कांग्रेस की नजर पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी को कांग्रेस ज्वाइन कराने के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के दत्तक पुत्र और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी सुरेन्द्र पटवा पर पड़ गई है। चर्चा है कि पटवा को कांग्रेस में लाने की बिछात दिग्विजय सिंह ने बिछाई है। खबर है कि जूनियर पटवा लंबे समय से भाजपा में स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। वे भोजपुर से विधायक हैं। शिवराज मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुके हैं। उनकी छवि विनम्र और ईमानदार नेता की है। भाजपा में लंबे समय से हाशिए पर है। पिछले दिनों दिग्विजय सिंह अचानक उनके घर पहुंचे थे। स्वयं सुरेन्द्र पटवा ने दिग्विजय सिंह के घर आने का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था। यह भी चर्चा है कि सुरेन्द्र पटवा आते हैं तो कांग्रेस उनकी भोजपुर सीट उन्हें देने तैयार है।

आईपीएस और इंस्पेक्टर में सीधा टकराव!
अलीराजपुर एक मात्र जिला है जहां पुलिस अधीक्षक (आईपीएस) और एक इंस्पेक्टर में सीधा टकराव दिखाई दे रहा है। एसपी हंसराज सिंह ने सोंडवा थाना प्रभारी विजय देवड़ा को सस्पेंड किया तो देवड़ा ने एसपी और अलीराजपुर के नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश भर के इंस्पेक्टर रेंक के अफसर विजय देवड़ा के साथ नजर आ रहे हैं। देवड़ा पर आरोप है कि उन्होंने एक गांव में आदिवासी के घर छापा मारकर वहां जमीन में छिपाये एक करोड़ के सोने के सिक्के चुराये हैं। इस आरोप के बाद देवड़ा ने एक भावुक वीडियो जारी कर स्वयं को निर्दोष बताते हुए अलीराजपुर एसपी के बजाय किसी से भी जांच कराने की मांग की है। भोपाल में एक इंस्पेक्टर रेंक के अफसर की पत्नी ने सोशल मीडिया पर अलीराजपुर एसपी के खिलाफ यहां तक लिख दिया है कि – आईपीएस के पास काला धन है, लेकिन इनकी कोई जांच नहीं होती। निलम्बित थाना प्रभारी को सच बोलने की कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन अंत में जीत थाना प्रभारी की होगी।

पूर्व डकैत या मौसम विज्ञानी!
चंबल के दुर्दांत डकैत मलखान सिंह का नाम तो सुना ही होगा। अब आप इन्हें राजनीतिक मौसम विज्ञानी भी कह सकते हैं। अस्सी के दशक में समर्पण करने के बाद मलखान सिंह ग्वालियर में बस गये हैं। वे सत्तारूढ पार्टी के नजदीक रहने के आदी हैं। पहले कांग्रेस की जय जयकार करते थे। भाजपा की सरकार बनी तो उसके गुणगान करने लगे। मलखान सिंह को लगने लगा है कि मप्र में सरकार बदल सकती है तो आजकल वे कांग्रेस में शामिल होने की फिराक में हैं। मलखान सिंह चाहते थे कि ग्वालियर में प्रियंका गांधी की सभा में उन्हें सम्मान के साथ कांग्रेस की सदस्यता दिलाई जाए। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस के कई नेताओं को खबर भी भेजी, लेकिन किसी नेता ने उन्हें घास नहीं डाली। मलखान सिंह कांग्रेस से नजदीकी बढ़ाने के लिए आजकल टीवी चैनलों पर भाजपा को कोसने और कांग्रेस की तारीफों के पुल बांधने में लगे हैं। सच्चाई यह है कि मलखान के पास कोई जनाधार नहीं है।

लाडली ने रोका सभी विभागों का बजट!
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सबसे लोकप्रिय लाडली बहना योजना ने मप्र सरकार के तमाम विभागों का बजट गड़बड़ा दिया है। मप्र की लगभग सवा करोड़ लाडली बहनों को देने सरकार को हर महीने की 10 तारीख को लगभग 1250 करोड़ रुपये चाहिए। सरकार की प्राथमिकता में यह सबसे ऊपर है। इसके लिए कोषालयों को मौखिक निर्देश दिये गये हैं कि सभी विभागों का बजट रोकर लाडली योजना की राशि की व्यवस्था की जाए। कोषालय ने भी मौखिक निर्देश देकर अनेक विभागों के आहरण अधिकार स्थगित कर दिये हैं। चर्चा है कि सरकार शिवराज सिंह की योजनाओं और घोषणाओं को पूरा करने अगले दो तीन महीने में लगभग 10 हजार करोड़ का कर्जा लेने की तैयारी में है। यानि शिवराज सिंह चौहान ने मप्र में चौथी बार सरकार बनाने के लिए हरसंभव प्रयास शुरु कर दिए हैं।

और अंत में…!
मप्र भाजपा के तेजतर्रार प्रवक्ता हितेष वाजपेयी कांग्रेस और उसके नेताओं पर सबसे पहले और सबसे तीखे हमले करने में माहिर हैं। इस सप्ताह उन्होंने मप्र कांग्रेस के रणनीतिकार कोनुगोलू और सोशल मीडिया पर खबरें चलाने पत्रकारों पर सीधा हमला बोला। प्रियंका गांधी की ग्वालियर में सभा से पहले वाजपेयी ने मैसेज चलाया कि – “कुछ चुनिंदा सोशल मीडिया ऑपरेटिव को कोनुगोलू की तरह से बहनजी की ग्वालियर सभा को कवर करने के लिए लिफाफे बांटे गये हैं। क्या कुछ अनहोनी होने वाली है?” इस संबंध में जब वाजपेयी से लिफाफे बांटने के सबूत मांगे तो उन्होंने मुस्कराकर चुप्पी साध ली।