शिरपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के दिवंगत छात्र खरगोन के अथर्व पुरोहित की संदिग्ध मौत का मामला— परिजनों ने CBI जांच की मांग की

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ,केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उइके और सांसद गजेंद्र सिंह पटेल ने भी महाराष्ट्र के CM देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की

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शिरपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के दिवंगत छात्र खरगोन के अथर्व पुरोहित की संदिग्ध मौत का मामला— परिजनों ने CBI जांच की मांग की

खरगोन: महाराष्ट्र के शिरपुर स्थित एनएमआईएमएस इंजीनियरिंग कॉलेज के हॉस्टल में मध्यप्रदेश के खरगोन निवासी 20 वर्षीय छात्र अथर्व पुरोहित की 14 सितम्बर को हुई संदिग्ध मौत के मामले में अब परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग की है। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल , केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उइके और खरगोन बड़वानी लोकसभा क्षेत्र से सांसद गजेंद्र सिंह पटेल ने भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

शिरपुर स्थित नरसी मुंजी इंजीनियरिंग कॉलेज के हॉस्टल के रूम में अथर्व पुरोहित की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के करीब दो माह बीत जाने के बाद भी महाराष्ट्र पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्रवाई न किए जाने से परिजनों में आक्रोश है। रविवार को परिजनों ने राष्ट्रपति के नाम एसडीएम वीरेन्द्र कटारे को ज्ञापन सौंपकर सीबीआई जांच की गुहार लगाई।

परिजनों का आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही और पुलिस की मिलीभगत से जांच प्रभावित की जा रही है। मध्यप्रदेश रेडक्रॉस सोसाइटी के पूर्व चेयरमैन आशुतोष पुरोहित, जो मृतक के चाचा हैं, ने बताया कि घटना के बाद कॉलेज छात्रों ने विरोध प्रदर्शन भी किया था, लेकिन पुलिस ने न तो एफआईआर दर्ज की और न ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मर्ग कॉपी या अन्य दस्तावेज परिवार को सौंपे। उन्होंने आरोप लगाया कि शिरपुर थाना निरीक्षक किशोर कुमार परदेशी और जांच अधिकारी हेंमत पाटिल आर्थिक दबाव में निष्पक्ष जांच नहीं कर रहे हैं। उन्होंने दोनों को हटाए जाने की मांग भी की।

अथर्व के पिता अमिय पुरोहित ने बताया कि पुलिस ने अब तक कॉलेज प्रबंधन या हॉस्टल स्टाफ के बयान नहीं लिए। बल्कि साक्ष्य छिपाए जा रहे हैं। परिजनों ने आरोप लगाया कि मौत से पहले हॉस्टल रूम में 10 से 20 मिनट तक कॉलेज स्टाफ मौजूद रहा, साक्ष्य मिटाने के बाद ही पुलिस को सूचना दी गई। उन्होंने यह भी बताया कि घटना के दौरान अथर्व ने मोबाइल से रिकॉर्डिंग की थी, जिसे पुलिस ने दबा दिया है।

माता सुनीता पुरोहित ने कहा कि घटना से दो दिन पहले अथर्व बीमार था, लेकिन कॉलेज ने परिवार को कोई सूचना नहीं दी। मेडिकल रिपोर्ट और सुसाइड नोट भी जांच से गायब कर दिए गए हैं। परिजनों ने कॉलेज के मेंटर नितिन चौबे, विभागाध्यक्ष और हॉस्टल डायरेक्टर कमला रावत पर लगातार प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं।

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परिवार ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्रियों से हस्तक्षेप कर सीबीआई जांच के आदेश देने की मांग की है, ताकि अथर्व की संदिग्ध मौत की सच्चाई सामने आ सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

उधर महाराष्ट्र के शिरपुर के थाना प्रभारी किशोर परदेसी ने कहा कि अथर्व पुरोहित ने हॉस्टल के अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। इस संबंध में पुलिस में अथर्व के रूममेट्स ,मित्र और कॉलेज प्रबंधन के लोगों से बयान लिए हैं। उन्होंने अभी तक की जांच के आधार पर बताया कि अथर्व किसी वजह से डिप्रेशन में था और इसी के चलते उसमें आत्महत्या की है। उन्होंने कहा कि किसी तरह का सुसाइड नोट या मोबाइल पर बयान नहीं पाया गया। उसके लैपटॉप और मोबाइल को फोरेंसिक जांच हेतु भेजा गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की निष्पक्षता से जांच कर रही है।