Indore : सेंट्रल इंडिया का पहला चाय-कैफे फ्रेंचाइजी ब्रांड ‘द टी फैक्ट्री’ (The Tea Factory) जल्द ही गल्फ देशों समेत कनाडा में भी अपनी नई फ्रेंचाइज की शुरुआत करने जा रहा है। इंदौर से शुरू होकर ‘द टी फैक्ट्री’ का कारोबार देश में 161 से अधिक फ्रेंचाइजी संचालित करने वाला फूड एवं बेवरेज इंडस्ट्री का एकमात्र चाय कैफे है।
2013 में लोगों को इस नए कांसेप्ट से मिलाने वाले शशांक शर्मा 22 साल की उम्र में परंपरा के खिलाफ अपने बिज़नेस आईडिया को लेकर मार्केट में उतरे (Entered the market with the business idea) थे। उस दौर में प्रमोशन का एकमात्र जरिया सोशल मीडिया बेहद खर्चीला हुआ करता था। इंटरनेट की कीमत आम आदमी के बजट से बाहर थी। डिजिटल प्रमोशन के जरिये लोगों तक पहुंचने की संभावनाएं आज के मुकाबले न के बराबर थी।
शशांक ने कहा कि मेरा लक्ष्य चाय लवर्स को एक ही जगह पर कश्मीरी कहवा, ग्रीन टी, मसाला टी, जिंजर टी (Kashmiri Kahwa, Green Tea, Masala Tea, Ginger Tea) जैसे विभिन्न क्षेत्रों की चाय का स्वाद देना था। इसके साथ ही चाय को एक प्रॉफिटेबल बिज़नेस बनाने के लिए यूनिक आइडियाज पर काम करना था।
उन्होंने बताया कि शुरुआत में लोग इसे नॉन फ्रॉफिटेबल आईडिया (Non forfeitable idea) समझते थे। सोशल मोटिवेशन की भी कमी झेलती पड़ती थी। शुरुआती दौर की सबसे बड़ी चुनौती आईडिया को लोगों तक पहुंचाने था। सोशल मीडिया पर क्रांति अभी पिछले कुछ सालों में शुरू हुई है, लेकिन तब एक ऐंड्रॉयड फोन भी महंगा था और इंटरनेट की कीमतें भी बड़ा बजट मांगती थी। डिजिटलीकरण पर काम करते हुए हम वर्तमान में देश के आधे से अधिक हिस्से में अपनी फ्रेंचाइजी का संचालन किया जा रहा है।
लोकल प्रतिस्पर्था के मुद्दे पर शशांक का कहना है कि एक चाय कैफे फ्रेंचाइजी के रूप में हम देश के अपने पहले चाय कैफे कांसेप्ट को लोकल ब्रांड से नेशनल और फिर इंटरनेशनल बनाने में सफल रहे हैं। हम प्रतिस्पर्धा नहीं मार्गदर्शन देने में काम कर रहे हैं। फ़िलहाल दुनियाभर में द ‘टी फैक्ट्री’ की 161 से अधिक चाय फ्रेंचाइजी आउटलेट्स संचालित हो रही हैं। ये देश के अंदर जम्मू, बैंगलोर, हरिद्वार, होशंगाबाद, भरूच, मोहाली, अहमदाबाद, मथुरा, इंदौर और बीकानेर जैसे शहरों में सफलता से जारी है। वहीं पड़ोसी देश नेपाल समेत सऊदी, शारजहां जैसे गल्फ देशों में भी शशांक की चाय का बोल बाला है।