बाबा महाकाल के शिवलिंग क्षरण को लेकर ASI व JSI की टीम ने किया परीक्षण 

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*बाबा महाकाल के शिवलिंग क्षरण को लेकर ASI व JSI की टीम ने किया परीक्षण* 

उज्जैन से सुदर्शन सोनी की रिपोर्ट

विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में शिवलिंग के हो रहे क्षरण को लेकर पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में एक पिटीशन दायर की गई थी,सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ASI और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया JSI की टीम द्वारा समय समय पर जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाती हैं,एवम् शिवलिंग के संरक्षण से संबंधित निर्देश दिए जाते हैं।

आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ASI और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया JSI की दस सदस्यीय टीम ने बुधवार को दो दिवसीय सर्वे पर उज्जैन पहुंचकर बाबा महाकालेश्वर के शिवलिंग का एवम् बाबा महाकाल को चढ़ने वाली पूजन सामग्रियों का परीक्षण किया था।

टीम के सदस्य बाबा महाकाल की तड़के होने वाली भस्मारती में शामिल हुए थे एवम् भस्मारती में बाबा महाकाल को चढ़ने वाली भस्म एवम् अभिषेक की पुरी प्रक्रिया को गौर से देखा एवम् शिवलिंग को पूरी तरह से ढककर भस्म चढ़ाने एवम् भांग का श्रृंगार पूरे शिवलिंग पर किए जाने के निर्देश दिए।

टीम के सदस्यों के अनुसार भांग से फंगस दूर होती हैं।अभी श्रृंगार के समय सिर्फ आधे शिवलिंग पर भांग चढ़ाई जाती हैं,इस संदर्भ में टीम ने भांग की पतली परत का पूरे शिवलिंग पर लेप करने का कहा हैं।साथ ही गर्भगृह के तापमान को लेकर भी टीम सदस्यों द्वारा निर्देश दिए हैं।

गर्भगृह का तापमान सर्दियों में 25 और गर्मियों में 22 डिग्री सेल्सियस रखने को कहा गया है।महाकाल मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने मिडियावाला संवाददाता सुदर्शन सोनी से हुई चर्चा में बताया कि महाकाल मंदिर समिति द्वारा श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर में पूजन के दौरान रासायनिक पदार्थो से बने कंकू, चंदन सहित मिलावटी दूध,दही के साथ ही घी और शक्कर आदि चढ़ाएं जाते हैं।अब इस अमानक सामग्री को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया हैं, उन्होंने बताया कि मंदिर के बाहर दुकानों पर मिलने वाली सामग्री की शुद्धता जांच भी समय समय विभिन्न एजेंसियों द्वारा कराई जाती हैं।

आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ASI और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया JSI की दस सदस्यों की आई थी,टीम द्वारा पिछले वर्ष दिए गए निर्देशों के पूर्ण परिपालन के संबंध में संतुष्टि जताई हैं।इस वर्ष हुई जांच के विषय में गर्भगृह के तापमान आदि से संबंधित मौखिक निर्देश दिए गए हैं।दोनों एजेंसियों द्वारा दिए गए निर्देशों का पूर्ण रूप से पालन किया जाएगा।