

फैसले की घड़ी आ गई…हेमंत या कयासों का अंत…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
मध्यप्रदेश भाजपा के लिए अंततः फैसले की घड़ी आ गई है, जब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को लेकर चल रही प्रक्रिया पूर्ण होने को है। मध्य प्रदेश भाजपा को दो जुलाई को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। मौजूदा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की जगह संगठन नए चेहरे को कमान सौंपेगा या फिर संगठन के मन में कुछ और है, सवालों पर से पर्दा उठ जाएगा। नामांकन एक जुलाई को होंगे और अगले दिन भोपाल में होने वाली कार्यसमिति की बैठक में नाम का ऐलान होगा। चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान 1 जुलाई को भोपाल आ रहे हैं और पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेंगे। अगर बात करें तो प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के बदलाव को लेकर पिछले डेढ़ साल से अधिक समय से लगातार कयासों का दौर जारी है। बार-बार समय आगे बढ़ता गया और यह स्थापित सा हुआ कि अब विष्णु दत्त शर्मा पद पर बने रहेंगे। पर अब वह घड़ी आ गई है जब इस पद के लिए चुनाव का समय आ गया है। और प्रदेश भाजपा को निर्वाचित या निर्विरोध अध्यक्ष मिलने में बस 1 जुलाई 2025 की रात ही बाकी है। 2 जुलाई की सुबह यह तय हो जाएगा कि हेमंत खंडेलवाल प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष होंगे या फिर विष्णु दत्त शर्मा या कोई और, इसके साथ ही डेढ़ साल से चल रहे कयासों का अंत हो जाएगा। हेमंत खंडेलवाल का नाम इसलिए, क्योंकि भाजपा में इस नाम को लगभग तय माना जा रहा है। पर यह मान्यता बन गई है कि जो नाम सामने आ जाते हैं, भाजपा उससे आगे बढ़कर एक नया चेहरा सामने लेकर आ जाती है। यह बात मुख्यमंत्री पद को लेकर है या फिर प्रदेश अध्यक्ष पर भी लागू होती है, यह 2 जुलाई को पता चलने वाला है।
मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष की रेस में कौन-कौन है, यह बड़ा सवाल है? और कौन वह चेहरा है, जो लकी साबित होता है, यह उससे भी बड़ा सवाल है। मध्य प्रदेश में बीजेपी ने इस बार 60 में से 9 महिला जिला अध्यक्ष नियुक्त किए थे। तो कयास यह भी है कि प्रदेश भाजपा को कोई महिला चेहरा मिल सकती है। दावेदारों में हेमंत खंडेलवाल, दुर्गादास उईके शामिल हैं। फिलहाल सबसे मजबूत दावेदारों में नाम है दुर्गादास उईके का। वो बैतूल से सांसद और केंद्र में राज्यमंत्री हैं। संघ की विचारधारा से जुड़े उईके को आदिवासी समाज का निर्विवाद चेहरा माना जाता है। वे गोंड समाज से आते हैं। विजय शाह के विवादों में घिरने से पार्टी को एक बड़े गोंड चेहरे की जरूरत भी है। अध्यक्ष की रेस में दूसरा नाम भी बैतूल से ही है। पूर्व सांसद और मौजूदा विधायक हेमंत खंडेलवाल की भी चर्चा है। उनके पिता संघ के बड़े नेता थे, लिहाजा खंडेलवाल भी संघ और संगठन की पसंद हैं। चर्चा में महिला चेहरों के नामों में अर्चना चिटनीस बुरहानपुर से विधायक हैं। मध्यप्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं। दूसरा नाम कविता पाटीदार का है , वह राज्यसभा सांसद हैं और बीजेपी की प्रदेश महामंत्री हैं। नंदिता पाठक, बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष और नाना जी देशमुख की पुत्री का नाम भी चर्चा में है। रीति पाठक, सीधी से विधायक हैं और दो बार सांसद रह चुकी हैं। सीमा सिंह जादौन, बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष हैं।तो रंजना बघेल सहित कई और नाम भी चर्चा में हैं। जातिगत समीकरण और दावेदारों की सूची पर बात करें तो ब्राह्मण चेहरे में नरोत्तम मिश्रा, आलोक शर्मा और राजेन्द्र शुक्ल, वैश्य चेहरे में हेमंत खंडेलवाल और सुधीर गुप्ता, क्षत्रिय चेहरे में अरविंद भदौरिया और बृजेन्द्र प्रताप सिंह, अनुसूचित जाति के नेताओं में प्रदीप लारिया, लाल सिंह आर्य, हरिशंकर खटीक और अनुसूचित जनजाति में गजेन्द्र सिंह पटेल, दुर्गादास उईके, सुमेर सिंह सोलंकी और फग्गन सिंह कुलस्ते जैसे नाम शामिल हैं।
प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में सभी विधायक, सांसद, 115 पार्टी प्रतिनिधि, पदाधिकारी और 60 जिला अध्यक्ष मतदान करेंगे। यह मतदान करेंगे, यह बहुत ज्यादा संभावना नहीं है। भाजपा में निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने की परंपरा है। खैर भाजपा के नये प्रदेश अध्यक्ष के जिम्मे 2028 का विधानसभा और 2029 के लोकसभा चुनाव भी होगा। ऐसे में फैसले की घड़ी आ गई है अब एक रात का इंतजार ही बाकी है, फिर सबके सामने आने वाला है कि हेमंत या फिर कोई और, फिलहाल कयासों का अंत होने वाला है
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