

कुलगुरु, आचार्यों ने अवंती के गौरव आचार्य वराह मिहिर की जन्मस्थली कायथा का किया भ्रमण!
डॉ. दिनेश चौबे की रिपोर्ट
Ujjain : महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिर्विज्ञान विभाग के तत्वावधान में वराहमिहिर जयंती चैत्र शुक्लाष्टमी 5 अप्रैल 25 के उपलक्ष्य में वराहमिहिर जन्मस्थली कापित्थक (कायथा) का सांस्कृतिक भ्रमण विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर विजय कुमार सीजी के मार्गदर्शन में किया गया।
भ्रमण में डॉ. शुभम शर्मा ज्योतिर्विज्ञान विभाग अध्यक्ष, डॉ. उपेंद्र भार्गव, ज्योतिष विभाग अध्यक्ष, डॉ.पवन मिश्र, डॉ. मृत्युंजय कुमार तिवारी, डॉ. अविनाश मिश्र, डॉ. योगेश कुमार, डॉ. खोकन परमाणिक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित थे। इस अवसर पर कुलगुरु जी ने आचार्य वराह मिहिर जी के कृत कार्यों का उल्लेख किया एवं आचार्य वराहमिहिर को ज्योतिष जगत का सूर्य और अवंती का गौरव बताया।
विभाग प्रमुखों ने कहा कि आचार्य वराह मिहिर, सम्राट, महाराजा विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक तथा जिनकी गणना महान ज्योतिर्विद के रूप में संपूर्ण विश्व में होती हैं। ऐसे महान व्यक्तित्व एवं भारतीय ज्ञान परंपरा के प्रणेता तथा अनेक ग्रंथों के रचयिता को हम स्मरण करते हुए उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व से सभी को परिचित कराने हेतु उनकी जन्मस्थली पर एकत्रित हुए है एवं श्रद्धांजलि अर्पित की!