Vatsala, the World’s Oldest Female Elephant: मादा हाथी वत्सला की पन्ना टाइगर रिजर्व में 100 साल से ज्यादा उम्र में मौत

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Vatsala, the World's Oldest Female Elephant
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Vatsala, the World's Oldest Female Elephant
Vatsala, the World’s Oldest Female Elephant

Vatsala, the World’s Oldest Female Elephant: मादा हाथी वत्सला की पन्ना टाइगर रिजर्व में 100 साल से ज्यादा उम्र में मौत

मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में रहने वाली दुनिया की सबसे बुजुर्ग मादा हाथी वत्सला ने मंगलवार दोपहर करीब 1:30 बजे अंतिम सांस ली। वत्सला की उम्र 100 साल से भी ज्यादा थी और उसे यहां ‘दादी’ के नाम से पुकारा जाता था। वह पिछले कई सालों से बीमार चल रही थी, लेकिन रिजर्व के डॉक्टर, महावत और स्टाफ उसकी पूरी देखभाल करते रहे। हिनौता कैंप में उसका सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया गया।

वत्सला का जन्म केरल के निलांबुर के जंगलों में हुआ था, जहां उसने करीब 55 साल बिताए। फिर उसे मध्य प्रदेश के बोरी और बाद में 1993 में पन्ना टाइगर रिजर्व लाया गया। उसने अपने जीवन में दो बार मौत को मात दी—2003 और 2008 में नर हाथी के हमले में गंभीर रूप से घायल हुई, लेकिन गहन इलाज से बच गई। उम्र के इस पड़ाव में वत्सला को मोतियाबिंद हो गया था और उसकी आंखों की रोशनी चली गई थी, फिर भी वह हाथियों के कुनबे की देखभाल और टाइगर रिजर्व में बाघों की निगरानी में सक्रिय रही।

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पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारियों का दावा है कि वत्सला दुनिया की सबसे उम्रदराज मादा हाथी थी, लेकिन जन्म का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड न होने के कारण उसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो सका। उसने ताइवान के हाथी लिन वांग (86 साल) और केरल की दक्षिणायनी (89 साल) जैसे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे।

वत्सला अपने कुनबे में बच्चों की देखभाल करती थी और जब कोई हथिनी बच्चे को जन्म देती थी, तो वह कुशल दाई की भूमिका निभाती थी। उसकी कहानी सिर्फ लंबी उम्र की नहीं, बल्कि सेवा, संघर्ष और परिवार की तरह पूरे हाथी कुनबे की देखभाल की मिसाल भी है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फेसबुक पर वत्सला की तस्वीर साझा कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।

पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार गुप्ता के मुताबिक, वत्सला के दांत 1990 के आसपास पूरी तरह गिर गए थे, और 2003 व 2008 में नर हाथी के हमलों के दौरान उसके पेट पर गंभीर चोटें आईं, जिनका छह महीने तक इलाज चला। महावत रमजान खान और चारा कटर मनीराम ने दशकों से उसकी सेवा की।

बताया जाता है कि वत्सला की उम्र करीब 105 साल थी और वह जंगल की शान थी। उसकी मौत से पन्ना टाइगर रिजर्व और वन्यजीव प्रेमियों में गहरा शोक है।