Theft Case on 3 Including IAS : आईएएस रजनी सिंह समेत तीन पर चोरी का मामला दर्ज करने के आदेश!

जानिए क्या था वो सात साल पुराना मामला!

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Theft Case on 3 Including IAS : आईएएस रजनी सिंह समेत तीन पर चोरी का मामला दर्ज करने के आदेश!

Bina (Sagar) : सात साल पुराने एक मामले में सुनवाई करते हुए न्यायालय ने आईएएस रजनी सिंह, तहसीलदार मोनिका बाघमारे तथा कम्प्यूटर आपरेटर जितेंद्र रैकवार पर चोरी का प्रकरण दर्ज करने के आदेश पुलिस को दिए हैं। पांच साल पूर्व प्रस्तुत परिवाद पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने यह आदेश दिया है।

घटना के अनुसार, बीना के खिमलासा निवासी नंदकिशोर पटवा 2016 में आचवल वार्ड में किराए के मकान में निवास करता था। साथ ही वह ग्राम हिरनछिपा में आधार कार्ड सेंटर चलाता था। 23 जुलाई 2016 को तत्कालीन एसडीएम (आईएएस) रजनी सिंह, तहसीलदार मोनिका बाघमारे तथा कम्प्यूटर आपरेटर उसके आचवल वार्ड स्थित घर पहुंचे और घर पर रखा कंप्यूटर सहित अन्य सामान उठाकर तहसील ले गए।

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नंदकिशोर ने विरोध किया तो उसके विरुद्ध शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का प्रकरण पुलिस थाने में दर्ज कराया गया। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई का विरोध उस समय नंदकिशोर ने किया और प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, कलेक्टर, एसपी सहित विभिन्न अधिकारियों को आवेदन देकर मामले में जांच करने की मांग की गई। इतना ही नहीं इच्छा मृत्यु की अनुमति भी मांगी।

घटना के लगभग डेढ़ साल बाद तहसील कार्यालय से एक पत्र उसे मिला, जिसमें जब्त सामग्री प्राप्त करने के लिए उसे निर्देशित किया गया था। पत्र 01 मार्च 2018 को जारी हुआ था। पत्र मिलने के बाद जब नंदकिशोर तहसील पहुंचा तो उसे आइरिश मशीन, फिंगर प्रिंट मशीन, वेब कैमरा प्रदान किया गया। लेकिन लैपटॉप नहीं दिया गया। जिसके लिए उसने जानकारी ली तो बताया गया कि लैपटॉप नजारत शाखा में जमा नहीं हुआ है। 20 अप्रैल 2018 को सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी तो एसडीएम कार्यालय से बताया गया कि उपरोक्त संबंध में कोई रिकार्ड कार्यालय में नहीं है।

न्यायालय में पेश किया परिवाद नंदकिशोर पटवा ने मामले में 21 मई 2018 को परिवाद पत्र अधिवक्ता अमित सेन के माध्यम से न्यायालय में पेश किया। जिसमें आईएएस रजनी सिंह, तहसीलदार मोनिका बाघमारे तथा कम्प्यूटर आपरेटर जितेंद्र रैकवार के विरुद्ध धारा 119, 166, 166 क, 379, 380, 392, 408, 409, 448 के तहत कार्रवाई की मांग की गई। पांच साल चली सुनवाई के बाद न्यायालय ने माना कि अधिकारियों ने अवैधानिक रूप से परिवादी के घर में घुसकर सामग्री जब्त की है। इसलिए आरोपी रजनी सिंह, मोनिका वाघमारे, जितेंद्र रैकवार के विरुद्ध धारा 451, 380 के तहत प्रकरण दर्ज किया जाए।