समृद्धि की ‘नई’ शुरुआत है…मंच खाली और मध्यप्रदेश समृद्ध…

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समृद्धि की ‘नई’ शुरुआत है…मंच खाली और मध्यप्रदेश समृद्ध…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2025 का आयोजन मध्यप्रदेश के लिए मायनों से लबालब है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दो दिवसीय मध्यप्रदेश प्रवास उससे भी ज्यादा खास है। प्रधानमंत्री ने पहला दिन सांसद-विधायकों के साथ लंबी बैठक की। और इसकी खास बात यह कि बैठक की बातें बाहर नहीं आ पाईं। तो समिट के शुभारंभ अवसर पर मध्यप्रदेश अनंत संभावनाएं फिल्म के साथ जो बोला नहीं गया, वह पंक्ति थी ‘समृद्धि की ‘नई’ शुरुआत’…यह जीआईएस की सबसे खास बात है। चाहे इसे जीआईएस के संदर्भ में समझें या फिर मोहन के संदर्भ में। मोदी के मध्यप्रदेश को दिए दो खास दिन के विशेष मायने यही हैं कि ‘मध्यप्रदेश का मोहन काल’ मजबूत रहे और मोहन-मध्यप्रदेश दोनों ही समृद्धि की नई शुरुआत करें। सांसद-विधायकों के साथ मोदी की बैठक के भी यही मायने हैं और जीआईएस में मंच से नीचे अडानी और उद्योगपतियों संग बैठकर भी मोदी ने संदेश दिया है कि मोहन की नई शुरुआत समृद्धि भरी रहेगी। मंच पर बैठकर अहंकार का भाव लाने की जरूरत किसी को नहीं है। मंच से नीचे बैठकर मोहन के नेतृत्व में समृद्ध होते मध्यप्रदेश के भाव को सभी अपने मन में स्थायी तौर पर सहेज लें। अगर फिर भी कोई संशय रहा हो, तब अमित शाह आकर बाकी शंका समाधान कर देंगे। मोदी ने भाषण में मध्यप्रदेश में भाजपा के बीस साल के शासन का जिक्र तो किया, पर किसी का नाम नहीं लिया। यहां मोदी की जुबान पर मोहन का नाम ही रहा, और किसी का नहीं।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित मध्यप्रदेश से विकसित भारत के उद्देश्य से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के भव्य आयोजन के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बधाई दी। मोदी ने कहा कि भारत के इतिहास में ऐसा अवसर पहली बार आया है, जब पूरी दुनिया भारत के लिए आशान्वित है। भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी क्षमता को सिद्ध किया है, जिसके परिणाम स्वरूप सम्पूर्ण विश्व भारत पर विश्वास प्रकट कर रहा है। तो मोदी ने जोर दिया कि यही विश्वास वह मध्यप्रदेश में अनुभव कर रहे हैं। मध्यप्रदेश जनसंख्या की दृष्टि से देश का पांचवां बड़ा राज्य है, कृषि और खनन में अग्रणी है, इसके साथ ही राज्य को माँ नर्मदा का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। देश में हो रहे अधोसंरचना विकास का लाभ मध्यप्रदेश को मिला है, दिल्ली, मुम्बई नेशनल हाईवे का बड़ा भाग मध्यप्रदेश से निकलता है, प्रदेश में पाँच लाख किलोमीटर का रोड नेटवर्क है और लॉजिस्टिक्स की यहाँ अपार संभावनाएं विद्यमान हैं। मध्यप्रदेश में हर वो क्षमता है, जो इसे देश के शीर्ष पाँच राज्यों में ला सकता है। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाने के लिए बधाई दी। तो मोदी ने भाषण के अंत में फिर जोर दिया कि केन्द्र और राज्य सरकार प्रदेश की विकास दर को नई ऊँचाइयां देने के लिए निरंतर हरसंभव प्रयास कर रही है। मध्यप्रदेश में निवेश का यही समय है और सही समय है।

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यही समय है और सही समय है…से यह संदेश भी है कि मोहन का नेतृत्व का यही समय मध्यप्रदेश के लिए सही समय है। तो मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भरोसा दिलाया कि पीएम मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने प्रदेशवासी प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सतत विकास और औद्योगिक निवेश की दिशा में नए कदम बढ़ाऐ जा रहे है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की थीम ‘अनंत संभावनाएँ है, जो प्रदेश में उद्योग और निवेश की असीमित संभावनाओं को दर्शाती है। ‘अनंत संभावनाएँ’ केवल एक विचार नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र में अवसरों की व्यापकता को दर्शाने वाला दृष्टिकोण है। प्रधानमंत्री मोदी ने “सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास” का मंत्र दिया, जिसमें यह संदेश समाहित है कि जब संभावनाओं के अनंत आकाश में हम साथ मिलकर आशा की ज्योत जलाते हैं, तो एक नहीं, बल्कि सभी के आंगन रोशन होते हैं और यही हमारी सनातन संस्कृति है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत को 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प समस्त भारतवासियों ने लिया है, हमारा लक्ष्य देश को 35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। विकसित भारत के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए विकसित मध्यप्रदेश समस्त प्रदेशवासियों के साथ महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी अनुक्रम में राज्य सरकार अगले 05 वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है।

तो जीआईएस में अडानी एक लाख या दो लाख करोड़ का निवेश कर रहे हैं, यह हिसाब-किताब तो होता रहेगा। पर जीआईएस के सही मायने यही हैं कि मोदी को मोहन और मध्यप्रदेश में व्याप्त अनंत संभावनाओं पर पूरा भरोसा है। तो जीआईएस-2025 की खास बात यह भी है कि डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार मोदी के सामने पूरा पहले से लिखा भाषण पढ़ा और यह साबित किया कि उनका पूरा भरोसा मोदी जी पर है और मोदी जी के आशीर्वाद से ही मध्यप्रदेश समृद्धि की नई शुरुआत करके रहेगा। तो यह जीआईएस मध्यप्रदेश में समृद्धि की नई शुरुआत है…मंच खाली रहा पर समृद्ध होते मध्यप्रदेश की आहट सुनाई दे रही है…।