शिवराज की सक्रियता में सियासत के रंग…

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शिवराज की सक्रियता में सियासत के रंग…

कौशल किशोर चतुर्वेदी
केंद्र सरकार में कृषि मंत्री के रूप में एक साल पूरा करने के बाद अब शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश में फिर सक्रिय नजर आ रहे हैं। मई 2025 में अपने गृह जिले सीहोर में पदयात्रा निकाल कर वह खासे चर्चा में आ गए थे। 17 साल के सीएम के रूप में मध्य प्रदेश में जननायक का ओहदा पाने वाले शिवराज सिंह चौहान जहां होते हैं वहां पर जनता जुट ही जाती है। ऐसे में उनकी पदयात्रा बहुत आगे बढ़ती, उसके पहले ही उन्होंने अपने पैर खुद वापस खींच लिए थे। या फिर पदयात्रा पर विराम की वजह भी सियासी थी, यह शिवराज ही बता सकते हैं। अब जून 2025 में शिवराज अपने पुराने राजनैतिक साथियों से मेल-मुलाकात का नया दौर शुरू कर चुके हैं। 23 जून को वह उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल से मिलने उनके निवास पर पहुंचे थे। तो 26 जून को इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय से उनकी मुलाकात खासी चर्चा में है। कैलाश विजयवर्गीय से उन्होंने पहले बंद कमरे में बात की तो शाम को उनके परिवार के साथ डिनर भी किया। शिवराज सिंह चौहान के साथ उनकी पत्नी साधना सिंह भी मौजूद थीं। शिवराज सिंह चौहान का हर कदम नपा-तुला होता है। ऐसे में जब उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने को लेकर चर्चा हो रही है तो मध्य प्रदेश में भाजपा अध्यक्ष के बदलने को लेकर लंबे दौर से कयास जारी हैं। तब प्रदेश में अचानक शिवराज की इस सक्रियता में सियासत के रंग राजनीति के गलियारों में बिखर रहे हैं। इसके साथ ही एक बार फिर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के बदलाव को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
इस बार धर्मेंद्र प्रधान के मध्य प्रदेश आने से प्रदेश अध्यक्ष के बदलाव की बात को बल दिया जा रहा है। यह कोई पहली बार नहीं है, दर्जनों बार प्रदेश अध्यक्ष को लेकर इस तरह के कयास लगाए जा चुके हैं। अब मध्य प्रदेश के लिए नियुक्त चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान 1 जुलाई को भोपाल आ रहे हैं। उम्मीद लगाने वाले इसी दिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा को लेकर आशाओं से भरे हैं। तो कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर भी बीजेपी की अधिसूचना एक दो दिन में ही जारी हो सकती है। माना जा रहा है कि संसद के मानसून सत्र के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन को पूरा करने पर सहमति बन चुकी है। चूंकि मतदान तक की प्रक्रिया नहीं होगी।निर्वाचन निर्विरोध होगा, इसलिए नाम वापसी के दिन ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर दी जाएगी।लिहाजा इस पूरी प्रक्रिया में केवल 15 दिन से भी कम का समय लगेगा और 20 जुलाई तक प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी। अब 1 जुलाई आने को 3 दिन का समय ही शेष है। और जब शिवराज की मुलाकातों का दौर जारी है, तब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव अक्सर साथ में देखे जा रहे हैं।
मई 2025 में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लंबे अंतराल के बाद फिर पदयात्रा शुरू की थी। उन्होंने सीहोर से विकसित भारत संकल्प पदयात्रा निकाली थी। चौहान ने ढाई दशक बाद फिर पदयात्रा शुरू की थी। सियासी गलियारों में इसके बहुत मायने निकाले गए थे। इस विकसित भारत संकल्प पदयात्रा का उद्देश्य लोगों को विकसित भारत के बारे में बताना और उन्हें गांव के विकास में भाग लेने के लिए प्रेरित करना बताया गया था। उनकी पत्नी साधना सिंह, बेटे कार्तिकेय और बहू अमानत भी पदयात्रा में शामिल हुए थे। हालांकि प्रस्तावित लंबी पदयात्रा कम समय में ही खत्म होने को भी सियासी कदम माना गया था।
जून महीने की बात करें तो उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने 23 जून को उनके भोपाल स्थित निवास पर पहुंचे केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का आत्मीय स्वागत एवं अभिनंदन किया था। और यह कहा गया था कि इस अवसर पर मध्यप्रदेश के समग्र विकास, विशेषकर किसानों के हित में चल रही योजनाओं के संबंध में विस्तृत चर्चा हुई। अब अगर मध्य प्रदेश की समग्र विकास की बात है तो यह चर्चा मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से भी हो सकती थी बाकी सियासत में चर्चाओं का महत्व समझा जा सकता है।
अब 26 जून 2025 को केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मध्यप्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने 18 मिनट तक बंद में कमरे में चर्चा की। इस दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर कमरे के बाहर खड़े होकर बैठक खत्म होने का इंतजार करती रहीं। ऐसे में चर्चा की गंभीरता में सियासत का पुट तो बनता ही है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान इंदौर में सोयाबीन अनुसंधान केंद्र में हितग्राहियों से संवाद कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। फिर रात को शिवराज सिंह चौहान ने पत्नी साधना सिंह के साथ कैलाश विजयवर्गीय के इंदौर स्थित घर पहुंचकर रात्रि भोज किया। इसकी जानकारी मंत्री विजयवर्गीय ने एक्स पर दी। उन्होंने लिखा- केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री और मेरे मित्र शिवराज सिंह चौहान एवं भाभी साधना सिंह चौहान आज इंदौर स्थित निवास पर पधारे। इस अवसर पर उनका आत्मीय स्वागत एवं सत्कार किया। पारिवारिक स्नेह और सौहार्द से परिपूर्ण वातावरण में उनसे अनेक महत्त्वपूर्ण विषयों पर सार्थक चर्चा हुई। यह मिलन भावनात्मक निकटता के साथ वैचारिक समृद्धि का अनुपम अवसर बना।
वास्तव में देखा जाए तो शिवराज मध्य प्रदेश की जनता के साथ भावनात्मक निकटता बनाने के लिए मिले हर अवसर का पूरा लाभ उठाते हैं, तो अब वह भावनात्मक निकटता का अवसर भी बना ही लेते हैं। विकसित भारत संकल्प पदयात्रा इसका प्रमाण थी। पर यह यात्रा शिवराज के इस उद्देश्य में सहयोगी बनती, उससे पहले ही पदयात्रा पर विराम लग गया। अब एक बार फिर शिवराज पुराने मित्रों से भावनात्मक निकटता के जरिए वैचारिक समृद्धि के नए शिखर को छू रहे हैं। पर यह तस्वीर भी साफ है कि यह भावनात्मक निकटता और वैचारिक समृद्धि सियासत के चटक रंग में रंगी नजर आ रही है…।