झारखंड में ‘चंपई शो’ है…

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झारखंड में ‘चंपई शो’ है…

झारखंड में मोदी-शाह प्रचार करने पहुंचें या फिर मल्लिकार्जुन और राहुल या सोरेन परिवार ही सही, पर इस चुनाव में एक बात साफ है कि यहां पर सिर्फ और सिर्फ ‘चंपई शो’ है। इसीलिए चाईबासा में मोदी की जुबान पर आया है कि यह ‘चंपई के अपमान के लिए झामुमो को सजा देने का वक्त’ है। झारखंड में 13 नवंबर को पहले चरण का चुनाव है। पीएम मोदी ने 4 नवंबर 2024 को गढ़वा और चाईबासा में चुनाव प्रचार किया। उन्होंने महागठबंधन पर जमकर निशाना साधा। मोदी ने कहा कि कोल्हान ने अंग्रेजों को खदेड़ा अब झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) कांग्रेस की बारी है। तो निशाना साधा कि भाजपा ने आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाया तो कांग्रेस ने विरोध किया। चंपई सोरेन का अपमान किया, सीएम से हटाकर कोल्हान का अपमान किया। इस अपमान के लिए झामुमो को सजा देने का वक्त है। सीता सोरेन के लिए कांग्रेस के नेता ने गंदी भाषा का इस्तेमाल कर अपमानित किया। उसके साथ झामुमो सत्ता चला रही है।

चंपाई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने से झारखंड में पार्टी को आदिवासी वोटरों का समर्थन मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। खासकर कोल्हान क्षेत्र में जहां पार्टी का पिछला प्रदर्शन कमजोर रहा था। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता चंपाई सोरेन ने विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था। ‘टाइगर’ के नाम से मशहूर चंपाई सोरेन का बीजेपी में शामिल होना पार्टी की उम्मीदों को मजबूत कर रहा है। कारण, वह आदिवासी समुदाय से आते हैं जो राज्य की कुल जनसंख्या का 26.2 प्रतिशत है. इसके अलावा चंपाई सोरेन कोल्हान क्षेत्र से हैं, जहां 2019 में बीजेपी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। इसीलिए पीएम मोदी ने कहा कि कोल्हान ने अंग्रेजों को खदेड़ा अब जेएमएम-कांग्रेस की बारी है। भारत के इतिहास में कांग्रेस, राजद ने आदिवासी को गुआ गोलीकांड कराया। इस घटना के बारे दादा दादी से पूछिए। जिसकी लाश पर झारखंड बनना था उसके साथ झामुमो सत्ता चला रही है। ये झारखंड के आदिवासियों का अपमान है।

आदिवासी राज्य झारखंड में चुनाव प्रचार का पूरा फोकस आदिवासियों पर है। पीएम मोदी ने कहा कि गरीबों का संघर्षों को मैने जिया है। 10 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं। हमारी सरकार बनी तो किसान को धान का एमएसपी 3000 रुपये प्रति क्विंटल देगी। कांग्रेस ने आदिवासी को गरीब रखने का काम किया। जिनको कोई नहीं पूछता है उनको मोदी पूजता है। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान से 60 हजार गांव में आदिवासी का उत्थान किया जाएगा। चाईबासा में मेडिकल कालेज का काम झारखंड सरकार ने लटका कर रखा है। झारखंड की पहचान को बदलने के लिए घुसपैठ करा रही है। आदिवासी की रोटी, बेटी, माटी को बचाना है। मेरा लंबा समय आदिवासी को देख कर गुजरा है। भारत को विकसित करने के लिए महिला को सशक्त बनाना है, ये हमलोगों का वादा है। गोगो दीदी योजना महिलाओं का सम्मान करेगी। और बड़ी बात यह कि भाजपा ने ओडिशा में एक आदिवासी को सीएम बनाया। छत्तीसगढ़ में भी आदिवासी मुख्यमंत्री हैं। आदिवासी समाज के लोगों की भागीदारी हमारी सरकार में बहुत बड़ी है। यानि इशारा झारखंड में चंपई की तरफ था।

तो झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य में इंडिया गठबंधन की वापसी के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं। लेकिन पहले चंपई सोरेन और मंडल मुर्मू के साथ छोडने के बाद वह नुकसान उठाने की कगार पर हैं। हालांकि सोरेन ने आदिवासी कार्ड खेलने सहित कोई कसर नहीं छोड़ी है। पर वास्तव में झारखंड में इस बार ‘चंपई शो’ उनका खेल बिगाड़ने को तैयार है…।