MP में पदोन्नति पर रोक के कोई आदेश नहीं, GAD ने सूचना के अधिकार अधिनियम में दी जानकारी

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MP में पदोन्नति पर रोक के कोई आदेश नहीं, GAD ने सूचना के अधिकार अधिनियम में दी जानकारी

भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य में पदोन्नतियों पर रोक लगाने के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि सामान्य प्रशासन विभाग की अवर सचिव सुमन रायकवार ने सूचना के अधिकार अधिनियम में ग्वालियर के जयंतीलाल जाटव को यह जवाब दिया है। जबकि वास्तविकता यह है कि मध्यप्रदेश में पदोन्नतियों को लेकर मामला कोर्ट में विचाराधीन है और इसके चलते मध्यप्रदेश में फिलहाल पदोन्नतियां नहीं हो पा रही हैं।

ग्वालियर के 21 डफरन सराय पड़ाव निवासी जयंतीलाल जाटव ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत 5 फरवरी 2025 को सामान्य प्रशासन विभाग से जानकारी मांगी थी कि क्या मध्यप्रदेश में शासकीय नौकरियों में पदोन्नति पर कोई रोक लगाई गई है? इस संबंध में कोई आदेश राज्य सरकार ने जारी किया है जिसके कारण प्रदेश में पदोन्नति नहीं दी जा रही है। इसके जवाब में सामान्य प्रशासन विभाग की सहायक लोक सूचना अधिकारी और अवर सचिव सुमन रायकवार ने जाटव को 17 मार्च 2025 को लिखित जवाब दिया है। इसमें उन्होंने कहा है कि सामान्य प्रशासन विभाग, कार्यालय द्वारा पदोन्नतियों पर रोक के संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किये गए है। इस जवाब के साथ उन्होंने जयंतीलाल जाटव को यह भी कहा है कि यदि वे इस जानकारी से असंतुष्ट है तो पत्र प्राप्ति के तीस दिन के भीतर प्रथम अपीलीय अधिकारी सचिव सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय को अपीलीय फीस पचास रुपए का नॉन ज्यूडीशियल स्टांप या भारतीय पोस्टल आॅर्डर मुख्य लेखाधिकारी लेखा शाखा मंत्रालय भोपाल के नाम देय अथवा इतनी ही राशि नगद जमा कर रसीद संलग्न कर प्रथम अपील प्रस्तुत कर सकते है।

सूचना के अधिकार अधिनियम में ग्वालियर के जयंतीलाल जाटव को दिए गए इस जवाब के संबंध में जब सामान्य प्रशासन विभाग की अवर सचिव सुमन रायकवार से पूछा कि क्या सूचना के अधिकार अधिनियम में आपने इस तरह की जानकारी दी है तो उन्होंने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत पदोन्नति पर रोक संबंधी कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। जब उनसे पूछा गया कि जब मध्यप्रदेश सरकार की ओर से पदोन्नति में आरक्षण को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है जिसके कारण पदोन्नतियां नहीं हो पा रही है तो उनका कहना था कि कोर्ट के आदेश पर वे कुछ टिप्पणी नहीं करना चाहेंगी लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग ने पदोन्नतियों को रोकने के लिए कोई आदेश जारी नहीं किए है।

 

*_पूर्व मुख्यमंत्री के आदेश का ही GAD में पालन नहीं-_*

मंत्रालयीन सेवा अधिकारी-कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के कार्यकाल में मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की समिति की बैठक के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने 9 मार्च 2020 को एक आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि जब तक सुप्रीम कोर्ट से प्रकरण में अंतिम निर्णय नहीं हो जाता तब तक विभागों में समयमान वेतनमान के आधार पर उच्च वेतन और उच्च पदनाम जारी किया जाए। लेकिन इस आदेश का पालन सामान्य प्रशासन विभाग ने ही नहीं किया कुछ विभागों ने जरुर इसका पालन किया है। नायक का कहना है कि प्रदेश में पदोन्नति में आरक्षण को लेकर 2016 से मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और एक लाख से अधिक शासकीय कर्मचारी बिना पदोन्नति के सेवा निवृत्त हो चुके है। पूर्व सीएम के निर्देश पर जारी जीएडी के परिपत्र का पालन ही सरकार कर ले। नायक का कहना है कि मध्यप्रदेश में पदोन्नतियां बंद है। पदोन्नति में आरक्षण का क्लाज हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था। जिसको लेकर राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है। सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए है लेकिन इसकी गलत व्याख्या राज्य सरकार ने कर ली है। इसका अर्थ पदोन्नतियां बंद करना नहीं था बल्कि पदोन्नति में आरक्षण दिए बिना पदोन्नति दी जाना था।